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हमास ने इज़रायली सैनिकों को बारूद में लपेटकर जला डाला? वायरल वीडियो का सच कुछ और है

Israel Hamas संघर्ष के बीच एक क्रूरता भरा वीडियो सामने आया है. दावा है कि वीडियो में नज़र आ रहे सैनिक इज़रायली हैं.

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (तस्वीर:ट्विटर@naveenjindalbjp, तस्वीर:The Mirror)
दावा:

इज़रायल की सेना और हमास के चरमपंथियों (Israel-Hamas Conflict) के बीच चल रही जंग से जोड़कर कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. एक और वीडियो सामने आया है जिसमें सैनिक की यूनिफॉर्म पहने दो व्यक्ति नज़र आ रहे हैं. दोनों के हाथ बंधे हैं और उनको आग के हवाले कर दिया गया है. इसे शेयर करके दावा किया गया है कि वीडियो इज़रायली सैनिकों का है जिन्हें हमास के चरमपंथियों ने आग के हवाले कर दिया.

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “हमास के आतंकियों का क्रूर चेहरा देखिए. ये अमानवीय और पैशाचिक कार्यों का वीडियो हमास के आतंकियों द्वारा ही बनाया गया है जिसमें दो इजरायली सैनिकों को चेन से बांध उनके शरीर पर बारूद लपेट कर आग लगा दी गई और वे तड़प तड़प का मर रहे हैं. लेकिन फिर भी कुछ गद्दार हमास का समर्थन कर रहे है. हमास आतंकियों का सफाया बहुत जरूरी है, हम सबको इज़रायल का साथ देना चाहिए.”

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

(ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है.)

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इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने भी वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया है कि हमास ने इज़रायली सैनिकों के शरीर पर बारूद लपेट कर आग लगा दी.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट
पड़ताल

‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल वीडियो 7 साल से अधिक पुराना निकला जिसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है.

सच्चाई जानने के लिए हमने Invid टूल की मदद ली. इससे हमने वीडियो के अलग अलग फ्रेम बनाए. फिर उन फ्रेम को रिवर्स सर्च करके खोजा. हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. ब्रिटिश मीडिया संस्थान द मिरर (The Mirror) की वेबसाइट पर दिसंबर 2016 में छपी एक रिपोर्ट दिखी. इसमें वायरल वीडियो की तस्वीरें (स्क्रीनग्रैब) मौजूद हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो में नज़र आ रहे लोग तुर्की के सैनिक हैं जिन्हें आईएसआईएस (ISIS) के आतंकियों ने आग के हवाले कर दिया था.

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हमने इससे मदद लेते हुए गूगल पर कुछ और कीवर्ड सर्च किए. इससे हमें ‘अल जज़ीरा’ (AlJAZEERA) की वेबसाइट पर दिसंबर 2016 में छपी रिपोर्ट मिली. इसमें भी बताया गया है कि वीडियो को आईएसआईएस के आतंकियों ने संभवत: उत्तरी सीरिया में रिकॉर्ड किया था. वीडियो के सामने आने के बाद तुर्की सरकार ने वहां यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर (X) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया था.

इसके अलावा 'Syrian Human Rights Committee' की वेबसाइट पर दिसंबर 2016 में छपी रिपोर्ट भी मिली. इसमें बताया गया है कि वीडियो में नज़र आ रहे एक सैनिक ने अपना नाम फेथी साहिन बताया जोकि तुर्की के कोन्या शहर का रहने वाला था. वहीं दूसरे सैनिक ने अपनी पहचान सेफ़र तास बताई थी जो सीरिया के बॉर्डर के पास रहता था.

बीबीसी’ की वेबसाइट पर साल 2016 में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएस ने ऐसा तुर्की में मुस्लिमों के साथ हो रहे कत्लेआम का बदला लेने के मकसद से किया था. रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की ने अगस्त 2016 में आईएस के खिलाफ उत्तरी सीरिया में जंग छेड़ दी थी.

नतीजा

कुलमिलाकर, इज़रायली सैनिकों को हमास के चरमपंथियों के हाथों जलाए जाने का दावा गलत है. वायरल हो रहा वीडियो लगभग 7 साल पहले से इंटरनेट पर मौजूद है और इसे आईएसआईएस ने जारी किया था.

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वीडियो: पड़ताल: सिराज और राशिद के इज़रायल के समर्थन में ट्वीट करने का सच क्या है?

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