Dharmendra पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में हैं. उनकी तबीयत खराब चल रही है. हॉस्पिटलाइज़ हुए थे. अब घर लौट आए हैं. इसलिए अचानक से उनसे जुड़ी बातें और किस्से-कहानियों का दौर चल पड़ा है. धर्मेंद्र से जुड़ा एक मज़ेदार किस्सा हम आपको सुनाते हैं. जब पूरी फिल्म इंडस्ट्री अंडरवर्ल्ड से डरे बैठी थी, तब धर्मेंद्र ने अंडरवर्ल्ड को ही धमका दिया.
"तुम्हारे पास 10 लोग हैं, मेरे पास..." - जब धर्मेंद्र ने अंडरवर्ल्ड की खटिया खड़ी कर दी
एक आदमी ने धर्मेंद्र पर चाकू से हमला किया. मगर उन्होंने मिनट भर में ही उसे चित्त कर दिया.


ये किस्सा बताया 'अर्जुन' और 'त्रिदेव' जैसी फिल्मों में काम कर चुके एक्टर-डायरेक्टर सत्यजीत पुरी ने. फ्राइडे टॉकीज़ से हुई बातचीत में उन्होंने कहा,
"उस समय अंडरवर्ल्ड बहुत ताकतवर हुआ करता था. अगर अंडरवर्ल्ड किसी एक्टर को फोन करता, तो वो डर जाते थे. लेकिन धरमजी और उनका परिवार कभी नहीं डरा. धरमजी उन्हें कहते थे- ‘अगर तुम मेरे पास आओगे, तो पूरा साहनेवाल (धर्मेंद्र का गांव) आ जाएगा. तुम्हारे पास 10 लोग हैं, लेकिन मेरे पास पूरी आर्मी है. एक बार बोलूंगा और ट्रक भरके आएंगे पंजाब से लड़ने के लिए. तो तू मेरे से पंगा न ले’. और सच में, अंडरवर्ल्ड ने उसके बाद कभी उनसे पंगा नहीं लिया."
धर्मेंद्र की पर्सनैलिटी के बारे में बात करते हुए सत्यजीत ने उन्हें मौजूदा दौर से एक्टर्स से बिल्कुल अलग बताया. उन्होंने अपनी बात को पुख्ता करने के लिए एक और अफसाना सुनाया. सत्यजीत ने कहा,
"एक बार एक फैन ने धर्मेंद्र पर चाकू से हमला कर दिया था. लेकिन धर्मेंद्र ने उसे एक मिनट के अंदर टैकल कर लिया. आजकल के एक्टर्स अपने साथ बॉडीगार्ड्स और 6 गनमैन लेकर चलते हैं. लेकिन उस समय धर्मेंद्र और विनोद खन्ना जैसे एक्टर्स बिना किसी डर के अकेले ही घूमते थे."
एक अन्य घटना के दौरान धर्मेंद्र ने एक घोड़े को घायल होने से बचा लिया था. सत्यजीत ने बताया कि ‘गुलामी’ फिल्म एक सीन में धर्मेंद्र के किरदार को घोड़े पर बैठकर एक महल में जाना था. वहां उनका बॉडी डबल भी मौजूद था. मगर उन्होंने ये स्टंट खुद करने का फैसला किया.
महल में जाने के लिए घोड़े को मार्बल की एक सीढ़ी पर चढ़कर जाना था. मगर दिक्कत तब शुरू हुई, जब घोड़े ने वहां पेशाब कर दिया. इस वजह से सीढ़ी पर फिसलन हो गई. किसी और शख्स ने ये देखा नहीं था. इसलिए जब घोड़ा सीढ़ी पर चढ़ा, तो बुरी तरह फिसलने लगा. वो अपने दोनों पैरों पर खड़ा हो गया. मगर इससे पहले कि वो अपनी पीठ के बल गिरता, धर्मेंद्र ने अपना बायां पैर नीचे रखा और उसे संभाल लिया. इससे वो घोड़ा गिरने से बच गया.
बाद में उन्होंने उस घोड़े के मालिक को 200 रुपये दिए ताकि वो घोड़े की मरहम-पट्टी हो सके. सत्यजीत बताते हैं कि यदि उस दिन कोई दूसरा एक्टर होता, तो अपने हाथ-पैर तुड़वाकर महीनों हॉस्पिटल में पड़ा होता. मगर धर्मेंद्र ने सिर्फ खुद को नहीं, बल्कि घोड़े को भी बचा लिया.
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