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अमेठी में नाबालिग को 'जिंदा जलाने' के सारे आरोपी मुस्लिम हैं? सच्चाई परेशान कर देगी

अमेठी का एक मामला सोशल मीडिया पर वायरल है. कहा जा रहा है कि एक नाबालिग की 'हत्या' हुई है. आरोपियों को लेकर एक समुदाय विशेष पर निशाना बनाया जा रहा है.

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अमेठी में नाबालिग की हत्या में सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश. (तस्वीर:Aajtak)
दावा: 

यूपी के अमेठी से कुछ दिन पहले खबर आई कि यहां कथित तौर पर कुछ युवकों ने एक नाबालिग को आग लगाकर ‘जिंदा जला दिया’. बताया गया कि आरोपियों ने पीड़िता के घर में घुसकर इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया. इस मामले में पुलिस ने पांच नामजद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. लेकिन अब इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि युवती के साथ इस क्रूर घटना को अंजाम देने वाले सभी आरोपी एक ही समुदाय से थे.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर ‘सुदर्शन न्यूज’ ने ट्वीट कर लिखा, “अमेठी में बेखौफ जिहादी ने घर में घुसकर हिंदू नाबालिग बेटी को जिंदा जलाया. फैजान, जावेद अहमद, गुफरान पर मामला दर्ज.”

सुदर्शन न्यूज के पोस्ट का स्क्रीनशॉट

(ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है.)

इसके अलावा कई यूजर ने मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए पोस्ट शेयर किए हैं.

सोशल मीडिया पर अमेठी मामले में वायरल स्क्रीनशॉट
पड़ताल

‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में सामने आया कि इस मामले में आरोपी केवल एक समुदाय से नहीं हैं.

सच्चाई जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें ‘Quint Hindi’ की 27 अक्टूबर की एक रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि यह मामला अमेठी के बाजार शुक्ल इलाके का है जहां 16 साल की एक नाबालिग की कुछ दंबंगों ने हत्या कर दी. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे नाबालिग के पिता जितेंद्र शुक्ला ने देखा कि उनकी बेटी आग की लपटों में घिरी है और घर के पीछे से कूदकर कई लोग भागते हुए नज़र आ रहे हैं. पीड़िता को सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

मौके पर भारी संख्या में पुलिस भी पहुंची थी. पिता जितेंद्र शुक्ला की तहरीर पर शुक्ला थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया. रिपोर्ट के अनुसार, फैजान, प्रिंस पाल, जावेद अहमद, राम बहादुर यादव और गुफ़रान के अलावा तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 147 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

आजतक’ ने भी 27 अक्टूबर को इस घटना से संबंधित रिपोर्ट छापी थी. इसमें भी बताया गया है कि पुलिस ने फैजान, जावेद, गुफ़रान, रामबहादुर यादव के अलावा तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

इसके बाद हमने अमेठी पुलिस के ‘X’ हैंडल को खंगाला. यहां हमें 1 नवंबर को किया गया एक ट्वीट मिला. इसके मुताबिक, इस मामले में शामिल तीन आरोपियों ‘अब्दुल हमीद के बेटे मोहम्मद फैजान और गुफरान और राम प्रसाद के बेटे प्रिंस पाल’ को गिरफ्तार कर लिया गया है. ट्वीट में मौजूद प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि मामले में आईपीसी की धारा 147 (किसी भी क्राइम को अगर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति करते हैं तो यह धारा लगाई जाती है), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 354 ए (सेक्सुअल हरैसमेंट) के अलावा पॉक्सो एक्ट अधिनियम की धारा 7 और धारा 8 के तहत विवेचना की जा रही है.

अमेठी पुलिस का इस मामले में ट्वीट आया है.

घटना अमेठी के बाजार शुक्ल थाना क्षेत्र की है. इसलिए हमने वहां के मुसाफिर खाना के क्षेत्राधिकारी ऑफिसर गौरव सिंह से संपर्क किया. उन्होंने ‘दी लल्लनटॉप’ को बताया कि इस मामले में सांप्रदायिक एंगल नहीं है.  

उन्होंने हमें बताया, “इस घटना में आरोपी किसी एक समुदाय से नहीं हैं. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में से एक अभियुक्त के द्वारा सेक्शुअल हरैसमेंट करने के कारण मुकदमें में पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 और धारा 8 भी बढ़ाई गई हैं. इनविस्टेगिशन के दौरान यह मामला अबेटमेंट ऑफ सुसाइड का पाया गया, जिस वजह से इसमें आईपीसी की धारा 302 हटाकर धारा 306 (आत्महत्या के लिए विवश करना या उकसाना) बढ़ाई गई है. मामले की इनवेस्टिगेशन अभी जारी है.”

नतीजा

कुल मिलाकर, अमेठी में हुई नाबालिग की हत्या के मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.  


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