The Lallantop

पड़ताल: क्या कैडबरी चॉकलेट खाने से एड्स हो सकता है?

सोशल मीडिया कह रहा है कि कैडबरी न खाओ, एचआईवी लग जाएगा.

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कैडबरी के उत्पादों को लेकर ये अफवाह पूरी दुनिया में फैली थी.
‘दी लल्लनटॉप’ देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के अलावा फेसबुक के साथ मिलकर देश के अलग-अलग इलाकों में फ़ेक न्यूज़ से बचने के लिए वर्कशॉप कर रहा है. इस कड़ी में हमारी टीम पहुंची दिल्ली के अलग-अलग इलाके में. यहां ‘दी लल्लनटॉप’ के रिपोर्टर नीरज ने ऐसी ही वर्कशॉप की. वर्कशॉप अटेंड कर रहे ईशान रोहिल्ला ने एक खबर की सच्चाई जाननी चाही. जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुछ लोगों ने कैडबरी के प्रॉडक्ट को जहरीला बना दिया है.
ईशान रोहिल्ला के पास ये जानकारी सोशल मीडिया से पहुंची है. ईशान, दिल्ली में हमारी वर्कशॉप का हिस्सा बने थे.
ईशान रोहिल्ला के पास ये जानकारी सोशल मीडिया से पहुंची है. ईशान, दिल्ली में हमारी वर्कशॉप का हिस्सा बने थे.

ईशान रोहिल्ला चाहते हैं कि ‘दी लल्लनटॉप’ इस ख़बर की पड़ताल करे. हम इस खबर की पड़ताल पहले भी कर चुके हैं. चूंकि, ईशान को इस खबर पर शक है और ये खबर से फिर से शेयर की जा रही है, इसलिए हम दोबारा इसकी सच्चाई आपके तक पहुंचा रहे हैं. दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मेसेज में अंग्रेजी में लिखा है. यहां हम आपको हिंदी तर्जुमा बता रहे हैं:
कैडबरी कंपनी में काम करने वाले इस आदमी ने अपना एचआईवी संक्रमित खून कैडबरी प्रॉडक्ट्स में मिला दिया है. अगले कुछ हफ्तों तक कैडबरी का कोई प्रॉडक्ट न खाएं. ये खबर बीबीसी न्यूज़ पर भी दिखाई गई थी. प्लीज़ इस संदेश को उन तक पहुंचाएं जिनकी आप परवाह करते हैं
इस 'चेतावनी' की जड़ में ये स्क्रीनशॉट है -

ये फोटो है सारे मामले की जड़.
ये फोटो है सारे मामले की जड़.
पड़ताल कैडबरी के कई सारे उत्पाद लोगों में मशहूर हैं, खासकर बच्चों में. और जहां बात बच्चों पर आ जाती है, लोगों में डर बैठना स्वाभाविक है. इसीलिए हमने इस खबर की पड़ताल की. ये बात आपने पचास बार सुनी होगी कि एड्स छूने और साथ खाने से नहीं फैलता. एचआईवी - माने ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियंसी वायरस- जिससे एड्स फैलता है. ये वायरस शरीर के बाहर ज़िंदा रह ही नहीं सकता. उसके ज़िंदा रहने के लिए शरीर के द्रव्य- जैसे खून या म्यूकस की ज़रूरत होती है. म्यूकस शरीर में पैदा होने वाली चिकनाई को कहते हैं. ये दोनों उसके लिए मीडियम का काम करते हैं. अगर ये नहीं, तो एचआईवी नहीं.
अब अमेरिकी एजेंसी CDC की बात करते हैं. CDC यानी सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक ऐसी कोई घटना आजतक सामने नहीं आई है. जिसमें खाने से HIV होने का ज़िक्र हो. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर थोड़ी मात्रा में भी HIV इन्फेक्टेड खून या स्पर्म फूड में चला जाता है. तो उसके हवा के संपर्क में आने पर या फिर उसे पकाने पर वायरस पूरी तरह नष्ट हो जाता है. यहां तक कि अगर इतना सब कुछ होने के बाद भी अगर खाने के साथ गलती से पेट में चला गया, तो पेट का एसिड उस वायरस को पूरी तरह से खत्म कर देगा. इसलिए खाना खाने से HIV के होने का कोई सवाल ही नहीं है. और इसी तर्क के साथ ये संभव ही नहीं है कि डेरी मिल्क जैसी चॉकलेट में एचआईवी ज़िंदा रह जाए.
WHO के मुताबिक, HIV पॉजिटिव के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से HIV हो सकता है. HIV मरीज के शरीर में इस्तेमाल किए हुए इंजेक्शन को दूसरे व्यक्ति में इस्तेमाल करने से भी ये बीमारी हो सकती है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का ब्लड किसी दूसरे व्यक्ति में चढ़ाने से HIV वायरस फैलता है. यहां तक कि अगर किसी गर्भवती महिला में HIV वायरस होता है तो उससे जन्म लेने वाले बच्चे में भी यह वायरस आ सकता है. ये कभी भी हाथ मिलाने से, गले लगने से या फिर साथ खाना खाने से नहीं फैल सकता.
अब कैडबरी से जुड़ा मसला है, खबर भी बड़ी है. लेकिन इसके बावजूद कहीं मीडिया रिपोर्टिंग नहीं मिली. कैडबरी की तरफ से भी कोई चेतावनी नहीं मिली. न ही इस मामले से जुड़ी कोई गिरफ्तारी की खबर मिली. इस पड़ताल को आप फैक्ट चेक वेबसाइट स्नोप्स पर भी पढ़ सकते हैं.

इस स्टोरी की पड़ताल फैक्ट चेक वेबसाइट स्नोप्स ने भी की थी. जिसमें दावे झूठे पाए गए थे. (तस्वीर- स्नोप्स वेबसाइट की खबर का स्क्रीनशॉट)
इस स्टोरी की पड़ताल फैक्ट चेक वेबसाइट स्नोप्स ने भी की थी. जिसमें दावे झूठे पाए गए थे. (तस्वीर- स्नोप्स वेबसाइट की खबर का स्क्रीनशॉट)

चलिए अब तस्वीर की बात करते हैं. तस्वीर को गौर से देखने पर पता चलता है कि गिरफ्तारी इंटरपोल ने की है. रिवर्स इमेज पर सर्च करने पर इस तस्वीर की भी जानकारी मिल गई.
जिसकी गिरफ्तारी हुई है उसका नाम अमिनू ओग्वुचे है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1 मई 2014 को नाइजेरिया के न्यान्या टाउन एक बम धमाका हुआ था. ये आरोपी उसी धमाके का मास्टरमाइंड है. जिसकी गिरफ्तारी जुलाई 2014 में हुई थी.
ुुपपुपपपप
जिसकी तस्वीर वायरल हो रही है, उसी आरोपी की दूसरे एंगल से ली गई तस्वीर जो कई वेबसाइट पर भी छपी थी.
नतीजा तो कुल मिलाकर कहीं की तस्वीर को कहीं जोड़कर एक वायरल खबर बना दी गई. कैडबरी में एचआईवी के वायरस वाली बात कोरी अफवाह है. जब मन करे तब अपनी पसंद की चीज़ें खाइए, क्योंकि कुछ भी खाने से एचआईवी नहीं फैलता. कैडबरी की चॉकलेट से भी नहीं. ये खबर शत-प्रतिशत झूठ है. हमारी पड़ताल में ये खबर झूठी पाई गई.
अगर आपको चुनाव से जुड़ी या उसके अलावा भी किसी ख़बर पर शक हो तो हमें लिखें. हमारा पता है- padtaalmail@gmail.com