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'दी कपिल शर्मा शो' को टाटा बाय-बाय कह दीजिए, उससे जबराट शो आ रहा है

'कपिल शर्मा शो' बंद हो गया, अब क्या देखेंगे आप? जवाब दिया है शेखर सुमन ने. जो उसकी जगह एक धांसू शो लेकर आ रहे हैं. पढ़िए उनका पूरा इंटरव्यू.

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'दी लल्लनटॉप' से शेखर सुमन की खास बातचीत

अब आप फेमस कॉमेडी शो 'दी कपिल शर्मा शो' को टाटा बाय-बाय कह दीजिए. लेकिन सोनी टीवी के दर्शक इस बात से उदास ना हों इसके लिए सोनी ने पहले से व्यवस्था कर रखी थी. 'दी कपिल शर्मा शो' की जगह अब एक नया शो शुरू हो चुका है. जिसका नाम है, 'इंडियाज़ लाफ्टर चैम्पियन'. 'दी लल्लनटॉप' ने इस शो के जज शेखर सुमन से बात की. जहां शेखर सुमन ने बताया किस तरह ये कॉमेडी शो बाकी दूसरे कॉमेडी शोज़ से अलग है. साथ ही उन्होंने अपने कुछ दिलचस्प किस्से भी 'दी लल्लनटॉप' के साथ साझा किए. जैसे राजू श्रीवास्तव किस बात से डरते थे? भगवंत मान मुख्यमंत्री बनने से पहले कैसे इंसान थें? अर्चना पूरन सिंह का हर जोक्स पर ज़ोर-ज़ोर से हंसना कितना सही है, या कितना गलत है?  

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‘दी लल्लनटॉप’ के साथ अपने किस्से साझा करते शेखर सुमन  


सवाल :-  जो आपका टॉक शो था, उसमें बहुत सारे मेहमान आएं, उनमें से कौन-सा गेस्ट आपको सबसे अच्छा लगा? जिससे आपकी बातें हुई, जो अब तक आपके साथ रहा हो.

शेखर सुमन :- किसी एक को बेस्ट कहना, किसी दूसरे के साथ बड़ी नाइंसाफ़ी है. उदाहरण के तौर पर अगर मुझसे कोई पूछे कि आपने इतने लोगों को इंटरव्यू दिया है, अब तक सबसे अच्छा इंटरव्यूवर कौन रहा? अगर मैं आपका नाम ना लूं तो आपके साथ बहुत नाइंसाफ़ी होगी. मेरे हिसाब से सारे गेस्ट बहुत अच्छे थे, और अगर नहीं होते थें, तो हम बात करके उन्हें अच्छा बना देते थे. बालासाहेब ठाकरे, शाहरुख ख़ान, अल्लाह रक्खा साहेब, ज़ाकिर हुसैन, अमज़द अली ख़ान साहेब, यशवंत सिन्हा, सुषमा स्वराज, विलास राव, और प्रमोद महाजन ऐसे बहुत लोग हैं, जिनसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लगा. होता ऐसा है कि लोग रहते वही हैं, लोगों के अनुभव भी लगभग एक जैसे ही होते हैं पर जिस तरह से आप उनसे बात करते हैं, उससे कुछ नया निकलकर आता है. जोकि उस इंटरव्यू को दूसरे इंटरव्यूज़ से अलग बनाता है.  

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सवाल :-आप हमें पंजाब के CM भगवंत मान के बारे में बताएं. जब वो आपके सामने थे, तब वो इंसान कैसे थें? उनकी कॉमेडी कैसी थी? क्योंकि आज जब हम उनको देखते हैं, तो उनका दर्ज़ा बहुत अलग है.

शेखर सुमन :- भगवंत मान जब आएं, तब मैनें सिद्धू जी से कहा था कि इस बंदे में कुछ तो अलग बात है. ये जो बोल रहा है, वो अलग है और इसकी सोच अलग है. तब ये नहीं पता था कि ये इंसान इतनी दूर तक जाएगा. उसमें कुछ तो अलग था. ये लोग बहुत सहज थे, खैर शुरुआती दिनों में सब सहज ही रहते हैं. बाद में कितना बदल जाएं, ये कहना बड़ा मुश्किल है. क्योंकि चीफ मिनिस्टर बनने के बाद उन्होंने मुझसे तो थैंक्यू नहीं कहा, कि आपके शो से निकलें और हमें ये दर्ज़ा मिला था. लेकिन शुरुआती दिनों में सब सहज ही होते हैं. हाथ जोड़ते हैं कि सर ख्याल रखिएगा, ज़रा नंबर अच्छे दीजिएगा, हमें भी आगे बढ़ना है. मुझे याद है, राजू श्रीवास्तव पहले भी कुछ शोज़ कर चुके थें. उस वक्त एक शो आने वाला था. उन्होंने मुझसे कहा, "सर आप मुझे बताइए कि मैं ये शो करूं या नहीं, कहीं मैं दूसरे या तीसरे नंबर पर रहा तो? इज्ज़त का सवाल है." तो मैंने उन्हें बोला, "आपकी इज्ज़त वहां बढ़ने ही वाली है. क्योंकि पूरा हिंदुस्तान आपको देखेगा. पहला, दूसरा या तीसरा आना, ये तो बस एक कॉम्पटिशन है. ये सब तो होता रहता है. तेंदुलकर भी कभी ज़ीरो पर आउट हो चुके हैं और कई बार लोअर रैंक के बल्लेबाज भी सेंचुरी मार चुके हैं. आप बहुत अच्छे हैं, पर हो सकता है, कोई और आपसे भी अच्छा हो. पर आप जाइए, जरूर जाइए क्योंकि आपको इससे फ़ायदा ही होगा." वो गए और तीसरे नंबर पर रहें. पर वो उन सभी फ़नकारों में सबसे ज्यादा फेमस हुए और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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सवाल :- राजीव निगम जो आपके ‘मूवर्स एण्ड शेकर्स’ शो के राइटर भी रहें, आप उनके बारें में क्या कहेंगे ?

