The Lallantop

राज़ रीबूट रिव्यू: क्लोज अप, मंगलसूत्र, अच्छे गाने और डरावना सेकंड हाफ

इस बार डर ड्रैकुला की कर्मभूमि पहुंच गया, फिल्म कैसी है रिव्यू में पढ़ो.

post-main-image
फोटो - thelallantop
राज़ रीबूट, राज़ सीरीज की चौथी फिल्म है. आपको ये बात पता है. हम ये फिर से इसलिए कह रहे हैं ताकि आप कुछ चीजों को पहले से समझ लें. कुछ चीजें पक्का होंगी.
मियां-बीवी होंगे. मियां-बीवी घर बदलेंगे. मियां काम का मारा होगा, जिससे बीवी त्रस्त होगी. एक कैरेक्टर का नाम आदित्य होगा.  मंगलसूत्र होगा. फैमिली फोटो होगी. विवाहेत्तर संबंध होंगे.  एक क्लोज फ्रेंड वाले मियां-बीवी होंगे. एक भूत भगाने वाला अटपटा सा ज्ञानी आदमी होगा, जो दिव्यांग होगा.
फिल्म का ट्रेलर जब आया तब एक ही बात मेरे भेजे में आई. ये मियां-बीवी अलग बेडरूम में काहे सोते हैं? जवाब मिला. तो फिल्म शुरू हुई. गौरव अरोरा उर्फ रेहान घर बदलते हैं. रोमानिया पहुंचते हैं. ड्रैकुला की कर्मभूमि. आपने वैन हेल्सिंग में देखी होगी.  बैंककर्मी होते हैं, नई जगह पर नई जॉब होती है. काम ज्यादा होता है. समय कम. हीरोइन उर्फ कृति खरबंदा माने शायना का एक ही सपना होता है, बच्चे पैदा करना. जिसके लिए पति तैयार नहीं होता. पहले ही दिन लड़ाई हो जाती है. इसलिए रेहान अलग बेडरूम में सोता है. राज़ वाली फिल्मों में यही होता है. मियां काम करता है, बीवी घर पर भूतों से लुका-छुपी खेलती है. 2002 से यही हो रहा है. https://www.youtube.com/watch?v=V496LGfxr38 गौरव अरोरा ने अच्छा काम किया है. ट्रेलर में वो भले लमटंगे से दिख रहे थे. एक्सप्रेशन अच्छे देते हैं. आवाज भी अच्छी है. जहां चाहा गया कि आप उनसे चिढ़ जाएं आप चिढ़ जाते हैं. जहां चाहा गया दया आए, दया आती है. फिल्म में रपट के क्लोज अप हैं. सच में बहुत ज्यादा. मुझे ये तक दिख गया कि उनके नीचे वाले होंठ के बीच में तिल है.
फिर भूत के बाद उनकी लाइफ में इंट्री होती है, इमरान हाशमी उर्फ आदित्य की. इमरान हाशमी ने इस फिल्म में भी वही किया है. जो करने में वो एक्सपर्ट हैं. बिगडैल एक्स बॉयफ्रेंड बने हैं. विवाहित स्त्री को चूम रहे हैं. इमरान हाशमी को स्क्रीन पर चुंबन दृश्य करते देखना ऐसा है, जैसा आप होमपेज पर जा पहुंचे हो. वो इतना मन्झ गए हैं कि आज भी कॉलेज के उठमिल्लू लड़के सरीखा किसिंग सीन देते हैं. क्लोज अप की बात चली थी, तो इमरान हाशमी के बाएं गाल में दो फुंसिया तक नजर आ रही थीं.
लोकेशन चिकोलाइट है. बर्फ-वर्फ है. हमको एसी में ठंडा रहा था देख के. लेकिन ये क्लोजअप सीन में न खपे होते तो और भी अच्छा-कलरफुल देखने को मिलता. फिल्म में गाने भले हैं. याद रखिए फिल्म को भट्ट जनों के साथ कुमारों ने भी प्रोड्यूस किया है. भूषन और किशन कुमार. गाने जबरिया ठूसे नहीं गए हैं. याद है ना = क्या तुम्हें याद है.  अब सवाल ये कि फिल्म डराती कितना है. फर्स्ट हाफ में थोड़ा-थोड़ा. बीच में तो आप भूल ही जाते हो कि भूतिया फिल्म है. लगता है लव स्टोरी है. सेकंड हाफ में फिल्म डराती है. कहीं-कहीं बहुत ज्यादा. ऐसा कि कीक निकल जाए. लेकिन सॉरी टू से, कभी तो हंसी ही छूट जाती है.एक सीन में कृति को बेड के नीचे भूत लगता है. हमें लगता है बचपन का सारा डर वापस आ गया. जब सबसे ज्यादा डर बिस्तर के नीचे झांकने में लगता था. फिल्म में एक सीक्रेट है, छोटा सा है, लेकिन जब खुलता है तो वाओ निकल जाता है. लेकिन ठीक उसके बाद से फिल्म में इन्होंने मंगलसूत्र छिछिया दिया. ये मंगलसूत्र से ऑब्सेस्ड लगते हैं. फिल्म में बहुत ज्यादा मंगलसूत्र है. और ये स्थापित किया गया है कि शादी का रिश्ता हर मर्ज़ की दवा है. Raaz-Reboot-poster-600x445 फिल्म में एकाध लोच भी हैं. हीरोइन घुसते ही जमीन पर आलते से शुभ लाभ लिखती है. प्लीज ब्रो, धर्म-वर्म यूज करना चाहिए लेकिन तुमने कहीं देखा है. जमीन में कौन शुभ-लाभ लिखता है, आलते से? एक सीन में भूत भगाने वाला आदमी किताब खोलकर गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करता है. बाकायदे पन्ने पलटाकर. जबकि वो 'अंधा' होता है. ये भी पता लगा कि अपने तरफ का भूत चर्च वाले पादरियों से नहीं डरता. गजेन्द्रमोक्ष से डरता है.भूत कूल है. फ-शब्द का बहुतायत में प्रयोग करता है. ये अच्छा लगा.
हॉल में मेरे बगल वाले ने दावा किया कि उसने हीरोइन को रोमानिया की जिप्सी औरत को गांधी जी वाली करेंसी देते देखा. मैंने ये चीज मिस कर दी. अगर ऐसा हुआ होगा, तो LOL प्लीज.
तो फिल्म में बहुत धर्म, बहुत मंगलसूत्र, बहुत शादी, बहुत क्लोजअप, अच्छा गाना-वाना और सेकंड हाफ में बहुत डर है. लंबे टाइम तक आप भूत को जज ही नहीं कर पाते. इसलिए डर लगता है. वन टाइम वाच है. ठीक-ठाक फिल्म है यार. विक्रम भट्ट से और क्या चाहिए?

बॉलीवुड में आज तक एक ही हॉरर फिल्म बनी है: राज़