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वेब सीरीज़ रिव्यू- द ग्रेट इंडियन मर्डर

इंडिया में जब भी पॉलिटिकल कॉन्टेंट बनता है, तो उसमें राजनीति कम सिनेमैटिक लिबर्टी ज़्यादा होती है.

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सीरीज़ 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' के क्रेडिट प्लेट का स्क्रीनग्रैब. इस फोटो में विकी राय को गोली लगती नज़र आ रही है.
डिज़्नी+हॉटस्टार पर नई सीरीज़ रिलीज़ हुई है. इसका नाम है- 'द ग्रेट इंडियन मर्डर'. ये सीरीज़ विकास स्वरूप के नॉवल 'सिक्स सस्पेक्ट्स' पर बेस्ड. ये वही विकास स्वरूप हैं, जिनकी Q & A नाम की की किताब पर ऑस्कर विनिंग फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' बनी थी.
'द ग्रेट इंडियन मर्डर' की कहानी शुरू होती है विकी राय नाम के एक रसूखदार बिज़नेसमैन के मर्डर से. विकी, छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री जगन्नाथ राय का बेटा है. मगर ये उसकी इकलौती पहचान नहीं है. वो बिगड़ैल और कैसानोवा किस्म का सक्सेसफुल बिज़नेसमैन है. विकी पर दो लड़कियों के रेप और मर्डर का इल्ज़ाम है. ये केस तीन साल चलता है. मगर अपने पिता की राजनीतिक पहुंच की बदौलत विकी बच जाता है. वो अपनी रिहाई सेलीब्रेट करने के लिए अपने दिल्ली वाले फार्महाउस में एक पार्टी रखता है. इसी पार्टी में विकी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है.
विकी राय, जिसके पिता की कुर्सी उसके कोर्ट केस के चक्कर में चली गई.
विकी राय, जिसके पिता की कुर्सी उसके कोर्ट केस के चक्कर में चली गई.


पुलिस तुरंत एक्शन में आ जाती है. वो विकी राय की पार्टी में मौजूद गेस्ट्स की जांच करती है. जिनके भी पास से गन बरामद हुई, उन सब से पूछताछ शुरू की जाती है. इसमें शामिल है छोटी-मोटी चोरी-चकारी करना वाला मुन्ना. अंडमान का निवासी एकेती, जो अपने भगवान की खोई हुई मूर्ती ढूंढ रहा है. बॉलीवुड एक्ट्रेस शबनम सक्सेना. स्प्लिट पर्सनैलिटी से जूझ रहे रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट मोहन कुमार, जिन्हें लगता है कि वो महात्मा गांधी हैं. और वेलफेयर ऑफिसर अशोक राजपूत. इन सब लोगों में एक चीज़ कॉमन हैं. इन सबके पास विकी राय को मारने की मजबूत वजह है. विकी के पिता जगन्नाथ राय के कहने पर इस केस की जांच CBI को सौंप दी जाती है. CBI ऑफिसर सूरज यादव और दिल्ली पुलिस की ऑफिसर सुधा भारद्वाज इस मामले की जांच करते हैं.
विधानसभा में अपने बेटे की मौत की सीबीआई जांच की मांग करते जगन्नाथ राय.
विधानसभा में अपने बेटे की मौत की सीबीआई जांच की मांग करते जगन्नाथ राय.


'द ग्रेट इंडियन मर्डर' एक दम फुल स्पीड में शुरू होती है. शुरुआती दो एपिसोड्स तो कैसे निकल जाते हैं, पता ही नहीं लगता. उसके बाद ये कहानी 'प्याज की तरह' खुलनी शुरू होती है. हर कैरेक्टर की बैकस्टोरी बताई जाती है. फिर उनके पॉइंट व्यू से उस मर्डर वाली रात की कहानी को दिखाया जाता है. इसी दौरान विकी राय से उनकी दुश्मनी की वजह भी सामने आती है. इतनी डिटेलिंग की वजह से आप कहानी के साथ इनवॉल्व हो जाते हैं. एक मर्डर केस की तफ्तीश से शुरू हुई कहानी इंडियन पॉलिटिकल सिस्टम की केस स्टडी बन जाती है. विकास स्वरूप के नॉवल में ये कहानी उत्तर प्रदेश में घटती है. मगर सीरीज़ में इसे छत्तीगढ़ शिफ्ट कर दिया गया है. क्योंकि जब आपके पास क्वॉलिटी कॉन्टेंट हो, तो कॉन्ट्रोवर्सी की क्या ज़रूरत!
सीबीआई ऑफिसर सूरज यादव, जो विकी राय मर्डर केस की जांच कर रहे हैं.
सीबीआई ऑफिसर सूरज यादव, जो विकी राय मर्डर केस की जांच कर रहे हैं.


