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नूपुर शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया? वायरल वीडियो के साथ गिरफ्तारी का दावा

वायरल वीडियो को नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी से जोड़ा जा रहा है.

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वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट
दावा

सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है. वायरल दावे में एक वीडियो है, जिसके आधार पर नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है. टिकटॉक के लोगो वाले इस वीडियो में पुलिस की भीड़ के बीच एक महिला नज़र आ रही है. इसके अलावा वीडियो में एक व्यक्ति महिला के बारे में जानकारी देते हुए कह रहा है,

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'ये वही नूपुर शर्मा है जिसने हमारे नबी की शान में गुस्ताखी की थी. चार दिनों से फरार थी. आज फाइनली इसको पकड़ लिया गया है और घसीट-घसीट कर इसको ले जा रहे हैं. इस वीडियो को जितना हो सके उतना शेयर करो. पूरे वर्ल्ड में वायरल होनी चाहिए. गौर से देखो इसे ये वही नूपुर शर्मा है.'

30 सेकेंड के इस वायरल वीडियो को शेयर कर फेसबुक यूजर निसार अहमद ने लिखा,

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खुशखबरी. नूपुर शर्म गिरफ्तार.

निसार अहमद के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट.


गौर करने वाली बात है कि वायरल वीडियो में महिला वाले हिस्से को अलग-अलग यूजर वॉइसओवर कर नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी का दावा कर रहे हैं. 
ट्विटर यूज़र्स भी वायल वीडियो को नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी बताकर ट्वीट कर रहे हैं.

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पड़ताल 


'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे का सच जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला. वायरल वीडियो का राजस्थान का है और इसका नूपुर शर्मा से कोई लेना-देना नहीं है.

वीडियो की  सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले हमने पूरे वायरल वीडियो को गौर से देखा. इसके बाद हमने पुलिस की वर्दी पर लगे बैज की तुलना अलग-अलग राज्यों की पुलिस यूनिफॉर्म से की. जांच में हमने पाया कि बैज का संबंध राजस्थान पुलिस से है.

वायरल वीडियो में दिख रहा बैज                                                                                                                                                                           राजस्थान पुलिस की वर्दी पर लगा बैज

बैज से हमें ये क्लू मिला कि वायरल वीडियो राजस्थान का हो सकता है. पड़ताल के दौरान हमें ट्विटर यूज़र भगवंत सिंह रूपल का एक ट्वीट मिला. 21 जून 2022 के ट्वीट में भगवंत ने लिखा,

वीडियो में दिख रही महिला नूपुर शर्मा नहीं हैं. इनका नाम भूमि बिरमी है और यह वीडियो पुराना है.

अपने ट्वीट में भगवंत ने वायरल वीडियो के ओरिजनल वर्जन का फेसबुक लिंक भी दिया है. हमने जब इस लिंक को ओपन किया तो हमें भूमि बिरमी के फेसबुक अकाउंट पर 1 मिनट आठ सेकंड का असली वीडियो मिला. 15 जून को पोस्ट किए गए इस वीडियो में से 38 सेकेंड के आगे वाले हिस्से को काटकर वायरल वीडियो बनाया गया है. घटना से जुड़े दूसरे वीडियो भी भूमि बिरमी ने अपनी फेसबुक अकाउंट पर शेयर किए हैं.

भूमि के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट.

आगे जब हमने भूमि की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पता चला कि भूमि राजस्थान के चूरू जिले की रहने वाली हैं और भारतीय किसान यूनियन के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हैं.

इसके अलावा अलग-अलग मीडिया संस्थानों जैसे patrika.com, First India News ने भी वायरल वीडियो को चूरू के तारानगर में हुए किसान प्रदर्शन का बताया है. पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक,

'15 जून को चूरू जिले के तारानगर में अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से कस्बे के कृषि उपज मंडी परिसर में बुधवार को घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन को लेकर किसान आम सभा का आयोजन किया गया. किसानों की प्रशासन के साथ मांगों को लेकर हुई वार्ता विफल हो जाने के बाद किसानों ने शाम करीब साढ़े 6 बजे नारे लगाते हुए जुलूस के रूप में कृषि उपज मंडी से रवाना होकर एसडीएम कार्यालय के मुख्य दरवाजे के आगे पहुंचे. किसानों ने एसडीएम कार्यालय में जबरन घुसने का प्रयास किया लेकिन दरवाजे पर तैनात पुलिस व आरएसी के जवानों ने किसानों को एसडीएम कार्यालय के बाहर मुख्य दरवाजे के आगे ही रोक लिया. इसके बाद किसानों ने एसडीएम कार्यालय के दरवाजे के आगे लगे पुलिस बैरिकेड व तंबू को उखाड़ दिया और एसडीएम कार्यालय के आगे दिल्ली बीकानेर हाईवे पर जाम लगाकर धरना देकर बैठ गए.'

वायरल वीडियो को लेकर हमने भूमि बिरमी से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि वीडियो में दिख रही महिला वो खुद हैं और ये वीडियो 15 जून को हुए प्रदर्शन का है.

नतीजा

हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ. वीडियो में दिख रहीं महिला भूमि बिरमी हैं न कि नूपुर शर्मा. किसान संगठन से जुड़ी भूमि बिरमी का यह वीडियो 15 जून को चूरू में हुए प्रदर्शन का है जिसे नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. 

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