International Film Festival of India 2022 गोवा में चल रहा है. इसे शॉर्ट में IFFI बुलाते हैं. 20 नवंबर को शुरू हुआ था. 24 नवंबर को खत्म होगा. अन्य फिल्म फेस्टिवल्स की तरह यहां भी दुनिया की चर्चित फिल्मों का प्रीमियर होता है. फिल्मी दुनिया से जुड़े हुए लोग आते हैं. बातें करते हैं. IFFI 2022 के ऐसे ही एक सेग्मेंट में हिस्सा लेने Pankaj Tripathi पहुंचे थे. पंकज ने यहां बताया कि उन्हें साउथ से तमाम फिल्म ऑफर्स आते रहते हैं. मगर वो साउथ की फिल्मों में एक खास वजह से काम नहीं करना चाहते. पंकज का कहना है कि उन्हें किसी भी भाषा की फिल्म में हिंदी स्पीकिंग कैरेक्टर दिया जाएगा, तो वो ज़रूर करेंगे.
पंकज त्रिपाठी ने बताया कि वो साउथ की फिल्मों में काम क्यों नहीं करना चाहते
जबकि उनका डेब्यू ही कन्नड़ा फिल्म से हुआ था.

पंकज त्रिपाठी से पूछा गया कि वो हिंदी अलावा अन्य भाषा की फिल्मों में काम क्यों नहीं करते. जबकि आज कल मामला पैन-इंडिया हो चुका है. इसके जवाब में पंकज ने कहा-
''भाषा मेरे लिए कोई बाधा नहीं है. लेकिन मैं हिंदी सिनेमा को प्राथमिकता देता हूं. ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं हिंदी के साथ सहज हूं. मैं उस लैंग्वेज को समझता हूं. उसकी भावनाओं को, नुआंसेज़ को बेहतर समझता हूं. हॉलीवुड को भूल जाइए, मुझे तेलुगु और मलयालम फिल्ममेकर्स से ऑफर आते हैं. मगर मुझे लगता है कि मैं उन फिल्मों के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा. क्योंकि मैं वह भाषा नहीं बोल पाऊंगा. मैं वो भाव नहीं ला पाऊंगा. हालांकि अगर कोई मेरे लिए हिंदी स्पीकिंग कैरेक्टर लिख सकता है, तो मैं किसी भी भाषा की फिल्म में काम करने को तैयार हूं.''

पंकज ने इसी बातचीत में ये भी जोड़ा कि उनके हाथ हिंदी प्रोजेक्ट्स से इतने ज़्यादा भरे हुए हैं कि उनके पास हॉलीवुड या किसी अन्य भाषा की फिल्मों के लिए समय नहीं है.
पंकज त्रिपाठी ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत फिल्म 'रन' से की थी. मगर 'रन' के साथ-साथ वो एक कन्नड़ा फिल्म में भी काम कर रहे थे. 2003 में आई इस फिल्म का नाम था 'चिगुरिडा कनासु' (Chigurida Kanasu). टेक्निकली ये पंकज त्रिपाठी के एक्टिंग करियर की पहली फिल्म थी. क्योंकि अभिषेक बच्चन और भूमिका चावला स्टारर Run 2004 में रिलीज़ हुई थी. हालांकि इन दोनों ही फिल्मों में उन्हें क्रेडिट नहीं दिया गया था. मगर अब इस चीज़ को ऐसा देखा जा रहा है कि पंकज ने अपने करियर की शुरुआत एक दक्षिण भारतीय फिल्म से की थी. मगर वो साउथ की फिल्म नहीं करना चाहते. 'चिगुरिडा कनासु' से पंकज की एक क्लिप आप नीचे देख सकते हैं-
इन दो फिल्मों के अलावा उन्होंने फरहान अख्तर की फिल्म 'लक्ष्य' में भी काम किया था. मगर एडिट टेबल पर फिल्म से उनका रोल पूरी तरह कट गया. पंकज त्रिपाठी के करियर की ब्रेकआउट फिल्म रही 'गैंग्स ऑफ वासेपुर'. इसमें उन्होंने 'सुल्तान' नाम का किरदार निभाया था. उसके बाद से वो 50 से ऊपर फिल्मों में काम कर चुके हैं.
पंकज आखिरी बार श्रीजीत मुखर्जी की फिल्म 'शेरदिल' में दिखाई दिए थे. आने वाले दिनों में वो अक्षय कुमार और यामी गौतम के साथ Oh My God 2 और 'मिर्ज़ापुर' के तीसरे सीज़न में नज़र आने वाले हैं. इसके अलावा वो 'तुम्बाड' फेम राही अनिल बर्वे की सीरीज़ 'गुलकंदा टेल्स' का भी हिस्सा बताए जा रहे हैं.
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