आज़ादी से पहले का भारत. महाराष्ट्र के सांगली जिले का पेठ इस्लामपुर गांव. 01 नवंबर 1944 की तारीख को एक बच्चे का जन्म हुआ. घरवालों ने नाम रखा, मुरलीकांत. आगे दुनिया उसे मुरलीकांत पेटकर के नाम से पहचानने-जानने वाली थी. बचपन से ही मुरली का झुकाव खेलकूद की तरफ था. दूसरे बच्चों की तरह कुश्ती के अखाड़े और हॉकी के मैदान में पाए जाते. हर फिल्म के स्क्रीनप्ले स्ट्रक्चर में Inciting Incident नाम का पॉइंट आता है. उस पॉइंट से किरदार की जर्नी शुरू होती है. या कहें तो हमेशा के लिए बदलने वाली होती है. मुरली जब 12 साल के हुए, तब ये पॉइंट उनके इंतज़ार में था. देखें वीडियो.
'चंदू चैम्पियन' को नौ गोलियां लगी, याददाश्त गई और इंडिया को पहला गोल्ड मेडल दिला दिया
Kabir Khan की फिल्म Chandu Champion में Kartik Aaryan ऐसे आदमी का रोल करने जा रहे हैं जिसे एक कुश्ती के मुकाबले की वजह से घर से भागना पड़ा था