2. शाहरुख इसमें अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय का रोल करेंगे. राकेश शर्मा का. वो 34 बरस पहले 2 अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाले फर्स्ट इंडियन बने थे. सिद्धार्थ रॉय कपूर की नई प्रोडक्शन कंपनी 'रॉय कपूर फिल्म्स' और रॉनी स्क्रूवाला की आरएसवीपी मिलकर इस फिल्म को प्रोड्यूस करेंगे.
3. फीमेल लीड के तौर पर भूमि पेडनेकर का नाम सुननेे में आ रहा है. पुष्टि होनी बाकी है. उनके अलावा भी कुछ जाने-माने एक्टर इस प्रोजेक्ट से जुड़ेंगे.

आमिर और शाहरुख.
4. पहले आमिर खान इस फिल्म के हीरो थे. वे राकेश शर्मा का रोल करने के अलावा फिल्म को प्रोड्यूस भी करने वाले थे. लेकिन फिर वो फिल्म से अलग हो गए. एक अपुष्ट बात है कि वे स्क्रिप्ट से संतुष्ट नहीं थे. दूसरी जानकारी ये भी है कि वे अपनी महा-मूवी 'महाभारत' को लेकर ज्यादा उत्सुक हैं और उसी में लगेंगे. ये भी बताया गया है कि उन्होंने ही शाहरुख से अनुरोध किया था कि वे 'सारे जहां से अच्छा' करें. आमिर के इस फिल्म में होने की पुष्टि खुद राकेश शर्मा ने की थी. फरवरी, 2017 में डेक्कन क्रॉनिकल से बात करते हुए उन्होंने बताया था, "आमिर मेरा रोल करने जा रहे हैं. लेकिन बाकी की कास्ट अब तय नहीं हुई है."
5. इस फिल्म का नाम दो बार बदला है. सबसे पहले भी इसका नाम 'सारे जहां से अच्छा' ही था. इस टाइटल के पीछे की कहानी ये है कि जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में थे और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की तो पूछा, "ऊपर से भारत कैसा लगता है आपको?" तो राकेश ने इसका जवाब देते हुए कहा, "मैं बगैर किसी झिझक के कह सकता हूं कि, सारे जहां से अच्छा."
6. उसके बाद फिल्म का नाम 'सैल्यूट' रखा गया. वो इसलिए क्योंकि राकेश शर्मा जिस स्पेस स्टेशन में ठहरे थे उसका नाम 'सैल्यूट-7' (Salyut 7) था. वे इसी सैल्यूट-7 के चैंबर में उड़ते और बातें करते दिखाई दिए थे. अप्रैल 1982 से लेकर फरवरी 1991 तक ये सोवियत अंतरिक्ष केंद्र अस्तित्व में रहा था. अब शाहरुख की कास्टिंग के बाद फिर से इसका नाम 'सारे जहां से अच्छा' होने की जानकारी है.
7. राकेश शर्मा की कहानी ये है कि 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उनका परिवार मुल्तान से पंजाब के पटियाला आया. यहीं राकेश का जन्म हुआ. बाद में उनका परिवार सिकंदराबाद (अब तेलंगाना में) के कैंटूनमेंट में बस गया जहां उनकी मां आर्मी स्कूल में टीचर थीं. राकेश ने बाद में हैदराबाद के निज़ाम कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन किया. फिर 18 की उम्र में इंडियन एयर फोर्स में कैडेट बन गए. ये 1966 की बात है. फिर वो नेशनल डिफेंस एकेडमी में भर्ती हुए. 1970 में उन्हें इंडियन एयर फोर्स में बतौर टेस्ट पायलट ले लिया गया. वहीं 1984 में उन्हें स्क्वॉड्रन लीडर और पायलट बना दिया गया. लेकिन उससे पहले सितंबर 1982 में भारत और सोवियत संघ के संयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनको चुना गया. 2 अप्रैल 1984 को कज़ाक़ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक के बाइकोनूर कॉस्मोड्रोम से सोवियत रॉकेट सोयूज टी-11 अंतरिक्ष में छोड़ा गया जिसमें राकेश भी थे और उसी के साथ वे अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय हो गए. उस रॉकेट में उनके साथ दो रूसी भी थे. इसके बाद भारत दुनिया के 14 ऐसे विशेष देशों की सूची में शामिल हो गया था जिन्होंने अंतरिक्ष में मानव भेजे थे. लौटने पर राकेश शर्मा को भारत ने शांतिकाल का सबसे ऊंचा वीरता पुरस्कार अशोक चक्र प्रदान किया. सोवियत संघ ने भी अपने मुल्क का सबसे ऊंचा पुरस्कार 'हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन' प्रदान किया. इंडियन एयर फोर्स से वे विंग कमांडर की रैंक पर रिटायर हुए. इस वक्त वे 69 वर्ष के हैं और पत्नी के साथ कुन्नूर की पहाड़ियों के बीच बसे अपने घर में रहते हैं.

Salyut-7 स्पेस स्टेशन में शर्मा और एनातोली सोलोवयोव. इंडिया टुडे के कवर पर राकेश.
8. महेश मथाई इस फिल्म को डायरेक्ट करेंगे. उन्हें विज्ञापन फिल्में बनाने का लंबा अनुभव है. उन्होंने 1999 में पहली फिल्म 'भोपाल एक्सप्रेस' डायरेक्ट की थी जो 1984 की गैस त्रासदी पर आधारित थी जिसमें करीब 8000 लोग मारे गए थे. वो फिल्म उन्होंने प्रसून जोशी और पीयूष पांडे से लिखवाई थी. शंकर-एहसान-लॉय ने म्यूजिक दिया था और उसी साल इस कंपोजर जोड़ी ने बॉलीवुड डेब्यू किया था. विज्ञापन फिल्मों में महेश को पहला ब्रेक 1983 में चांसलर सिगरेट का एड बनाने से मिला था. फिर बहुत बरस एड बनाते रहे. भारत में जब म्यूजिक वीडियो का दौर आ चुका था और लकी अली अपना पहला एल्बम 'सुनो' बना रहे थे तो महेश ने मदद की थी. इसमें 'ओ सनम' गाने का वीडियो भी महेश मथाई ने बनाया और प्रोड्यूस किया.
9. अंजुम रजबअली ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है. वे 'गुलाम', 'कच्चे धागे', 'पुकार', 'द लैजेंड ऑफ भगत सिंह' और 'राजनीति' जैसी फिल्मों के स्क्रीनप्ले लिख चुके हैं.
10. 'सारे जहां से अच्छा' की तैयारी 9-10 साल से चल रही है. बीते साल खुद राकेश शर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा था, "ये (फिल्म की प्लानिंग) सब पिछले आठ साल से चल रहा है. यहां तक आने में बहुत टाइम लग गया. ये फिल्ममेकर्स पहले अपने दूसरे प्रोजेक्ट्स में बिज़ी थे और मैं भी व्यस्त था. अभी मुझे नहीं पता कि फिल्म को कैसे हैंडल किया जाएगा."