साल 1992 में एक फिल्म आई. नाम था Roja. उसे बनाया था मणि रत्नम ने. उस फिल्म के ज़रिए दुनिया का पहली बार साक्षात्कार हुआ जादू से. A R Rahman नाम के जादू से. रहमान ने ‘रोजा’ के लिए संगीत बनाया. खूब पसंद किया गया. ‘ये हसीं वादियां ये खुला आसमां’ जैसे गाने पहले रेडियो पर और फिर लोगों की ज़ुबान पर चढ़े. ‘रोजा’ के बाद मणि रत्नम ‘बॉम्बे’ पर भी रहमान के साथ ही काम करना चाहते थे. उन्हें एक गाना बनाने के लिए कहा गया. वक्त बीतता गया मगर गाना तैयार नहीं हुआ. तैश में मणि रत्नम उन्हें निकालना चाहते थे. लेकिन फिर रहमान ने ऐसी धुन सुनाई कि मणि रत्नम की रुलाई फूट पड़ी.
रहमान को फिल्म से निकालने वाले थे मणि रत्नम, फिर उनका गाना सुना और फूट-फूटकर रोने लगे
मणि रत्नम की फिल्म से ही ए आर रहमान नाम का जादू पूरी दुनिया तक पहुंचा था.

‘बॉम्बे’ फिल्म पर सिनेमैटोग्राफर रहे राजीव मेनन ने O2 से हुई बातचीत में ये किस्सा बताया. उन्होंने बताया कि रहमान को ‘हम्मा हम्मा’ गाना तैयार करने को कहा गया. उसकी शूटिंग होने वाली थी. लेकिन रहमान के पास गाना नहीं था. सारी बातचीत के बाद रहमान ने कुछ समय और मांगा. उन्होंने कहा कि आप लोग शाम को आइए. बता दें कि अगली सुबह गाना शूट होना था. राजीव आगे बताते हैं,
हम लोग शाम को पहुंचे और रहमान ने कहा कि उनके पास धुन नहीं है. इस पर मणि ने पूछा कि फिर हमें बुलाया क्यों? रहमान ने जवाब दिया कि मेरे पास कुछ और है. इतना कहकर उन्होंने ‘बॉम्बे’ फिल्म की थीम बजाई.
राजीव बताते हैं कि वो उनके और मणि रत्नम के लिए भावुक क्षण था. धुन सुनने के बाद दोनों की आंखों में आंसू थे. मणि रत्नम बोले कि रहमान, ये तुमने क्या कर डाला. मैं तुम्हें निकालने के लिए आया था और तुमने मुझे अपने संगीत से रुला दिया. रहमान ने मासूमियत से जवाब दिया कि उनके पास अभी सिर्फ यही धुन है. अगले तीन दिन उन्होंने इसी धुन पर काम किया. टलते आ रहे ‘हम्मा हम्मा’ को कुछ और समय के लिए गाड़ी की पिछली सीट पर बिठा दिया गया.
रहमान और मणि रत्नम की साझेदारी 25 साल से भी पुरानी है. दोनों ने साथ मिलकर संगीत और सिनेमा को समृद्ध किया. ‘इरुवर’, ‘गुरु’, ‘अलैपयुदे’, ‘दिल से’ और ‘रावणन’ जैसी फिल्में उनके कमाल काम का ही नमूना हैं. मणि रत्नम की पिछली दो रिलीज़ PS-1 और PS-2 के लिए भी ए आर रहमान ने ही म्यूज़िक दिया था.
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