ये कहानी है एक ऐसे आदमी की, जो 24 साल बाद अपने गांव लौटता है और वहां की व्यवस्था को सिरे से बदलने की कोशिश करता है. सीरीज़ छुआछूत, जातिवाद और सामाजिक अंतरद्वंद्वों को ठीक तरीके से पर्दे पर उतारती है. ग्राम्य जीवन की कुरीतियों और रूढ़ियों को जांचती है और पूरे टाइम उनको सुधारने के प्रयास में लगी रहती है. सीरीज़ की शुरुआत में 10 से 15 सेकंड तक स्क्रीन ब्लैक रहती है और सिर्फ़ वॉयस ओवर चलता है. देखें वीडियो.