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साउथ की वो ज़ोरदार फिल्में, जिनका हिंदी में रीमेक बनना चाहिए

एक पिक्चर तो भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजी जा चुकी है.

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ये धांसू फिल्में आज ही देख डालिए

साउथ की फिल्में. ये टर्म सुनते ही दिमाग जाता है सेट मैक्स पर आने वाली साउथ की हिंदी डब्ड फिल्मों की तरफ. हमारे दिमाग को इसी का अभ्यास है. पर ऐसा तो है नहीं कि साउथ सिर्फ मसाला फिल्में ही बनाता है. पर बॉलीवुड वहां की अधिकतर मसाला फिल्मों को ही रीमेक करता है. पिछले कुछ सालों में साउथ से ऐसी कमाल फिल्में निकली हैं, जिनका रीमेक किया जाना चाहिए. ताकि हिंदी पट्टी की ऑडियंस को भी इसका मज़ा मिल सके और रीमेक के नाम पर कुछ बेहतर कंटेन्ट परोसा जा सके. पेश है रीमेकवर्धी फिल्मों की एक लिस्ट.

1) कर्नन

डायरेक्टर: मारी सेल्वाराज
कास्ट: धनुष, लाल, रजीशा विजयन, योगी बाबू

'कर्नन' दलित विमर्श पर बनी एक ज़रूरी सोशल फिल्म है. 1995 में कोड़ियाकुलम कास्ट वॉयलेंस से प्रेरित है. ये कहानी है पोड़ियंकुलम गांव की. वहां रहने वालों को पड़ोसी गांव वाले परेशान करते हैं, खुद पर आश्रित होने को मजबूर करते हैं. लेकिन पोड़ियंकुलम में रहने वाले कर्नन को ये मंज़ूर नहीं. वो किसी भी तरह इस फर्क को मिटाना चाहता है. फिल्म आपको विचलित करती है, अपने विशेषाधिकारों पर सवाल उठाने पर मजबूर करती है.‘परियेरम पेरुमल’ के बाद आई मारी सेल्वराज की ये दूसरी फिल्म है. ये धनुष के बेहतरीन कामों में से एक हैं. फिल्म जिस नोट पर खत्म होती है, उसे देखकर यही उम्मीद बंधती है कि आने वाला कल आज से बेहतर होगा.

2) विसारनाय

डायरेक्टर: वेट्रीमारन 
कास्ट: दिनेश, आनंदी

'विसारनाय' को 2017 में भारत से ऑफिशियल ऑस्कर एंट्री के तौर पर भेजा गया था. डायरेक्टर वेट्रीमारन की ये फिल्म पुलिस बर्बरता पर आधारित है. इसे एम. चंद्रकुमार के नॉवेल 'लॉक अप' पर बनाया गया है. चंद्रकुमार ऑटो चलाते हैं और तीन दशक पहले उनके साथ ऐसी ही पुलिस बर्बरता हुई थी. चार मजदूरों की कहानी, जो तमिलनाडु के हैं लेकिन आंध्र प्रदेश में जाकर मजदूरी कर रहे होते हैं. वहां पुलिस उन्हें चोरी के संदेह में उठा ले जाती है. अनुराग कश्यप ने 2015 की बेस्ट फिल्मों की अपनी सूची में 'विसारनाय' को पहले नंबर पर रखा था. इसके नाम तीन नेशनल अवॉर्ड भी हैं.

3) कुंबलंगी नाइट्स

डायरेक्टर: मधु सी. नारायणन
कास्ट: फहाद फाजिल, नज़रिया नाज़िम

मलयालम भाषा की फिल्म 'कुंबलंगी नाइट्स' फहाद फाजिल के बेजोड़ अभिनय का नमूना है. चार भाइयों की कहानी. साजी, फ्रैंकी, बॉबी और बॉनी. चारों में हमेशा खींचतान चलती ही रहती है. इसी बीच बॉबी को गांव में रहने वाली बेबी से प्यार हो जाता है. बॉबी के भाई भी उसके साथ खड़े हो जाते हैं. दोनों को मिलवाना चाहते हैं. लेकिन एक प्रॉब्लम है. बेबी का जीजा यानि शम्मी. जो बॉबी को बेबी के लायक नहीं मानता. क्या ये भाई बॉबी को बेबी से मिलवा पाते हैं या नहीं, और क्या खुद अपने फ़ासले खत्म कर पाते हैं. यही फिल्म है. इसे डायरेक्ट किया है मधु सी. नारायणन ने. इस फिल्म को मलयालम सिनेमा मूवमेंट की न्यू जनेरेशन फिल्म माना जाता है. माने रियलिस्टिक स्क्रीनप्ले और प्रगतिशील रचना संसार.

4) कुरूति 

डायरेक्टर- मनु वॉरियर
कास्ट- पृथ्वीराज सुकुमारन, रोशन मैथ्यू

अच्छी थ्रिलर फिल्में और मलयालम सिनेमा एक-दूसरे से फेविकोल की तरह चिपके हुए हैं. 'दृश्यम' फ्रेंचाइज इसका बेहतरीन उदाहरण हैं. ऐसी ही एक और फिल्म है 'कुरूति'. पृथ्वीराज सुकुमारन और रोशन मैथ्यू की एक कमाल की पॉलिटिकल थ्रिलर. ये कहानी है शहर से दूर पहाड़ों पर रहने वाले इब्राहिम की. वो एक साल पहले अपनी छोटी बच्ची औऱ पत्नी को खो चुका है. एक रात उसके घर के दरवाज़े पर दस्तक होती है. दरवाज़े पर ज़ख्मी पुलिस वाला है. जो सीधा अंदर घुस आता है. साथ में एक लड़का है. जिसने व्हाट्सएप पर मिलने वाले धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाली बातों को सच मानकर लोगों की जान ली है. पूरी कहानी यहीं जान लेंगे क्या! फिल्म देखिए जाकर. 'कुरूति' को मनु वॉरियर ने डायरेक्ट किया है. ये एक फास्ट पेस्ड सस्पेंस थ्रिलर है, जो सोशल और पॉलिटिकल मुद्दों पर बात करती हुई चलती है.

5) ट्रांस

डायरेक्टर: अनवर रशीद
कास्ट: फहाद फाजिल, नज़रिया नाज़िम

‘ट्रांस’ एक एस्पायरिंग मोटिवेशनल स्पीकर की कहानी है, जो आगे जाकर बड़ा आध्यात्मिक नेता बन बैठता है. ये फिल्म आध्यात्मिक नेताओं के पूरे गोरखधंधे पर बनी है. कैसे ये खुद ठीक वैसी ही ज़िंदगी जीते हैं, जैसी लोगों को जीने से रोकते हैं. फहाद फाजिल इसमें स्पिरिचुअल लीडर बने हैं. फिल्म में उनका किरदार गज़ब है. ऐसा कि उनकी बातों के अलावा सुननेवालों को कुछ और न सुनाई दे. मतलब तड़पाकर रख देता है. कुछ ऐसा ही हाल आपका फिल्म देखकर भी होगा. इसे अनवर रशीद ने डायरेक्ट किया है.

इस लिस्ट में हम एक और फिल्म जोड़ना चाहते थे, 'द ग्रेट इंडियन किचेन'. पर इसका पहले से ही रीमेक बन रहा है. इसलिए अपनी लिस्ट हम यहीं खत्म करते हैं. आप इसमें कुछ फिल्में जोड़ना चाहें, तो कमेंट करें.

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