The Lallantop

मूवी रिव्यू: पावा कढ़ईगल - 4 कहानियां, जो आपको अंदर से झकझोर देंगी

4 कमाल के डायरेक्टर्स की पेशकश.

post-main-image
4 कहानियां जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी. फोटो - पोस्टर
नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई है 'पावा कढ़ईगल'. चार कहानियों में बंटी एंथोलॉजी. इसका वेट तो काफी टाइम से हो रहा था. फाइनली, 18 दिसम्बर को जाकर प्रीमियर हुई. बताएंगे क्या हैं ये कहानियां, कौन-कौन हैं इनके एक्टर्स और बनाई किसने है. एक-एक कर सबकी बात करंगे.
1. थंगम
कहानी का सेंट्रल कैरेक्टर है सतार. एक ट्रांसजेंडर. घरवालों के पास तानों के अलावा देने के लिए कुछ नहीं. इसीलिए ज़्यादातर समय सर्वनन के साथ बिताता है. 6 साल का था, तब से सर्वनन से दोस्ती है. पूरी दुनिया में सर्वनन ही है जो उसे समझता है. इसी कारण सतार उसे चाहने भी लगता है. सोचता है दिल की बात बोल ही डाले. एक दिन ऐसा करने ही वाला होता है कि कुछ ग़ज़ब घट जाता है. ऐसा जिसकी कल्पना करना भी उसके लिए मुश्किल था. ऐसा क्या होता है जिससे सतार की दुनिया हमेशा के लिए बदल जाती है? ये आपको फिल्म में ही पता चलेगा.
Kalidas Jayram
ये रोल कालिदास जयराम के लिए करियर टर्निंग पॉइंट साबित होने वाला है. फोटो - स्टिल

आते हैं फिल्म की कास्ट पर. सतार का रोल निभाया है कालिदास जयराम ने. वहीं सर्वनन बने हैं शांतनु भाग्यराज.
2016 में आर माधवन की फिल्म आई थी. नाम था ‘साला खडूस’. जहां माधवन एक खडूस से बॉक्सिंग कोच बने थे. उसे बनाया था सुधा कोंगरा ने. उन्होंने ही ये कहानी भी डायरेक्ट की है. किरदार कैसा भी हो, उनके अंदर के रॉ इमोशंस को बाहर लाकर सजाना इन्हे बखूबी आता है. कहानी से ही इस बात का नमूना. एक सीन है जहां सर्वनन सतार को गले लगा लेता है. उसकी आंखें बंद है, और हाथ अपने दोस्त को समेटे हुए. सतार झिझकता है. दिल को लगने वाली बात कहता है. नम आंखों के साथ कहता है, “आज तक मुझे जिसने भी छुआ है, गंदे इरादों के साथ ही छूआ है”. ये कहकर अपने हाथों को जोड़ लेता है.
2. लव पन्न उत्तरानम
शुरू होती है वीरसिमन के इंट्रोडक्शन से. जात-पात जैसी चीजों को कान पकड़ के मानने वाला आदमी. उसकी दो बेटियां हैं, ज्योतिलक्ष्मी और आदिलक्ष्मी. शहर में रहती हैं. एक दिन ज्योति अचानक अपने गांव आ जाती है. साथ में अपने दो दोस्तों को लेकर, पेनलोपे और बी क्यूब. अपने दिल की बात पिता से कहना चाहती है. दरअसल, अपनी पसंद पर पिता का अप्रूवल लेना चाहती है. बस एक धर्मसंकट है. उसकी पसंद एक लड़की है. क्या होगा जब उसके पिता को ये पता चलेगा? और पता चलेगा भी या नहीं, यही आगे की कहानी है.
Kalki And Jyoti
कहानी में कल्कि की तमिल एकदम नैचुरल है. फोटो - स्टिल

लीड एक्टर्स हैं कल्कि कोचलीन और अंजली. अंजली ने ही दोनों बहनों का रोल किया. वहीं कल्कि पेनलोपे बनी हैं.
इसे डायरेक्ट किया है विग्नेश शिवन ने. ज़्यादातर मसाला फिल्में बनाते हैं. वही फ्लेवर यहां भी आज़माया. एक सीन है जहां ज्योति लेस्बियन वर्ड का जिक्र करती है. सामने खड़े हैं वीरसिमन और उसके गुंडे. शक्लों पर साफ लिखा है कि उन्हे कुछ पल्ले नहीं पड़ा. तभी उनमें से एक पूछ लेता है, "ESPN? वो स्पोर्ट्स चैनल". ये सीन वैसे तो काफी इंटेंस है पर लेस्बियन का ESPN होते देख, आपकी भी हंसी नहीं रुकेगी.
3. ऊर इरावु
एक पिता और उसकी बेटी सुमथि की कहानी. शुरू होती है इनके घर से. सुमथि प्रेगनेंट है. घर में आने वाले बच्चे के बेबी शावर की तैयारियां ज़ोरों पर हैं. आगे पता चलता है कि सुमथि ने भागकर शादी की थी. जिस कारण परिवार से अनबन भी हुई. बाप-बेटी में बातचीत तक बंद थी. बाद में बेटी को मनाकर घर ले आए. कहानी का ज़्यादातर समय फंक्शन के हो-हल्ले में ही निकलता है. बीच-बीच में मूर्ति की बहन का ज़िक्र सुनाई पड़ता है. उसने भी भागकर शादी की थी. घरवालों को पता चला तो ज़िंदा जला डाला. सुमथि का पिता पुरानी बातें भुलाना चाहता है. पूरे दिल से बेटी को अपनाना चाहता है. पर गांववालों की 'समाज में इज़्ज़त' जैसी बातें भी कानों में बराबर पड़ती है. किसकी सुनेगा और क्या करेगा? ये जानने के लिए फिल्म देखनी होगी.
Prakash Raj
सिंघम वाले जयकांत शिक्रे को बॉलीवुड कभी यूज़ ही नहीं कर पाया. फोटो - स्टिल

