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मां की मौत पर अखबार ने ऐसी ख़बर छापी, परेश रावल के सिर पर खून सवार हो गया

परेश रावल की मां के देहांत के बाद अखबार में ऐसी खबर छपी कि उससे परेश का ख़ून खौल गया. इतना कि ख़बर लिखने वाले को जान से मार डालने तक को कह डाला. आखिर ऐसा क्या लिखा गया था अख़बार में? क्यों परेश के सिर पर ख़ून सवार हो गया?

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परेश रावल की मां के देहांत की ख़बर जब मिली तब परेश रावल श्रीलंका में फिल्म 'रेडी' की शूटिंग कर रहे थे.

साल 2010. Ready फिल्म का सेट. टेक शुरू होने वाला है. Paresh Rawal, Salman Khan और Mahesh Manjrekar तीनों तैयार हैं. इतने में परेश को एक कॉल आता है. ख़बर बुरी है. मां चल बसीं. परेश सुन्न पड़ जाते हैं. मगर फिर भी कहते हैं कि कोई सीन बचा हो तो कर लो. बाद में प्रॉब्लम होगी. ऐसे कमिटेड एक्टर हैं परेश रावल. मगर इस पूरी घटना को जिस तरह अख़बारों में छापा गया, उससे परेश का ख़ून खौल गया. इतना कि ख़बर लिखने वाले को जान से मार डालने तक को कह डाला. आखिर ऐसा क्या लिख दिया गया था अख़बार में? क्यों परेश के सिर पर ख़ून सवार हो गया? ये सब उन्होंने The Lallantop के विशेष कार्यक्रम Guest in the Newsroom में बताया.

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दरअसल परेश रावल से पूछा गया था कि मां की मृत्यु के समय उनके सामने एक बड़ी दुविधा थी. परेश ने साफ़दिली से पूरी बात बताई. पढ़िए पूरा वाकया, परेश के ही शब्दों में...

"मां की मृत्यु के समय दुविधा कुछ नहीं थी. वो कोमा में चली गई थीं. अशोक अतुलकर डीन थे नानावटी अस्पताल के. मां वेंटिलेटर पर थीं. अशोक भाई ने कहा ये प्लग निकाल दो, क्योंकि आप उनकी जिंदगी लंबी नहीं कर रहे. उनकी मौत लंबी कर रहे हो. मैं करने गया जो उन्होंने कहा. तो एक फॉर्म देते हैं. वो मैं भर रहा था. मैंने कहा अशोक भाई मेरा तीन दिन का शेड्यूल है शूटिंग का श्रीलंका में. मैं करके आऊं तो चलेगा ना? वो बोले हां-हां, तब तक कुछ नहीं होगा. लाइफ सपोर्ट पर हैं. कोई प्रॉब्लम नहीं है. तो मैं चला गया."

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परेश रावल उन दिनों फिल्म रेडी की शूटिंग कर रहे थे. शेड्यूल श्रीलंका का था. इधर मां सख़्त बीमार. लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं. इस बारे में परेश ने आगे कहा,

“लंका में मुझे पता चला मां के जाने का. मेरी बहन का फोन आया. मैंने कहा ठीक है मैं आता हूं. अभी वहां से रात को तीन बजे एक ही फ्लाइट है. 23 जून 2010. कुछ सूझ नहीं रहा है मुझे. मैंने कहा कुछ है सीन-वीन तो कर डाल. बाद में प्रॉब्लम हो जाएगा मेरे को. तो एक छोटा सा सीन महेश मांजरेकर के साथ था. वो करके मैं आ गया. मुंबई आने के बाद दूसरे दिन पेपर में एक आइटम आती है. वो मुझे अच्छी तरह याद है कि वो किसी को प्लीज़ करने के लिए लिखवाई थी. मुझे अच्छी तरह याद है और पता है कि सलमान खान कभी ऐसा नहीं करेगा. सलमान खान की फैमिली को मैं अच्छी तरह जानता हूं. ब्लू ब्ल्ड है. ट्रूली ब्लू ब्लड. इसने ऐसा लिखवाया कि - अरे परेश को तो जाना ही नहीं था. परेश को तो काम ही करना था. सलमान ने कहा क्या हो गया है? पागल हो गया है तू? उसने कान पकड़ के परेश को भेजा है. अब घर में सगे वाले तो पढ़ते हैं ना. सब बोले - ये किया था तुमने? तुम्हें आना नहीं था? मां है. बाद में जो बंदा था मैंने उससे कहा '- तू मर जाएगा. मेरे हाथ आया तो मर जाएगा. वो दूसरों के नाम लेने लगा. इसने बोला, उसने बोला. सब गंदगी. क्या करेंगे आप यार ! आपकी ट्रेजेडी पर ऐसा कर रहे हैं. इस किस्म का खेल खेला गया था. गंदा.”

क्या वो आपकी जिंदगी का सबसे मुश्किल टेक था? जब आपको पता है कि मां का देहांत हो गया है. पहले वो होश में आईं. फिर कार्डिएक अरेस्ट हुआ और फिर चली गईं. जवाब में परेश ने कहा -

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"मैं बिल्कुल ज़ॉम्बी स्टेट में था. मुझे कुछ याद ही नहीं है. (पीछे की तरफ से सिर पर हाथ लगाते हुए बोले) क्योंकि मशीनरी ऐसी हो गई है दिमाग की, कि डायलॉग-वायलॉग याद रह गए. वरना..." 

इतना कहकर कुछ देर बस देखते रहे परेश. अपलक. मौन. शून्य.

1985 में आई फिल्म 'अर्जुन' में परेश पहली बार बड़े पर्दे पर नज़र आए. इसमें वो सपोर्टिंग एक्टर थे. आगे चलकर उन्होंने 'वो छोकरी' और 'सर' में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता. उनकी दो फिल्में आने वाली हैं. पहली है 'वेलकम टु द जंगल' जो अहमद खान डायरेक्ट कर रहे हैं. ये अक्षय और नाना पाटेकर स्टारर वेलकम फ्रेंचाइज़ की ही फिल्म है जिसका पहला भाग 2007 में आया था. परेश की दूसरी अपकमिंग फिल्म है 'हेरा फेरी 3', जिसके डायरेक्टर प्रियदर्शन हैं.

वीडियो: 'खिचड़ी' फिल्म में अमिताभ बच्चन और परेश रावल को कास्ट करने का प्लान था, फिर क्यों नहीं किया?

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