नागराज मंजुले. मराठी सिनेमा का बड़ा नाम. अब तक सिर्फ दो ही फीचर फ़िल्में डायरेक्ट की हैं लेकिन वो दोनों ही इतनी कमाल रहीं कि नागराज मंजुले का एक नया ब्रांड ही स्थापित हो गया. उनकी फिल्मों की डिटेलिंग, सब्जेक्ट का चयन, हार्ड हिटिंग सोशल कमेंट्री, कैमरा एंगल्स, म्यूज़िक सब कुछ इतना आला दर्जे का रहा करता है कि महज़ उनके नाम से लोग फिल्म का टिकट कटवा लें. और यही वजह रही कि महज़ दो फिल्म पुराने मराठी फिल्म डायरेक्टर को हिंदी वाले ससम्मान अपने यहां ले आए. बड़ा प्रोजेक्ट मिला. सदी के महानायक कहलाने वाले अमिताभ को बतौर लीड लिया गया. और प्रॉडक्ट सामने आया ‘झुंड’ के रूप में. तो क्या नागराज मंजुले का फेमस मिडास टच ‘झुंड’ को ‘फैंड्री’ या ‘सैराट’ जैसी उंचाइयों पर ले जाने में कामयाब रहा? या फिर ‘झुंड’, ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’ का इश्तेहार बनकर रह गई? आइए बात करते हैं. देखें वीडियो.
अमिताभ बच्चन के लीड रोल वाली फिल्म ‘झुंड’ का रिव्यू
फिल्म को नागराज मंजुले ने डायरेक्ट किया है.
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