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फिल्ममेकर सावन कुमार तक नहीं रहे, सलमान ने याद करते हुए लिखा- हमेशा प्यार और सम्मान किया

सावन कुमार तक लंबे समय से बीमार चल रहे थे. लंग इनफेक्शन के बाद 25 अगस्त की शाम हार्ट अटैक से उनका इंतकाल हो गया.

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सलमान खान के साथ सावन कुमार तक. दूसरी तरफ एक इंटरव्यू के दौरान सावन कुमार तक.

मशहूर फिल्ममेकर सावन कुमार तक नहीं रहे. गुरुवार को मुंबई में हार्ट अटैक की वजह से उनका निधन हो गया. सावन के भतीजे नवीन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की. नवीन ने बताया कि शाम 04:15 पर सावन कुमार तक ने अपनी आखिरी सांसें ली. उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. वो 86 साल के थे. सावन को 'सौतन', 'प्यार की जीत' और 'सनम बेवफा' जैसी फिल्में डायरेक्ट करने के लिए जाना जाता है.

सावन कुमार तक के करियर की आखिरी फिल्म थी 'सावन- द लव सीज़न'. 2006 में आई इस फिल्म में सलमान खान ने काम किया था. ये वही फिल्म थी, जिसका गाना 'तू मिला दे' खूब पॉपुलर हुआ था. सावन के गुज़रने की खबर आते ही सलमान खान ने उन्होंने सोशल मीडिया पर आखिरी विदाई दी. सलमान ने सावन कुमार तक के साथ अपनी एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा-

''आपकी आत्मा को शांति मिले सावन जी. हमेशा आपको प्यार और सम्मान किया.''

'सावन' के अलावा सलमान ने सावन कुमार तक के साथ 'सनम बेवफा' और 'चांद का टुकड़ा' जैसी फिल्मों में भी साथ काम किया था.

# इस वजह से याद किए जाएंगे सावन कुमार तक

सावन कुमार तक 9 अगस्त, 1936 को जयपुर में पैदा हुए थे. 1965 में वो फिल्मों में हीरो बनने के इरादे से मुंबई चले आए. स्टूडियोज़ के चक्कर काटे. काम नहीं मिला. सोचा दूसरों से काम मांगने की बजाय अपना कुछ शुरू किया जाए. उनके पास एक आइडिया था, जिस पर वो फिल्म बनाना चाहते थे. पिक्चर बनाने के लिए पैसे चाहिए थे. जो सावन के पास थे नहीं. बहन को फोन किया. बोला 25 हज़ार रुपए उधार दे दो. बहन ने सीधे मना कर दिया. मगर जीजा जी पैसे देने को तैयार हो गए. 

इस 25 हज़ार रुपए में सावन कुमार तक ने अपने करियर की पहली फिल्म 'नौनिहाल' प्रोड्यूस की. इसमें एकल 1967 में उनकी ये फिल्म रिलीज़ हुई. इसमें हरिहर जरिवाला नाम का एक्टर काम कर रहा था. बताया जाता है कि सावन कुमार तक ने उस लड़के का नाम बदल दिया. हरिभाई को बाद में दुनिया ने संजीव कुमार के नाम से जाना.

फिल्म ‘चांद का टुकड़ा’ की शूटिंग के दौरान श्रीदेवी के साथ सावन कुमार तक.

1972 में सावन कुमार तक ने बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फिल्म 'गोमती के किनारे' बनाई. इसमें मुमताज़ और मीना कुमारी ने लीड रोल्स किए थे. ये मीना कुमार के करियर की आखिरी फिल्म साबित हुई. बीमार रहते हुए मीना कुमारी ने ये फिल्म शूट की थी. जो उनकी डेथ के बाद रिलीज़ हुई.

सावन कुमार तक के करियर की सबसे चर्चित फिल्म रही 'सौतन'. ये फिल्म एक से ज़्यादा मायनों में खास रही. बताया जाता है कि मौरिशस में शूट होने वाली पहली हिंदी फिल्म थी. इसमें राजेश खन्ना और टीना मुनीम ने लीड रोल्स किए थे. 70 के दशक में राजेश खन्ना सुपरस्टार हुआ करते थे. हालांकि 80 के दशक में उनके स्टारडम में डेंट आ गई थी. फिल्में पिट रही थीं. 'सौतन' वो फिल्म मानी जाती है, जिसने राजेश खन्ना के करियर को थोड़ा बल दिया. इसके बाद आई 'अवतार' से मामला थोड़ा और सुधरा. मगर राजेश खन्ना वहां नहीं पहुंच पाए, जहां वो 70 के दशक में थे. आगे सावन कुमार तक ने 'हवस', 'अब क्या होगा', 'लैला', 'सनम बेवफा' और 'दिल परदेसी हो गया' जैसी फिल्में डायरेक्ट कीं.

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फिल्म ‘सौतन’ की शूटिंग के दौरान राजेश खन्ना के साथ सावन कुमार तक.

# ऋतिक रौशन की स्टारडम में सावन का बड़ा हाथ रहा

फिल्ममेकिंग के अलावा सावन कुमार तक ने कुछ फिल्मों के लिए गाने भी लिखे. उन्होंने ऋतिक रौशन की डेब्यू फिल्म 'कहो ना प्यार है' के लिए तीन गाने लिखे. ये गाने थे- 'चांद सितारे', 'जानेमन जानेमन' और 'प्यार की कश्ती में है'. किसी भी फिल्म की सफलता में गानों का बड़ा योगदान होता है. 'कहो ना प्यार है' म्यूज़िकली भी ब्लॉकबस्टर रही थी. इसलिए ऋतिक रौशन को स्टार बनाने में सावन कुमार तक का भी बड़ा रोल था.

सावन कुमार तक लंबे समय से बीमार चल रहे थे. लंग इनफेक्शन के बाद उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. बुधवार, 25 अगस्त की शाम उनका इंतकाल हो गया. 

वीडियो देखें: ऋतिक की पहली फिल्म, जो शाहरुख खान ने छोड़ी और सलमान खान ने बॉडी बनवाई