बीती 01 फरवरी को सोनी मैक्स पर एक फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ. नाम था Saale Aashiq. लीड रोल में Tahir Raj Bhasin और Mithila Palkar हैं. इस फिल्म Siddharth और Garima ने डायरेक्ट किया है. फिल्म की शूटिंग जबलपुर की गर्मी में हुई. शूट करना मुश्किल था लेकिन मेकर्स को बहुत बाद में समझ आया कि इसे रिलीज़ करने उससे भी दुष्कर साबित होने वाला है. सिद्धार्थ-गरिमा ने हाल ही में बताया कि उनकी फिल्म के सब्जेक्ट को लेकर ओटीटी वाले इतना डरे हुए थे कि हाथ लगाने को भी राज़ी नहीं हुए. फिल्म फंसती रही. फिर जाकर उसे टीवी पर रिलीज़ किया गया. द हॉलीवुड रिपोर्टर को दिए हालिया इंटरव्यू में सिद्धार्थ और गरिमा ने फिल्म रिलीज़ करने के संघर्ष पर बात की.
"ओटीटी वाले डरे हुए हैं", डायरेक्टर जोड़ी ने बताया क्यों ओटीटी से तंग आकर टीवी पर फिल्म रिलीज़ करनी पड़ी?
Siddharth और Garima ने Tahir Raj Bhasin और Mithila Palkar को लेकर Saale Aashiq नाम की फिल्म बनाई. लेकिन विवाद के डर से किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म ने इसे हाथ नहीं लगाया.

कोविड से पहले दोनों को इस फिल्म का आइडिया आया था. ये कहानी ऑनर किलिंग पर आधारित थी. साल 2021 में ताहिर और मिथिला को कास्ट कर लिया. मेकर्स का प्लान था कि 2022 में फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी, और इसे सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जाएगा. लेकिन कोविड पैंडेमिक के बाद पूरा मार्केट बदल गया. अब उनके पास ओटीटी पर रिलीज़ करने का ऑप्शन था. उन्हें लगा कि ताहिर और मिथिला ओटीटी के पॉपुलर चेहरे हैं तो उनकी फिल्म को कोई भी प्लेटफॉर्म खरीद लेगा. मगर ऐसा नहीं हुआ. दोनों बताते हैं कि बीते कुछ समय से ओटीटी वाले सेल्फ-सेंसरशिप पर ध्यान दे रहे हैं. वो हर तरह के विवाद से बचना चाहते हैं. उन्होंने इस बारे में बताया,
ओटीटी वाले सेंसर बोर्ड से भी ज़्यादा डरे हुए हैं.स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स ने हमें बताया कि उनके लिए ये सब्जेक्ट इतना विवादित है कि वो इसे छू भी नहीं सकते.
गरिमा ने आगे बताया कि वो मेजर स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के पास गए लेकिन सभी ने उन्हें मना कर दिया. इस प्रोजेक्ट में पॉपुलर एक्टर थे, फिर भी ओटीटी वाले नहीं माने. 'साले आशिक' का प्रीमियर भले ही सोनी मैक्स पर हुआ हो, लेकिन उसी सोनी ग्रुप से जुड़े सोनी लिव ने भी फिल्म को रिलीज़ करने से मना कर दिया था. सिद्धार्थ और गरिमा को बताया गया कि सोनी लिव ओरिजनल सीरीज़ पर ध्यान दे रहा है.
चूंकि पहले ‘साले आशिक’ को थिएटर्स में रिलीज़ होना था, इसलिए सेंसर बोर्ड के पास सर्टिफिकेट के लिए जमा किया गया. बोर्ड ने कुछ कट्स करवाए. उनमें से एक सीन में शिव मंत्र का जाप हटवाया गया. मेकर्स के पास थिएटर में रिलीज़ करने का ऑप्शन नहीं था. ओटीटी पर भी बात नहीं बनी. अब उन्हें अपनी फिल्म टीवी पर लेकर आनी थी. टीवी रिलीज़ का मतलब था कि फिल्म में और भी ज़्यादा कांट-छांट की जानी थी. गरिमा कहती हैं कि अभी जो फिल्म रिलीज़ हुई, वो 90% तक उनका विज़न था. उन्हें 10% हिस्से पर समझौता करना पड़ा.
दोनों ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को इस बात पर दोष देते हैं कि नई आवाज़ को बढ़ावा देने की जगह वो उन्हें खत्म कर रहे हैं. ऐसा फिल्म इंडस्ट्री में पहले नहीं होता था.
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