पिछले दिनों एमेज़ॉन प्राइम वीडियो पर 'पाताल लोक' नाम की सीरीज़ रिलीज़ हुई थी. इंडिया में जब भी पॉलिटिकल कॉन्टेंट बनता है, तो उसमें राजनीति कम सिनेमैटिक लिबर्टी ज़्यादा होती है. 'पाताल लोक' में ये मिलावट आटे में नमक जितनी थी. 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' में उससे भी कम है. जॉनर के लिहाज़ से ये प्योर पॉलिटिकल सीरीज़ है. इसे डायरेक्ट किया है 'हासिल', 'पान सिंह तोमर' और 'साहब बीवी और गैंगस्टर' जैसी फिल्में बना चुके तिग्मांशु धूलिया. पॉलिटिक्स, बिज़नेस और क्राइम नेक्सस पर फिल्में/सीरीज़ बनाना उनकी यूएसपी है. नॉवल से स्क्रीन के लिए इसे तिग्मांशु ने विजय मौर्य और पुनीत शर्मा के साथ मिलकर अडैप्ट किया है.
दिल्ली पुलिस की तरफ से विकी राय मर्डर केस पर सूरज यादव के साथ सुधा भारद्वाज काम कर रही हैं.
दिल्ली पुलिस की तरफ से विकी राय मर्डर केस पर सूरज यादव के साथ सुधा भारद्वाज काम कर रही हैं.


'द ग्रेट इंडियन मर्डर' टाइटल सुनकर लगता है कि ये सीरीज़ मर्डर की बात करती है. मगर सीरीज़ देखने के दौरान आप रियलाइज़ करते हैं कि आपके साथ धोखा हुआ है. क्योंकि ये सीरीज़ मर्डर की मदद से इंडिया की बात करती है. इस कहानी में दो बेहद मजबूत किरदार हैं. पहला एकेती, जिसके भगवान की मूर्ति चोरी हो गई है. वो उसे ढूंढने के लिए कलकत्ता से लेकर चेन्नई, झारखंड और दिल्ली तक का सफर तय करता है. मगर पूरी सीरीज़ में वो सबसे कम बात करता है. क्योंकि उसे हिंदी और अंग्रेज़ी, दोनों ही भाषाएं अच्छे से नहीं आती. दूसरा कैरेक्टर है अंबिका सिंह नाम के राजनेता का, जिन्हें सिर्फ राजनीति की भाषा आती है. ये दो बिल्कुल कॉन्ट्रास्ट कैरेक्टर्स हैं, मगर बेहद ज़रूरी. जिस इंडिया के बारे में ये सीरीज़ बात करती है, ये उस इंडिया को दो हिस्सों में बांटते हैं.
एक शहर से दूसरे शहर फिरता एकेती, जिसके भगवान की मूर्ति चोरी होने की वजह से अंडमान में लोग मर रहे हैं.
एक शहर से दूसरे शहर फिरता एकेती, जिसके भगवान की मूर्ति चोरी होने की वजह से अंडमान में लोग मर रहे हैं.


