Prabhas की फिल्म Adipurush की सबसे ज़्यादा आलोचना उसके डायलॉग्स पर हो रही है. इसकी भाषा पर लोग सवाल उठा रहे हैं. कह रहे हैं कि हनुमान और राम ऐसी हल्की भाषा का इस्तेमाल नहीं करेंगे. अब डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला का इन आलोचनाओं पर जवाब आया है. उन्होंने कहा है कि 'आदिपुरुष' के संवाद जानबूझकर ऐसे लिखे गए हैं, ताकि लोग इन्हें समझ सकें.
'आदिपुरुष' के डायलॉग्स पर बवाल मचा, मनोज मुंतशिर बोले: "हमने जानबूझकर लिखे"
डायरेक्टर ओम राउत ने कहा: "रामायण को समझना सम्भव नहीं, जो कहते हैं वो समझ गए, मूर्ख हैं."

दरअसल उन्होंने रिपब्लिक भारत को एक इंटरव्यू दिया. इसमें मनोज से सवाल किया गया कि जनता कह रही है, फिल्म के डायलॉग बहुत बोलचाल वाले हैं. इनमें डिटेल्स नहीं हैं. उनमें ठहराव नहीं है. नॉर्मल बॉलीवुड फिल्म की तरह हनुमान के संवाद लिखे गए हैं.
इस पर मनोज मुंतशिर की सफाई आई है. उन्होंने कहा:
सिर्फ हनुमान जी की बात क्यों हो रही है? हमें भगवान श्रीराम के सम्वादों पर भी बात करनी चाहिए. मां सीता के संवाद पर भी बात करनी चाहिए. जहां वो अशोक वाटिका में रावण को चैलेन्ज करती हैं, "रावण तेरी लंका में अभी इतना सोना नहीं है, कि जानकी का प्रेम खरीद सके. इसके बारे में बात क्यों नहीं हो रही है? जब राम कहते हैं, "आज मेरे लिए मत लड़ना. उस दिन के लिए लड़ना, जब आज से हज़ारों वर्षों बाद मांएं तुम्हारी कहानियां सुनाकर अपने बेटों को बड़ा करेंगी.
मनोज मुंतशिर से सवाल पूछा गया कि क्या आपने जानबूझकर ऐसे संवाद लिखे, ताकि जनता इन्हें समझ सके? उन्होंने सफाई देते हुए कहा:
हां, बिलकुल. ये कोई भूल नहीं है. बहुत सोच-समझकर बजरंग बली के डायलॉग लिखे गए हैं. हमने जानबूझकर संवाद सरल किए हैं. क्योंकि फिल्म के सभी किरदार एक ही तरह की भाषा नहीं बोल सकते. इनमें विविधता होनी चाहिए.
दरअसल सोशल मीडिया पर बहुत बवाल कटा हुआ है. इसका कारण कई डायलॉग्स हैं. पर जिस एक डायलॉग की सबसे ज़्यादा आलोचना हो रही है, वो है हनुमान का लंका दहन के समय का. इसमें मेघनाथ उनकी पूंछ पर आग लगाते हुए कहता है: “जली ना...?” इस पर हनुमान का जवाब होता है: “तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की, तो जलेगी भी तेरे बाप की.” सवाल क्या हनुमान कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं? इस संवाद पर मनोज का जवाब था:
हम सब रामायण को कैसे जानते हैं? हमारे यहां कथा-वाचन की परम्परा है. एक तो पढ़ने की परम्परा है और दूसरी वाचन की. मैं एक छोटे से गांव से आया हूं. हमारे यहां दादियां-नानियां जब रामायण की कथा सुनाती थीं, तो ऐसी ही भाषा में सुनाती थीं. जिस डायलॉग का आपने जिक्र किया, इस देश के बड़े-बड़े कथावाचक और संत ऐसे ही बोलते हैं. मैं पहला शख्स नहीं हूं, जिसने ये डायलॉग लिखा है.
ओम राउत भी इस इंटरव्यू में मौजूद थे. उन्होंने भी अपनी तरफ से फिल्म की आलोचनाओं का जवाब दिया:
रामायण बहुत बड़ा ग्रन्थ है. इसे समझना किसी के लिए भी सम्भव नहीं है. अगर वो कहते हैं कि रामायण समझ गए, तो वो मूर्ख हैं या फिर वो झूठ बोल रहे हैं.
उन्होंने ये भी साफ किया:
जो रामायण हमने टीवी पर देखी है. वो बहुत विस्तारित थी. हमने जो फिल्म बनाई है, उसे रामायण नहीं कह रहे हैं. हम 'आदिपुरुष' कह रहे हैं. हमने सिर्फ रामायण का एक हिस्सा दिखाया है, युद्ध कांड वाला.
खैर, जो भी हो, 'आदिपुरुष' की खूब आलोचना हो रही है. जनता को इसके डायलॉग्स समेत VFX और अन्य कई बातों से दिक्कते हैं. 'आदिपुरुष' में प्रभास, सैफ अली खान, कृति सैनन, देवदत्त नागे, वत्सल सेठ और सोनल चौहान जैसे एक्टर्स ने काम किया है.
वीडियो: मूवी रिव्यू: आदिपुरुष