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पड़ताल: 'बिहार की बदहाली पर कटाक्ष' करती तस्वीर वाकई बिहार की है भी?

मतदान करते, कम कपड़ा पहने दिख रहे एक शख़्स की तस्वीर दिखाकर ये दावा किया जा रहा है.

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दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान की है.
बिहार चुनाव के दौरान ‘दी लल्लनटॉप’ और ‘फ़ेसबुक’ मिलकर फेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ मुहिम चला रहे हैं. आमतौर पर जनता के बीच जाकर हम फ़ेक न्यूज़ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वर्कशॉप करते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते एक जगह पर इकट्ठा होना मुमकिन नहीं है. इसलिए, ‘लल्लनटॉप’ और ‘फेसबुक’ मिलकर ऑनलाइन वर्कशॉप आयोजित कर रहे हैं. हमारी चार टीमें बिहार के मुद्दों को कवर करने के लिए बिहार यात्रा कर रही हैं. बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में पहुंची टीम कोसी से हमारे पाठक रजनीश सिंह ने एक तस्वीर शेयर की. बेहम कम कपड़े पहने, मतदान करते शख़्स की फोटो वॉट्सऐप और सोशल मीडिया शेयर करके 'नीतीश सरकार के राज में बिहार की बदहाली' दिखाने की कोशिश हो रही है. क्या है इसकी सच्चाई, जानिए-
दावा
मतदान करते दिख रहे एक शख़्स की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. दावा
किया जा रहा है कि ये शख़्स बिहार चुनाव में वोटिंग कर रहा है. तस्वीर में दिख रहे शख़्स ने सिर्फ अंगोछे से अपना शरीर ढंका है. तस्वीर दिखाकर बिहार की नीतीश सरकार पर कटाक्ष किया जा रहा है. हम दावे में बिना बदलाव किए ज्यों का त्यों लिख रहे हैं-
बिहार में नीतीश राज के 15 साल के विकास की जीती जागती तस्वीर वोट डालते हुए.😢 ये इसी उम्मीद से आए होंगे पोलिंग बूथ काश कुछ तस्वीर बदले जो ये भुगत रहे इनके बच्चे न भुगते 🙏😥
बिहार में नीतीश राज के 15 साल के विकास की जीती जागती तस्वीर वोट डालते हुए.😢 ये इसी उम्मीद से आए होंगे पोलिंग बूथ काश कुछ तस्वीर बदले जो ये भुगत रहे इनके बच्चे न भुगते 🙏😥
Posted by Democracy 24x7
on Thursday, 29 October 2020
फेसबुक पर कई यूज़र्स
ने ये दावा किया है.(आर्काइव लिंक
)
ट्विटर पर भी ऐसी ही दावा
किया जा रहा है. (आर्कइव लिंक
) पड़ताल
हमारी पड़ताल में तस्वीर के साथ किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक निकला. ये तस्वीर बिहार की नहीं, असम के कार्बी आंगलोंग जिला की है.
वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें 'द हिंदू
' वेबसाइट की एक रिपोर्ट मिली. 13 अप्रैल 2014 को पब्लिश्ड सुशांत तालुकदार की इस रिपोर्ट में असम के कार्बी आंगलोंग में रहने वाले जनजातीय लोगों के बारे में बताया गया था. तस्वीर के कैप्शन के मुताबिक, ये फोटो टिवा जनजाति के एक आदिवासी की है. फोटो कैप्शन के साथ इसे खींचने वाले ऋतु राज कंवर का नाम लिखा हुआ है.
ये तस्वीर कार्बी आंगलोंग, असम के एक मतदान केंद्र की है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव की.
ये तस्वीर कार्बी आंगलोंग, असम के एक मतदान केंद्र की है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव की.

इस रिपोर्ट में कार्बी आंगलोंग के अलग-अलग पेशे और तबके के लोगों से बात की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, 'यहां के लोग आए दिन होने वाले बंद (उग्रवादी संगठन बंद/हड़ताल का ऐलान करते हैं) से परेशान दिखे. स्थानीय लोगों का मानना है कि बंद से उनके बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है.'
इस तस्वीर का बिहार चुनाव से कोई नाता नहीं है. बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान हुआ था. 3 नवंबर को दूसरे और 7 नवंबर को तीसरे चरण के लिए मतदान होगा.
नतीजा
वायरल हो रही तस्वीर बिहार की नहीं, असम की है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान की ये तस्वीर असम के कार्बी आंगलोंग जिले के एक मतदान केंद्र में खींची गई थी.
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