'खंभाखड़ी' नहीं सा, 'खम्मा घणी' होता है
10 मारवाड़ी शब्द, जिन्हें ज़ुबान में शामिल कर लो तो हियां हरियल हो जाए.
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फोटो - thelallantop
ये हिंदुस्तान है जहां तीन कोस में बोली बदल जाती है. मैं जैसलमेर से हूं और मेरे उधर दो बोलियां चलती हैं, मारवाड़ी और ढ़ाटकी. मैं फेसबुक पर ज्यादातर मारवाड़ी में लिखता हूं. जब हिंदी में लिख दूं तो मारवाड़ी में कमेंट आ जाते हैं. अब जिन्हें मारवाड़ी नहीं आती, वे पूछते हैं, यार ये तुम क्या लिखते हो. ये बन्ना क्या होता है. मिरगानेणी क्या है. अपने एक दिल्लीवासी दोस्त जोधपुर से लौटकर आए तो हर मिलने वाले को 'खंभाखड़ी' कहने लगे. फिर हमने कंधे पकड़कर बताया कि महाराज 'खम्मा घणी' होता है. ये शब्द सुनने में उन्हें बहुत प्यारे लगते हैं. मारवाड़ी की ध्वनि बड़ी ही खटकेदार है. आपको इससे मुहब्बत है तो 10 शब्द और बता देता हूं. नहीं है तो अब हो जाएगी.
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