The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

'पठान' क्यों देखनी चाहिए, इन 5 वजहों से पता चल जाएगा

चार साल बाद वापसी कर रहे शाहरुख की 'पठान' को, यूँ ही नहीं जनता सिर-आँखों पर बिठा रही.

post-main-image
जलवा तो काटा है दोस्तों

शाहरुख खान की 'पठान' के जरिए चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी हो चुकी है. आज सिनेमा जगत पठानमय है.  किसी को पठान बहुत अच्छी लगी और किसी को बहुत बुरी. पर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें 'पठान' में कुछ अच्छाइयाँ भी दिखीं और कुछ बुराइयाँ भी. जैसे कि अच्छाई के मामले में सलमान का कैमियो. बुराई के मामले में कई स्त्रीविरोधी बातें. मैं भी उसी में से हूं. पर इस आर्टिकल में मैं बात करूंगा, 'पठान' देखने की पांच वजहों के बारे में. न देखने की वजहें हमारे साथी श्वेतांक बताएंगे. 

1) शाहरुख-सलमान

यदि मेरे पास ऑप्शन होता, तो मैं इस फिल्म को देखने के लिए पाँचों वजहों में शाहरुख-सलमान का नाम लिख देता. खैर, सबसे पहली वजह शाहरुख खान हैं क्योंकि ये शाहरुख की फिल्म है. वो 'ज़ीरो' के चार साल बाद अपनी किसी फिल्म से स्क्रीन पर लौटे हैं. इससे पहले हमने उन्हें ज़्यादातर रोमैन्टिक रोल्स में देखा है. ये फिल्म उन शाहरुख फैन्स के लिए ट्रीट हो सकती है, जिनकी अरसे से शाहरुख को किसी ऐक्शन रोल में देखने की तमन्ना थी. शाहरुख ने भर-भरकर ऐक्शन किया है. हर 10 मिनट बाद उनका एक तगड़ा ऐक्शन सीक्वेंस मिलेगा. शाहरुख ने कहा होगा, मैं इतना ऐक्शन करूंगा कि थिएटर धुआं-धुआं हो जाएगा.

2) सलमान-शाहरुख

मैं पहले भी कह चुका हूं कि मेरे पास यदि एक्सपेरिमेंट करने का बहुत अजीब-सा स्कोप होता तो मैं पूरी स्टोरी में एक ही लाइन लिखता और वो होती: 'इस फिल्म को देखने की पांच वजहें हैं और वो पांचों वजहे हैं शाहरुख-सलमान. खैर, जाने दीजिए.

'पठान' देखने की पहली वजह शाहरुख खान हैं, तो दूसरी वजह है सलमान खान. मैं यदि निजी तौर पर कहूं, तो मुझे सलमान का कैमियो शाहरुख से ज़्यादा जमा. जैसे ही सलमान एंट्री मारते हैं, शाहरुख बहुत फीके से पड़ जाते हैं. हालांकि शाहरुख ने भी ऐक्शन अच्छा ही किया है. पर हमने उन्हें अभी तक ऐसी मासी फिल्म में देखा नहीं है और सलमान तो इसके बादशाह हैं. उन्हें देखकर लगता है, ऐसी फिल्मों के लिए सल्लू भाई ही बने हैं या फिर यूं कहें कि ऐसी फिल्में सल्लू भाई के लिए ही बनी हैं. इतना फ्लॉलेस ऐक्शन! साथ ही जैसी उनकी एंट्री है या फिर जिस तरह से शाहरुख-सलमान को एक साथ फिल्माया गया है, पैसा वसूल हो जाता है. मेरे जैसे शाहरुख-सलमान के घोर क्रिटिक्स को भी मज़ा आ जाता है.

3) द स्ट्रॉंग एंड स्टाइलिश विलेन: जॉन अब्राहम

'पठान' देखने की तीसरी वजह है, जॉन अब्राहम का विलेन वाला रोल 'जिम'. मैंने कम से कम बॉलीवुड में बहुत दिनों के बाद ऐसा पावरफुल, कूल, स्ट्रॉंग और स्टाइलिश विलेन देखा है, जो हीरो की वाट लगा रहा है. हालांकि वो बहुत अतार्किक चीजें भी करता है. जैसे: रस्सी से बंधे दो हेलिकाप्टर्स को ट्रक में बांध देना. खास बात ये है कि वो आदमी अपने बल्की और उभरी हुई नसों वाले शरीर से इसे भी जस्टीफ़ाई कर ले जाता है. ऐसा लगता है कि यही आदमी है, जो 'पठान' को सही मायनों में हरा सकता है. कई जगहों पर तो उसकी चालें हीरो से भी दो कदम आगे पड़ती हैं. कई मौकों पर जॉन शाहरुख पर हावी नज़र आते हैं. जैसे एक घूंसा मारके अभी काम तमाम कर देंगे.

4) द कंविन्सिंग लीडिंग लेडी: दीपिका पादुकोण

जैसे शाहरुख ने पहली बार अपने करियर में इतनी तगड़ी ऐक्शन पैक्ड फिल्म की है. ठीक ऐसे ही दीपिका ने भी पहली बार ऐसा करारा ऐक्शन किया है. और कोई ऐसा ऐक्शन नहीं जिसे आप चलते-फिरते देखते चलें. आप दीपिका के मार-काट वाले सीन ठहरकर देखने पर मजबूर होते हैं. कारण है, उन सीक्वेंसेज को जितनी स्मूथली फिल्माया गया है, दीपिका ने निभाया भी उतने ही चाव से है. वो फिल्म में बहुत एलीगेंट लगी हैं. अच्छी बात ये है, तमाम मेनस्ट्रीम बॉलीवुड फिल्मों की तरह 'पठान' में दीपिका को बस एक लड़की की तरह नहीं इस्तेमाल किया गया है. उन्हें शाहरुख और जॉन के बराबर स्क्रीनटाइम मिला है. उस स्क्रीनटाइम में दीपिका ने आग लगा दी, आग लगा दी, आग लगा दी...

5) ऐक्शन, लोकेशन एंड सिनेमैटोग्राफी

जैसे कि फिल्म को प्रचारित किया जा रहा था कि ये पूरी तरह से एक ऐक्शन थ्रिलर फिल्म होने वाली है. थ्रिल का तो पता नहीं, पर ऐक्शन भरपूर है. उनका शूट भी तगड़ा है. ट्रेन के बाहर हो, ट्रेन के अंदर हो, ट्रक के ऊपर हो, बाइक पर हो, रेगिस्तान, मैदान या फिर बर्फीले पहाड़: सिद्धार्थ आनंद ने कोई ऐसी जगह नहीं छोड़ी है, जहां पर ऐक्शन हो न. ज़्यादातक ऐक्शन आपको ट्रेन और ट्रक की छतों पर मिलेंगे और उनकी सिनेमैटोग्राफी भी छैयां, छैयां... स्टाइल की है. एक वो शॉट मुझे बहुत स्टाइलिश लगा, जिसमें शाहरुख के हाथ में आ रही बंदूक के साथ कैमरा भी ट्रैवल करता है. बाक़ी लोकेशन्स तो हैं ही एक से एक. पेरिस से लेकर अफ्रीका तक की नई लोकेशन्स.

फिल्म में कई कमियां भी थीं, उसके लिए एक अलग कॉपी पेश की जाएगी. अभी इसी में संतोष करिए और कमेन्टबॉक्स में भर-भरकर कोसिए. 

वीडियो: रिव्यू: पठान