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पड़ताल: 1963 में ही हो गई थी कोरोना के 'ओमिक्रॉन' वेरिएंट की भविष्यवाणी?

वायरल तस्वीरों में ओमिक्रॉन वेरियंट को कुछ पुरानी फिल्मों से जोड़ा जा रहा है.

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Omicron Variant
दावा सोशल मीडिया पर कुछ फिल्मों के पोस्टर वायरल हो रहे हैं. इन पोस्टर का टाइटल है 'द ओमिक्रोन वेरिएंट' और टैगलाइन में लिखा है - 'वो दिन जब पृथ्वी बन गई श्मशान'.
दावा है कि ये पोस्टर्स 60 के दशक में आईं फ़िल्मों के हैं, जिन्हें अब कोरोना वायरस के नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' से जोड़कर देखा जा रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की भविष्यवाणी पहले ही की जा चुकी थी.
फ़िल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने वायरल पोस्टर ट्वीट
करते हुए लिखा - (आर्काइव
)
'विश्वास करें या बेहोश हो जाए. ये फ़िल्म 1963 में आई थी. टैगलाइन देखें.'
वेरिफाइड ट्विटर यूजर कारमाइन साबिया ने भी वायरल पोस्टर ट्वीट
किया. (आर्काइव
)
'ये फिल्म सचमुच में 1960 के दशक में बनी थी.'
इसके अलावा कई हॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ और अन्य वेरिफाइड ट्विटर यूज़र्स ने भी 'द ओमिक्रॉन वेरिएंट' के नाम से अलग-अलग फ़िल्मों के पोस्टर ट्वीट
किए. (आर्काइव
) पड़ताल 'द लल्लनटॉप' ने वायरल दावों की पड़ताल  की. हमारी पड़ताल में वायरल दावे भ्रामक निकले. वायरल पोस्टर्स के साथ छेड़छाड़ कर इन्हें सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
वायरल दावों की पड़ताल के लिए हमने शेयर किए जा रहे पोस्टर्स को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा. सर्च में हमें आयरिश कलाकार बैकी शिएटिल का ट्विटर प्रोफ़ाइल मिला. उन्होंने 28 नवंबर 2021 को एक ट्वीट
 किया था. इस ट्वीट में बैकी ने पोस्टर्स को फोटोशॉप करने और उनके 70 के दशक की फिल्मों से जुड़े होने की बात कही है. (आर्काइव
)
बैकी शिएटिल
 का ट्वीट अंग्रेज़ी में है. हम आपको उसका हिंदी अनुवाद पढ़वा रहे हैं,
नमस्ते. मुझे पता चला है कि मेरा एक पोस्टर स्पैनिश भाषा के ट्विटर पर एक कोविड से जुड़ी अफवाह के "सबूत" के रूप में प्रसारित हो रहा है. ये मूर्खता है. क्योंकि मुझे लगा था कि सुनने में ओमिक्रॉन वेरिएंट 70 के दशक की साइंस-फ़िक्शन फिल्मों की तरह लगता है. कृपया मेरे मज़ाक के कारण परेशान ना हों. धन्यवाद.
साथ ही बैकी शिएटिल ने एक दूसरे ट्वीट
 के कैप्शन में लिखा है -
मैंने फ्रेज़ 'द ओमिक्रॉन वेरिएंट' को 70 के दशक की कई साइंस फिक्शन फिल्मों के पोस्टर के साथ फ़ोटोशॉप किया था. #omicron
इंटरनेट पर हमें 1974 में आई  स्पैनिश फ़िल्म 'फेज़ IV' का पोस्टर भी मिला. इसी फ़िल्म के पोस्टर को फ़ोटोशॉप करके बैकी ने पोस्टर तैयार किया था.  ये फ़िल्म रेगिस्तानी चींटियों में अचानक पैदा हुए इंटेलिजेंस के बारे में है. इस वजह ये चींटियां एकजुट होकर इंसानों पर हमला कर देती हैं.
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शेयर की जा रही वायरल तस्वीर और असली पोस्टर.

ये तो हुई पहले पोस्टर की बात. वायरल हो रहा दूसरा पोस्टर 1966 में आई फ़िल्म 'साईबोर्ग 2087' को फ़ोटोशॉप करके बनाया गया है.
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शेयर की जा रही वायरल तस्वीर और असली पोस्टर

क्या है ओमिक्रॉन का पूरा मसला? 
बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना वेरिएंट B.1.1.529 को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित किया था. उन्होंने नए वेरिएंट को 'ओमिक्रॉन' नाम दिया था. ओमिक्रॉन शब्द ग्रीक अल्फाबेट में 15वें नंबर पर आता है. मई 2021 में WHO ने जटिलता और विवाद से बचने के लिए नामकरण का नया सिस्टम लागू किया था.
दरअसल 'द ओमिक्रोन वेरिएंट' के पोस्टर को लेकर पूरी बहस 1963 में रिलीज़ हुई इटालियन फ़िल्म 'ओमिक्रॉन' से जुड़ी है. ये फ़िल्म एक ऐसे एलियन पर आधारित थी जो एक इंसान के शरीर को काबू करके पृथ्वी के तौर-तरीके सीखता है ताकि उसके ग्रह के लोग पृथ्वी पर कब्ज़ा कर पाए. यूं तो इस फ़िल्म की कहानी से ओमिक्रॉन वेरिएंट का कोई लेना देना नहीं है. लेकिन ट्विटर यूज़र्स ने साइंस फिक्शन फिल्मों के फ़ोटोशॉप किये गए पोस्टरों को इस फ़िल्म के नाम से जोड़ कर ठेल दिया. नतीजा द लल्लनटॉप की पड़ताल में वायरल पोस्टरों और उनके साथ शेयर किए जा रहे दावे भ्रामक निकले. दरअसल इन पोस्टरों को फ़ोटोशॉप टूल की मदद से बनाया गया है. आयरिश कलाकार बैकी शिएटिल ने 70 के दशक की मशहूर साइंस फिक्शन फिल्मों के पोस्टरों को फ़ोटोशॉप करके इन्हें बनाया है. साथ ही 1963 में रिलीज़ हुई इटालियन फ़िल्म 'ओमिक्रॉन' एक एलियन पर आधारित थी जिसका ओमिक्रोन वेरिएंट से कोई संबंध नहीं है.
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