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ऐसा क्या है इन 19 फिल्मों में जिनकी स्क्रीनिंग पर भारत सरकार ने रोक लगा दी?

केरल फिल्म फेस्टिवल में 'संतोष' समेत ये 206 फिल्में दिखाई जानी थीं. मगर मंत्रालय ने 19 फिल्मों को ब्लॉक कर दिया. इस पर केरल और केंद्र सरकार के बीच ठन गई है.

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ऑर्गनाइजर्स का दावा है कि फिल्मों की स्क्रीनिंग में इतने बड़े स्तर पर बैन कभी नहीं लगा.

30th International Film Festival of Kerala (IFFK) पर केरल सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठन गई है. भारत की इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने इस इवेंट में दिखाई जाने वाली 19 फिल्मों को ब्लॉक कर दिया है. इनमें Palestine 36, Once Upon A Time In Gaza, Beef और Santosh जैसी फिल्में शामिल हैं. 

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केरल सरकार का डिपार्टमेंट ऑफ कल्चरल अफेयर्स, केरल चलचित्र अकैडमी के साथ मिलकर हर साल ये फिल्म फेस्टिवल ऑर्गनाइज़ करता है. इस साल ये फेस्ट 12 से 19 दिसंबर के बीच हो रहा है. यहां स्क्रीनिंग के लिए 82 देशों की 206 फिल्मों को चुना गया था.

आम तौर पर फिल्म फेस्टिवल्स में स्क्रीनिंग के लिए मूवीज को किसी सेंसर सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं होती. मगर जिन फिल्मों के पास ये सर्टिफिकेट नहीं होता, उन्हें फिल्म फेस्टिवल में दिखाने से पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से खास इजाज़त लेनी पड़ती है. बिना पर्मिशन के इनकी स्क्रीनिंग नहीं की जा सकती. और अब, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इन फिल्मों के फेस्टिवल में दिखाने जाने पर रोक लगा दी है.

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फेस्टिवल के आयोजकों ने इवेंट शुरू होने से 10 दिन पहले ही सभी फिल्मों की जानकारी और उनकी सिनॉप्सिस सेंसर बोर्ड के पास जमा करवा दी थी. मगर मिनिस्ट्री ने 15 दिसंबर को यानी जब आधा इवेंट बीत चुका था, उस दिन बताया कि 19 फिल्मों को सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा. इसलिए इस फेस्टिवल में उनकी स्क्रीनिंग नहीं हो सकती. उन 19 फिल्मों की लिस्ट कुछ ऐसी है,

1. अ पोएट: अनकन्सील्ड पोएट्री
2. ऑल दैट्स लेफ्ट ऑफ़ यू
3. बामाको
4. बैटलशिप पोतेमकिन
5. बीफ़ 
6. क्लैश 
7. ईगल्स ऑफ़ द रिपब्लिक
8. हार्ट ऑफ़ द वुल्फ
9. वन्स अपॉन ए टाइम इन गाज़ा 
10. पैलेस्टीन 36 
11. रेड रेन 
12. रिवरस्टोन
13. द आवर ऑफ़ द फ़र्नेसेज़ 
14. टनल्स: सन इन द डार्क (Địa Đạo: माट ट्रॉय इन द बोंग टॉइ)
15. यस 
16. फ्लेम्स
17. टिंबुक्टू 
18. वाजिब
19. संतोष

IFFK की वाइस-चेयरपर्सन कुक्कू परमेश्वरन ने मीडिया से बात करते हुए बताया,

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"कुल 187 फिल्मों को इजाज़त के लिए I&B मिनिस्ट्री के पास भेजा गया था. लेकिन 19 फिल्मों को अब तक मंज़ूरी नहीं मिली है. कई लोग इन फिल्मों को देखने के लिए टिकट लेकर और रजिस्ट्रेशन कराकर आए थे. मगर अब उन्हें काफी दिक्कतें हो रही हैं. 15 दिसंबर को हमें 9 फिल्मों की स्क्रीनिंग रद्द करनी पड़ी, जो कि एक बुरी बात है."

बता दें कि 19 में से 4 फिल्में पैलेस्टीन पर हैं. इनमें 'पैलेस्टीन 36', 'यस', 'वन्स अपॉन अ टाइम इन गाज़ा' और 'ऑल दैट्स लेफ्ट ऑफ़ यू' शामिल हैं. हालांकि 'पैलेस्टीन 36' को ओपनिंग डे पर ही स्क्रीन किया जा चुका है. साथ ही इसे ऑस्कर 2026 में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर कैटेगरी में भी शॉर्टलिस्ट किया गया है. 'बैटलशिप पोतेमकिन' सोवियत रेवोल्यूशन पर केंद्रित फिल्म है, जो 1925 में रिलीज़ हुई थी. इस 100 साल पुरानी फिल्म को 1960s से ही केरल में कई बार स्क्रीन किया जा चुका है. मगर इस साल इस पर भी रोक लगा दी गई.

स्पैनिश फिल्म 'बीफ़' के नाम को लेकर इंटरनेट पर काफ़ी कन्फ्यूजन है. मगर ऑर्गनाइजर्स ने स्पष्ट किया कि इसका कोई पॉलिटिकल कनेक्शन नहीं है. इसमें केवल एक रैपर की कहानी दिखाई गई है. बता दें कि रैप की भाषा में 'बीफ़' को लड़ाई या भिड़ंत से जोड़कर देखा जाता है. मगर इसी शब्द को फिल्म के बैन होने के पीछे की बड़ी वजह के तौर पर देखा जा रहा है.

सूची में हिंदी फिल्म 'संतोष' भी शामिल है. संध्या सूरी के डायरेक्शन में बनी ये मूवी शुरुआत से ही विवादों में है. इसमें पुलिस महकमों में फैले जातिगत भेदभाव को एक्सप्लोर किया गया है. भारतीय सिनेमाघरों में इसे कभी रिलीज़ होने की इजाज़त नहीं मिली. मगर 2024 में इसे ब्रिटेन की तरफ़ से ऑफिशियल ऑस्कर एंट्री के लिए चुना गया था. बावजूद इसके, केरल फिल्म फेस्टिवल में इस पर रोक लगा दी गई है. आयोजक की मानें तो मंत्रालय ने इस रोक के पीछे कोई ठोस वजह नहीं बताई है. वो लोग अब भी उन्हें मनाने में जुटे हैं. 

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