फिल्मों के गाने लिखने से पहले Varun Grover कॉमेडी शोज़ लिखा करते थे. उन्होंने Farhan Akhtar के लिए भी कॉमेडी शो लिखा था. उनके लिखे जोक्स पढ़ने के लिए फरहान को जितने रुपए मिलते थे, वरुण ग्रोवर के हाथ उसका 100वां हिस्सा आता था. वरुण को ये मंजूर नहीं था. इसलिए शो छोड़ दिया. और फरहान के बारे में जो कहा, उसने सुर्खियां बटोरीं. पिछले दिनों जब वरुण ग्रोवर The Lallantop के खास कार्यक्रम Guest In the Newsroom में आए, तो पूरा वाकया सिलेसिलेवार ढंग से सुनाया. कहा,
"मेरे लिखे जोक्स पढ़कर फरहान 45 लाख कमाते, और मुझे 45 हज़ार ही मिलते"
वरुण ग्रोवर ने बताया कि फरहान उनके लिखे जोक्स को बहुत खराब ढंग से पढ़ते थे.

“वो शो था ‘ओए इट्स फ्रायडे’. साल 2008-09 के बीच आया था. उस शो पर मैं स्टैंडअप कॉमेडी लिखता था. पांच मिनट की स्टैंडअप कॉमेडी होती थी इसमें. तब तक बतौर राइटर, मैं टीवी पर काफी काम कर चुका था. शेखर सुमन, विनय पाठक के लिए स्टैंडअप लिख चुका था. यहां मुझे लगा कि जो मैं लिख रहा हूं उसमें परफॉर्मर की तरफ़ से कोई वैल्यू एडिशन नहीं हो रहा है. जैसा पहले होता था. पहली बार मुझे ये पता चला कि एक्टर्स को मिलता कितना है. मुझे पता चला कि उन्हें एक एपिसोड के 45 लाख मिल रहे हैं. जबकि मेरे 45 हजार ही आ रहे हैं. मुझे लगा कि ये तो ग़लत है. सरासर नाइंसाफ़ी है. फरहान वैसे भी कोई वैल्यू एडिशन नहीं कर रहे हैं. अगर ख़राब ढंग से ही बोलना है तो मैं ही बोल लूंगा.”
ग्रोवर ने बताया कि इसके बाद उन्होंने वीर दास की तरफ से आयोजित करवाए गए कॉमेडी कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया. यहीं से वो परफॉर्मर बने. उन्होंने कहा,
“मुंबई की पहली कॉमेडी कॉम्पीटिशन थी वो. पहली बार मैं स्टेज पर चढ़ा और मैं जीत गया. तब मुझे लगा कि मैं जो लिख रहा हूं वो बोल भी सकता हूं.”
वरुण ग्रोवर 2006 से प्रोफेशनली काम कर रहे हैं. अनुराग कश्यप की ‘दैट गर्ल इन यैलो बूट्स’ के लिए उन्होंने गाना लिखा.' गैंग्स ऑफ वासेपुर' के गाने लिखे. ‘दम लगा के हईशा’ के गाने ‘मोह मोह के धागे’ के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. बतौर डायरेक्टर उनकी पहली शॉर्ट फिल्म Kiss हाल ही में Mubi पर रिलीज़ हुई है.
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