शेखर सुमन :- राजीव निगम तो बड़े सुलझे हुए, संभलें हुए और बड़ी अच्छी सोच के कलाकार हैं. उन्होंने ‘मूवर्स एण्ड शेकर्स; के मेरे कई एपिसोड्स लिखें और कई सारे शो भी लिखें. ’मूवर्स एण्ड शेकर्स' में मेरी 20 लोगों की टीम थी. जिनके साथ मैं बातचीत करता था. उनमें से सारे लोग अब कहीं ना कहीं अच्छा कर रहें हैं. वो ‘मूवर्स एण्ड शेकर्स’ का कार्ड दिखाते हैं और उनको काम मिल जाता है. पर राजीव निगम ने बाद में परफ़ॉर्म करना भी शुरू किया और इन लोगों ने बहुत अच्छा काम किया. राजीव निगम थोड़े दबंग भी हैं और वो अपनी बाउन्ड्रीज को थोड़ा पुश भी करते हैं, इसलिए भी मुझे उनका अंदाज पसन्द है, उनकी राइटिंग पसन्द है.

सवाल :- हम मानते हैं कि आज के कॉमेडी शोज़ की नींव 'दी ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' जैसे शो से पड़ी है. क्या आपका आने वाला शो उस लेगेसी को आगे ले जा पाएगा?

शेखर सुमन :- इस बार हमारे पास बहुत ज़बरदस्त फ़नकार हैं. जिन्हें देखने के बाद लोग पिछले वालों को भूल जाएंगे. क्योंकि पिछले वाले सोचेंगे कि यही है, इससे अच्छा तो नहीं हो सकता, और नए वाले दिखाएंगे कि वो ह्यूमर के लेवल को आगे कहां तक ले गए. आप देखेंगे कि ओलम्पिक में कोई रिकार्ड बना लेता है तो लगता है इसे तोड़ा नहीं जा सकता. लेकिन फिर कोई कहीं से आता है और वो रिकार्ड तोड़ देता है. फिर चार साल बाद कोई और बेहतर आता है और वो पिछले वाले का रिकार्ड तोड़ देता है. इस तरह लोग बेहतर होते ही जा रहे हैं. इसी तरह इस शो में जो नए कलाकार आयें हैं, वो ज़बरदस्त हैं और बहुत अच्छा ह्यूमर लेकर आ रहें हैं. इसीलिए जो आने वाला शो है, वो पिछली लेगेसी को आगे ले जाएगा और बहुत बढ़िया तरीके से ले जाएगा. ये कहीं छुपे बैठे थे, जिन्हें कहीं मौका नहीं मिल रहा था, अब इन्हें मंच मिला. इस शो में 20 साल से लेकर 75 साल तक के कलाकार हैं, जो परफॉर्म कर रहें हैं. लेकिन उनकी सोच, उनकी एनर्जी कमाल की है. इस शो में पढ़े-लिखे लोग ज्यादा आए हैं, ये आपको हंसाते-हंसाते थोड़ा-सा झकझोर भी देते हैं. उनका जो तंज़ है, वो बड़े ऊंचे दर्ज़े का है. इसमें किसी को हंसाने के लिए लड़के को लड़की बनने की जरूरत नहीं है. या सिर पर कोई बड़ी-सी चोटी लगाने की जरूरत नहीं है.  

सवाल :- आप ‘इंडियाज़ लाफ्टर चैम्पियन’ में अर्चना पूरन सिंह के साथ जज बने हैं. वो जिस तरह ज़ोर-ज़ोर से हंसती हैं, आप वैसा बिल्कुल नहीं करते. तो आप खुद को अलग कैसे दिखाते हैं?

शेखर सुमन :- मैं थोड़े दूसरे मिज़ाज का और थोड़ा संज़ीदा किस्म का इंसान हूं. लोग अक्सर कहते हैं कि, "शेखर जी के आगे ज्यादातर जोक्स या ह्यूमर शहीद हो जाते हैं, ये तो हंसते ही नहीं हैं." ये सुनकर मुझे बहुत तकलीफ़ होती है. कई बार तो प्रोड्यूसर-डायरेक्टर आकर कहते हैं कि, "शेखर जी हंसिए." मैं कहता हूँ, "मुझ हंसी नहीं आ रही है, तो मैं कैसे हंस दूं." फिर ये ऐसा करने लगें कि मेरे हंसने के शॉट कहीं से काटकर कहीं लगाने लगें. लेकिन जहां मुझे हंसी आती है, मैं वहां खुलकर हंसता हूं. पर ज़बरदस्ती मैं नहीं हंस सकता. अर्चना ज़िन्दादिल इंसान हैं. वो खुलकर हंसती है. अगर वो ऐसा करती हैं, तो कोई गलत भी नहीं है. मैं थोड़ा ऐनालाइज़ ज्यादा करता हूं. वो भी ऐनालाइज़ करती है, पर वो हंस ज्यादा लेती है.

इस इंटरव्यू को पूरा देखने के लिए आप ‘दी लल्लनटॉप’ के यूट्यूब चैनल पर जा सकते हैं. इसे देखने के लिए क्लिक करें.  

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