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Cannes 2024- जब 'मंथन' के सेट पर नसीरुद्दीन शाह से छूटी 'मेथड एक्टिंग' की बीमारी

Naseeruddin Shah फिल्म Manthan में भोला नाम के कैरेक्टर में दिखे थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि हाई बजट के बाद भी मंथन जैसी फिल्में क्यों नहीं बन रही हैं.

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आज के समय में लोगों को 'एनिमल' पसंद आती है. इसीलिए 'मंथन' जैसी फिल्में नहीं बनती हैं- नसीरुद्दीन शाह

साल 1976 में आई फिल्म Manthan की  Cannes Film Festival 2024 में स्क्रीनिंग होनी है. ये फेस्टिवल 14 मई से शुरू होकर 25 मई तक चलेगा. ‘मंथन’ में गिरीश कर्नाड, स्मिता पाटिल, अमरीश पुरी, कुलभूषण खरबंदा और Naseeruddin Shah अहम रोल में थे. फिल्म में नसीरुद्दीन शाह को लीड रोल में नहीं लिया गया था. उन्होंने इस फिल्म में भोला का किरदार निभाया था. भोला निचली जाति का नेता है, जो ब्राह्मणवादी वर्चस्व के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करता है. अब नसीर ने ‘मंथन’ में अपने किरदार पर बात की है. उन्होने ये भी बताया कि ‘मंथन’ की शूटिंग के दौरान मेथड एक्टिंग का भूत उतरा था. साथ ही कहा है कि अगर श्याम नहीं होते तो मेरा करियर नहीं होता. ‘मंथन’ को श्याम बेनेगल ने डायरेक्ट किया था.

‘मंथन’ की रिलीज़ को 48 साल हो गए हैं. इस मौके पर नसीरुद्दीन शाह ने टाइम्स नाउ से बातचीत की. इसमें उन्होने कहा कि 

"शोएब मंसूर की फिल्म खुदा के लिए के साथ-साथ मैं श्याम बेनेगल की ‘मंथन’ को अब तक अपने करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्म मानता हूं. अगर श्याम नहीं होते तो मुझे नहीं पता कि मेरा करियर किस दिशा में जाता. उन्होंने मुझ पर उस वक्त भरोसा किया, जब मुझे इसकी सबसे ज़्यादा जरूरत थी. मैं श्याम को जितना धन्यवाद दूं, उतना ही कम है. मैंने ‘मंथन’ के री-स्टोर वर्ज़न के कुछ सीन देखे हैं. ये शानदार हैं. इसे देखने के बाद श्याम को भी ऐसा लगता है कि ये ओरिजनल वर्ज़न से बेहतर है."

बातचीत में मंथन की शूटिंग का किस्सा बताते हुए नसीर ने कहा,

"फिल्म का शूट कठिन था, लेकिन मज़ेदार भी था. उस समय मैं मैथड एक्टिंग पर बहुत रुचि रखता था.लेकिन इस फिल्म को करने से मेरी वो बीमारी भी ठीक हो गई. खुद को गुजराती दूध किसान की जगह रखना संभव नहीं था. लेकिन मैंने कोशिश की.ये फिल्म दुग्ध सहकारी आंदोलन के लिए बहुत प्रभावशाली थी. वहीं, इस फिल्म ने हमें श़ॉक कर दिया था. क्योंकि ये एक स्लीपर हिट फिल्म भी थी. इसमें मैंने शबाना आज़मी और स्मित पाटिल के साथ काम किया था. वे दोनों  ही अद्भुत और मदद करने वाली एक्ट्रेस थीं. मेरी दोनों में से किसी से भी पर्सनल लेवल पर दोस्ती नहीं थी. लेकिन दोनों में से किसी को चुनना मुश्किल है."

‘मंथन’ को भारत की पहली क्राउड फंडेड फिल्म बताया जाता है. लेकिन अब हाई बजट के बाद भी ‘मंथन’ जैसी फिल्में नहीं बन रही हैं? इस सवाल के जवाब में नसीर ने कहा कि 

“रजत कपूर इकलौते व्यक्ति हैं जिनके बारे में मैं जानता हूं, जो क्राउड फंडेड फिल्में बनाते हैं. मुझे ये भी यकीन है कि ऐसा और कोई नहीं है. आज के समय में ‘एनिमल’ जैसी फिल्में बन रही हैं. जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं. ऐसे में ये समझना मुश्किल नहीं है कि 'मंथन' जैसी फिल्में फिल्ममेकर्स को क्यों नहीं आकर्षित करती हैं. 'मंथन' से पैसे कमाने का उद्देश्य नहीं था. इससे सहकारिता के बारे में लोगों समझाने और उसे प्रमोट करने के लिए बनाया गया था. ये अब हर किसी के बस की बात नहीं है. इस लिहाज से मंथन अब तक की बनी सबसे सफल फिल्मों में से एक है.”

नसीरुद्दीन शाह इन दिनों ओटीटी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. पिछली बार उन्हें ‘शो टाइम’ में देखा गया था. इसमें उन्होंने विक्टर खन्ना की भूमिका निभाया थी. ख़बरें हैं कि नसीर के पास ‘उल जलूल इश्क’ है. इसमें नसीरुद्दीन के अलावा विजय वर्मा, फातिमा सना शेख़ और शारिब हाशमी हैं. वहीं, उनकी चर्चित सीरीज़ों की बात करें तो इसमें ‘सास बहू फ्लामिंगो’ और ‘ताज:डिवाइडेड बाय ब्लड’ हैं. 

वीडियो: नसीरुद्दीन शाह, विशाल भारद्वाज की बनाई ये शॉर्ट फ़िल्में तो तुरंत देख डालिए!