एक मर्डर केस कैसे पूरे राज्य की पॉलिटिक्स को बदलकर रख सकता है, ये आपको 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' में देखने को मिलता है. सीरीज़ में विकी राय का रोल किया है जतिन गोस्वामी ने. ये आउट एंड आउट नेगेटिव कैरेक्टर है. इस सीरीज़ के ट्रेलर में दिखा था कि विकी की पीठ पर I Aam Saary गुदा हुआ है. सीरीज़ में आपको इसकी बैकस्टोरी बताई जाती है, जो बेहद डरावनी है. फिर आपको समझ आता है कि विकी जैसा है, वो क्यों है. हालांकि कोई भी चीज़ उसकी हरकतों को जस्टिफाई नहीं कर सकती. विकी के रोल में जतिन गोस्वामी ने फुल ऑन मचाया है. जब कोई एक्टर अपना काम एंजॉय करता है, तो वो स्क्रीन पर रिफ्लेक्ट होता है. जतिन को देखते हुए आपको वो वाली फील आती है. 'मिर्ज़ापुर' का मुन्ना त्रिपाठी, उस कैरेक्टर का रेफरेंस पॉइंट लगता है. मगर विकी राय, मुन्ना से कहीं ज़्यादा मेनेसिंग बन पड़ा है.
विकी राय की पीठ पर खुदा आय एम सॉरी का गलत अंग्रेज़ी स्पेलिंग. इसके पीछे भी एक कहानी है.
विकी राय की पीठ पर खुदा आय एम सॉरी का गलत अंग्रेज़ी स्पेलिंग. इसके पीछे भी एक कहानी है.


विकी के पिता जगन्नाथ राय के रोल में हैं आशुतोष राणा. आशुतोष राणा जैसे एक्टर्स किसी भी रोल में जान डाल देने के लिए जाने जाते हैं. वो चीज़ आपको यहां भी दिखती है. रघुबीर यादव ने मोहन कुमार का रोल किया है, जो अपनी कनविनिएंस के हिसाब से महात्मा गांधी बन जाते हैं. सुधा भारद्वाज बनी हैं ऋचा चड्ढा, जो तमाम दिग्गजों के बीच अपनी जमीन बचाए रखती हैं. CBI ऑफिसर सूरज यादव का कैरेक्टर प्ले किया है प्रतीक गांधी ने. प्रतीक को अब 'स्कैम 1992' फेम एक्टर बुलाना बंद कर देना चाहिए. क्योंकि ये आदमी हर फिल्म या सीरीज़ में अपनी परफॉरमेंस को एक लेवल ऊपर ले जाता है. ये वो कैरेक्टर्स हैं, जो आपको पूरी सीरीज़ में दिखते रहते हैं. इन सबके बीच अंबिका सिंह के रोल में विनीत कुमार का स्पेशल मेंशन होना चाहिए. क्योंकि उनके रोल की लंबाई भले कम हो. मगर उसका प्रभाव पूरी कहानी पर दिखता है. और क्या कमाल का काम किया है उन्होंने.
अंबिका सिंह का रोल किया है विनीत कुमार ने. ये इस सीरीज़ का सबसे शातिर मगर मज़ेदार किरदार है.
अंबिका सिंह का रोल किया है विनीत कुमार ने. ये इस सीरीज़ का सबसे शातिर मगर मज़ेदार किरदार है.


'द ग्रेट इंडियन मर्डर' प्रॉपर पॉलिटिकल सीरीज़ है, जिसे राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को देखनी चाहिए. मगर जो राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखते, उन्हें तो ज़रूर देखनी चाहिए. मैं कभी पॉलिटिक्स में नहीं रहा, ना ही उस गेम में मेरी दिलचस्पी रही. मगर मुझे ये चीज़ हैरान करती है कि 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' तो फिक्शन है, वो भी 10 साल पुराने नॉवल पर बेस्ड. आज के टाइम में तो जमीनी हक़ीकत पता नहीं क्या होगी. 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' अपने नाम की तरह कोई ग्रेट सीरीज़ नहीं है. आप सीरीज़ देखते हुए कई सारे लूज़ एंड्स पाएंगे. मगर ओवरऑल ये सीरीज़ ठीक लगती है.

9 एपिसोड लंबी सीरीज़ 'द ग्रेट इंडियन मर्डर' को आप डिज़्नी+हॉटस्टार पर स्ट्रीम कर सकते हैं.