कहानी के लीड एक्टर्स की बात करें तो प्रकाश राज पिता बने हैं. वहीं साई पल्लवी सुमथि बनी हैं. 2015 में एक मलयालम फिल्म आई थी. ‘प्रेमम’. खासी पॉपुलर रही. अगर अब तक नहीं देखी है तो नोट कर लीजिए. साई पल्लवी भी उस फिल्म का अहम हिस्सा थी. वहीं, प्रकाश राज के लिए एक भागी हुई बेटी के पिता का किरदार नया नहीं हैं. टाइगर श्रॉफ की डेब्यू फिल्म ‘हिरोपंती’ में भी इनका ऐसा ही किरदार था. पर दोनों किरदारों की इंटेंसिटी का फ़र्क ज़मीन-आसमान है. यहां उनका किरदार बेटी को घर तो ले आया, पर उससे रूठा है. जैसे मन में अभी भी कोई मलाल है. और ये कहीं बोला नहीं. ये आपको दिखेगा इनकी बड़ी-बड़ी आंखों में. जो शायद ऊपर से देखने पर खोखली लगें. झपकती कम हैं पर मानो अंदर ही अंदर बहुत कुछ कहना चाहती हों.
Sai Pallavi
प्रकाश राज जैसे सीनियर एक्टर के सामने अपनी प्रेज़ेंस को पूरी तरह फ़ील करवाया साई पल्लवी ने. फोटो - स्टिल

इसे बनाया है वेट्रीमारन ने. जिन्होंने इससे पहले 'विसारनाय' जैसी फिल्म दी. इनकी फिल्मों में एक चीज़ बड़ी कॉमन दिखेगी.  पब्लिक को स्लो बर्न देने में मज़ा आता है. यहां भी ऐसे कई मोमेंट्स हैं. जहां कैमरा को बिना कट किए सीन को लगातार शूट किया गया. एक ऐसा मौका है जब शुरू में सुमथि को फोन आता है. वो अपने पिता को ढूंढने के लिए पूरे घर में घूम रही है. इसे एक सिंगल टेक में शूट किया. कैमरा उसके साथ-साथ चल रहा है. जिनसे वो मिल रही है, उन सभी से मिल रहा है. थोड़ी देर में कैमरा और ऑडियंस का फ़र्क भी धुंधला होने लगता है. मानो ऑडियंस भी सुमथि के घर में चल रहे सेलिब्रेशन का हिस्सा ही है. इसके लिए बड़ा क्रेडिट जाता है सिनेमेटोग्राफर एस. सुरेश बाला को.
4. वानमगल
एक टिपिकल मिडल क्लास फैमिली. पति-पत्नी और 3 बच्चे. कॉलेज जाने वाला बेटा और दो छोटी बेटियां, पुनुताई और वैदेही. पुनुताई के कमरे की एक झलक उसके बारे में बहुत कुछ कह देती है. दीवार पर कल्पना चांवला की फोटो और अलमारी में एस्ट्रोनॉट का एक्शन फिगर. पिता भी सपोर्टिव हैं. बेटी को खूब लंबी उड़ान भरने के सपने दिखाते हैं. बस मां है, जो बेटियों को मर्यादा में रहने की सलाह देती हैं. अपने शरीर को मंदिर की तरह रखने को कहती है. शायद इनकी मां ने भी इनसे यही कहा हो. फैमिली के लिए सब नॉर्मल चल रहा होता है. पर एक दिन कुछ घटता है. ऐसा कि हमेशा के लिए सब बदल के रख दे. किसी टाइम में ये फैमिली साथ पिकनिक्स पर जाती थीं. और अब एक दूसरे से ठीक से नज़र भी नहीं मिला पाते. ऐसा क्या हो जाता है, और उससे ये फैमिली बाहर कैसे आती है? इसका जवाब फिल्म को ही देने दीजिए.
 Vaanmagan Paava Kadhaigal
एक मिडल क्लास फैमिली जिनकी दुनिया हमेशा के लिए बदल जाती हैं. फोटो - स्टिल

कहानी में पिता का किरदार निभाया है गौतम वासुदेव मेनन ने. कहानी को एक्टिंग और डायरेक्शन, दोनों फ्रंट्स पर लीड किया. वहीं सिमरन ने मां का रोल किया है.
इस वीकेंड़ खुद के लिए थोड़ा टाइम निकालिए. इन 4 कहानियों को मौका दीजिए. आपकी लाइफ में ठहराव लाने का. आपकी सोच के दायरे को एक कदम और आगे ले जाने का. गैरंटी है, निराश नहीं होंगे.