The Lallantop

मनोज मुंतशिर शुक्ला ने कुमार विश्वास का डायलॉग चुराकर 'आदिपुरुष' में चिपका दिया!

'आदिपुरुष' में हनुमान इंद्रजीत को कहते हैं कि तेरे बाप की जलेगी, लोग इस पर भड़के हुए हैं.

Advertisement
post-main-image
लोग कह रहे हैं कि हनुमान को ऐसे डायलॉग शोभा नहीं देते.

Adipurush के शुरुआती रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. कुछ फैन पेज फिल्म की बढ़-चढ़कर प्रशंसा कर रहे हैं. कुछ लोग VFX को कोस रहे हैं. इन सब के बीच फिल्म का एक डायलॉग धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. ये सीन है लंका दहन वाला. इंद्रजीत हनुमान की पूंछ में आग लगाने वाला है. आग लगाकर हनुमान से पूछता है, ‘जली ना’?. इस पर हनुमान का डायलॉग आता है, 

Advertisement

कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की, तो जलेगी भी तेरे बाप की. 

इस डायलॉग के बाहर आने के बाद से लोग बिगड़े हुए हैं. ऐसा कहना कि वो खफा है बहुत छोटी बात होगी. उनका कहना है कि हनुमान ऐसी अमर्यादित भाषा कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे मीम कॉम्पीटिशन चल रहा हो. इस सारी बहस के बीच नया विवाद उठकर आ रहा है. फिल्म के डायलॉग लिखे हैं मनोज मुंतशिर शुक्ला ने. कुछ साल पहले तक वो सिर्फ मनोज मुंतशिर के नाम से जाने जाते थे. खैर लोगों का कहना है कि मनोज ने जो डायलॉग लिखा, वो उनका नहीं है. उन्होंने कुमार विश्वास की एक स्पीच से उठा लिया है. 

Advertisement

एक अकाउंट ने कुमार स्पीच के स्पीच का अंश शेयर किया. देखकर लग रहा है कि कुमार वहां MBA स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे हैं. कुमार कहते हैं कि हनुमान जी से मैनेजमेंट सीखना चाहिए. हनुमान अपने एम्प्लॉयर को कोई कष्ट नहीं देते. आगे कहते हैं,

MBA सिखाता है कि आप मिनिमम इनपुट से मैक्सीमम आउटपुट निकालिए. हनुमान इसका अच्छा उदाहरण हैं. भगवान (राम) ने उन्हें भेजा कि जाओ लंका में, मेरा विज़िटिंग कार्ड देकर आओ. उनकी पूंछ पर कपड़ा बांधा गया. कपड़ा किसका था, रावण का. मिट्टी का तेल किसका था? जली किसकी?

लोगों का कहना है कि मनोज ने जलने वाला हिस्सा यहीं से उठाया है. बता दें कि ये पहला मौका नहीं जब मनोज मुंतशिर पर चोरी करने का आरोप लगा हो. 2019 में उनकी किताब आई थी ‘मेरी फितरत है मस्ताना’. वहां उन्होंने एक कविता लिखी थी ‘मुझे कॉल करना’. इंटरनेट ने पकड़ लिया कि ये कविता उनकी नही. उन्होंने बस हिंदी में इसका अनुवाद किया और अपने नाम से छाप दी. वास्तविकता में वो कविता पहली बार रॉबर्ट जे. लेवरी की किताब Love Lust में छपी थी. ये किताब 2007 में आई. इस कविता का शीर्षक था Call Me. लोगों ने उस वक्त भी मनोज को ट्रोल किया था.    

Advertisement

वीडियो: दी सिनेमा शो: आदिपुरुष के फाइनल ट्रेलर लॉंच ईवेंट में सिर्फ आतिशबाज़ी में ही 50 लाख रुपए खर्च

Advertisement