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हार्ट अटैक आया है या पैनिक अटैक? डॉक्टर ने दोनों के लक्षण बताए हैं

जो लोग बहुत तनाव से जूझ रहे हैं, वो पैनिक अटैक पड़ने पर उसे हार्ट अटैक समझ लेते हैं. दोनों में फर्क नहीं कर पाते. अब अगर पहले से सही जानकारी हो, तो दोनों के लक्षणों में अंतर पता लगाया जा सकता है.

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हार्ट अटैक और पैनिक अटैक के लक्षण बहुत मिलते-जुलते होते हैं (फोटो: Getty Images)

हार्ट अटैक और पैनिक अटैक. इनके लक्षण आपस में बहुत ज़्यादा मिलते-जुलते हैं. इसलिए जो लोग बहुत तनाव से जूझ रहे हैं, वो पैनिक अटैक पड़ने पर उसे हार्ट अटैक समझ लेते हैं. दोनों में फर्क नहीं कर पाते. अब अगर पहले से सही जानकारी हो, तो दोनों के लक्षणों में अंतर पता लगाया जा सकता है.

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क्या हैं हार्ट अटैक और पैनिक अटैक के लक्षण? इनके बीच क्या फर्क है? ये हमें बताया पारस हेल्थ, गुरुग्राम में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एंड यूनिट हेड, डॉक्टर अमित भूषण शर्मा ने.

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डॉ. अमित भूषण शर्मा, डायरेक्टर एंड यूनिट हेड, कार्डियोलॉजी, पारस हेल्थ, गुरुग्राम

डॉक्टर अमित बताते हैं कि जब किसी को हार्ट अटैक आता है. तो उसके सीने में तेज़ दबाव के साथ दर्द महसूस होता है. ऐसा लगेगा जैसे सीने पर कोई बहुत भारी चीज़ रख दी गई हो. वहीं पैनिक अटैक में सीने के बीचों-बीच तेज़ चुभने वाला दर्द होता है. इसमें दबाव महसूस नहीं होता. बस लगता है कि जैसे कोई बहुत तेज़ कुछ चुभो रहा है.

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हार्ट अटैक का दर्द सीने से होते हुए बांह, कंधों और जबड़े तक पहुंच सकता है. पर पैनिक अटैक में ऐसा नहीं होता.

ज़्यादातर हार्ट अटैक हल्के दर्द और बेचैनी के साथ शुरू होते हैं. फिर अगले कुछ मिनटों में बहुत गंभीर हो जाते हैं. लेकिन पैनिक अटैक अचानक तेज़ी से आएगा. ये 10 मिनट के अंदर अपने पीक पर पहुंच जाएगा. फिर धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा. यानी हार्ट अटैक में दर्द समय के साथ गंभीर हो जाता है. मगर पैनिक अटैक में दर्द समय के साथ हल्का पड़ने लगता है. वो ठीक होने लगता है.

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हार्ट अटैक का दर्द सीने से होते हुए बांह, कंधों और जबड़े तक पहुंच सकता है

हार्ट अटैक आने पर सांस लेने में तकलीफ होती है. पसीना निकलता है. उबकाई-उल्टी सा लगता है. चक्कर भी आ सकते हैं. पैनिक अटैक में भी सांस लेने में तकलीफ होती है. पसीना आता है. उबकाई जैसा लग सकता है. चक्कर आ सकते हैं. साथ ही, धड़कनें तेज़ होना, कंपकपाना और पेट में ऐंठन या दर्द जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं.

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अगर आपको दिल से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको हार्ट अटैक आने का रिस्क ज़्यादा है. वहीं अगर आपको दिल की कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन आप बहुत स्ट्रेस में रहते हैं. एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर है. ट्रॉमा है या कोई दर्दनाक घटना घटी है. तब हो सकता है कि आपको पैनिक अटैक पड़ा हो.

अगली बार ऐसा हो तो आराम से बैठें. गहरी सांसें लें. खुद को शांत करने की कोशिश करें. अगर लक्षण कम हो जाएं. तो ये पैनिक अटैक हो सकता है. लेकिन अगर सीने में दर्द बना हुआ है या वो बढ़ गया है. बांह या जबड़े तक पहुंच गया है, तो ये हार्ट अटैक का लक्षण है. ऐसे में बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना ज़रूरी है. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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