बहुत से लोगों के करियर में ये फिल्म मील का पत्थर साबित हुई, जैसे - राज कपूर, दिलीप कुमार और लता मंगेशकर. अपनी रिलीज़ के 68 साल ये फिल्म आज पूरे कर रही है.
इसी मौके पर लाए हैं फिल्म के कुछ किस्से जो याद करने लायक हैंः
#1. जब ये फिल्म बन रही थी तब नरगिस बड़ी स्टार थीं. उन्हें छोड़कर सभी एक्टर इंडस्ट्री में अपने पांव जमाने की कोशिश में लगे हुए थे. लेकिन इसके बाद उनके स्टार बनने का प्रोसेस शुरू हो गया. जैसे - राज कपूर शोमैन बनने लगे, दिलीप कुमार ट्रेजेडी किंग बनने की राह पर निकल गए. तब स्टार लोगों में ईगो के टकराव होने लगे थे. वे एक-साथ फिल्में करने से कतराने लगे. लेकिन इसी दौर में राज कपूर ने एक अच्छी कोशिश की.

'अंदाज़' फिल्म के एक दृश्य में राज कपूर.
राज कपूर अपने बैनर तले फिल्म 'संगम' (1964) बना रहे थे. इसमें दो हीरो थे. राज ने तब तक स्टार का तमगा पा चुके दिलीप कुमार को एक रोल ऑफर किया. दिलीप उनके तब से दोस्त थे जब वे फिल्मों में आए भी नहीं थे. लेकिन दिलीप कुमार ने ये फिल्म नहीं की. बाद में राज कपूर ने उस फिल्म में राजेंद्र कुमार को लिया. और ये फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई और राजेंद्र को अपने करियर में इस फिल्म से बहुत फायदा मिला.

फिल्म 'संगम' का पोस्टर.
#2. 'अंदाज़' वो दूसरी फिल्म थी जिसमें राज कपूर और नर्गिस ने साथ काम किया था. इससे पहले उन्होंने 1948 में आई 'आग' में काम किया था. वो कुछ खास सफल नहीं रही थी. लेकिन इस फिल्म के हिट होने के बाद राज कपूर और नरगिस की जोड़ी ने एक साथ 14 फिल्मों में काम किया. इतनी फिल्में साथ कीं इसलिए दोनों के प्यार की ख़बरें भी आईं. नरगिस ने एक इंटरव्यू में कन्फर्म भी किया था. लेकिन बाद में संबंध बदल गए और नरगिस ने सुनील दत्त से शादी कर ली.

किसी इवेंट में राज कपूर और नरगिस.
#3. 'अंदाज़' की 1949 में हुई रिलीज के बाद राज कपूर और दिलीप कुमार ने बॉक्स ऑफिस पर सिक्का जमाना शुरू कर दिया. उसी साल अगर राज कपूर की 'बरसात' आई जिसने कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़े, तो दिलीप कुमार की 'शबनम' लगी जिसने ताबड़तोड़ कमाई की. कमाल की बात थी कि दोनों फ़िल्में एक ही दिन 22 अप्रैल को रिलीज़ हुई थीं.

'अंदाज़'फिल्म का पोस्टर
#4. ये फिल्म अपने प्लेबैक सिंगर्स के लिए भी याद किया जाएगा. म्यूज़िक डायरेक्टर नौशाद ने दिलीप कुमार के लिए गायक मुकेश की आवाज़ चुनी थी, वहीं राज कपूर के गाने मोहम्मद रफी से गवाए. लेकिन इस फिल्म के सुपरहिट होने के बाद इन सिंगर्स की ऐसी हेरा-फेरी हुई जो समझ के परे थी. मुकेश जिन्होंने फिल्म में दिलीप कुमार को आवाज़ दी थी, उन्हें राज कपूर ने अपनी अगली फिल्मों से जोड़ लिया और मुकेश राज कपूर की आवाज़ बन गए. वहीं 'अंदाज' में राज कपूर की आवाज़ रहे रफी बाद में दिलीप साहब के लिए गाने लगे.
ये स्थिति बदली भी तो 9 साल बाद जब मुकेश ने दिलीप कुमार के लिए 1958 में आई 'मधुमती' में गाना गाया.

मुकेश के साथ राज कपूर (बाएं) और रफ़ी के साथ दिलीप कुमार (दाएं).
#5. फिल्म 'अंदाज़' लता मंगेशकर के लिए बहुत बड़ा मौका साबित हुई. कंपोजर नौशाद ने लता से फिल्म के चार गाने गवाए. शमशाद बेग़म जैसी बड़ी सिंगर के होने के बावजूद नौशाद ने लता को नरगिस की आवाज़ बनने का मौका दिया. फिल्म के डायरेक्टर से लेकर प्रोड्यूसर तक नौशाद के इस फैसले के खिलाफ थे, लेकिन नौशाद ने सबसे लड़कर ये मौका लता को दिया. मशहूर सिंगर शमशाद बेग़म की आवाज़ का इस्तेमाल फिल्म में नरगिस की दोस्त कुक्कू के लिए किया गया था.

एक सिटिंग के दौरान नौशाद के साथ लता मंगेशकर.
#6. लता तब अपने करियर के शुरुआती दौर में थी और बड़े एक्टर-डायरेक्टर्स को देखकर नर्वस हो जाती थीं. ऐसे में उन्हें नौशाद ने हिम्मत देते हुए कहा था कि भूल जाओ कि तुम्हारे आसपास कोई है. नौशाद की हिम्मत से लता बूस्ट अप हो गईं और रिकॉर्डिंग के दिन पूरी टीम की मौजूदगी में ऐसा गाया कि सबने खड़े होकर उनके लिए तालियां बजाई. राज कपूर को लता की आवाज़ इतनी पसंद आ गई कि उन्होंने अपनी अगली फिल्म 'बरसात' के सारे गाने उनसे ही गवाने का फैसला कर लिया. उसके बाद लता लगातार शीर्ष पर कैसे बढ़ती गईं, ये बताने की जरूरत नहीं है.