https://www.youtube.com/watch?v=Cle_rKBpZ28
मेरे जैसे वो लोग जिन्हें नोलान की बैटमैन फिल्मों की और उनमें क्रिस्चियान बेल को देखने की आदत लग चुकी है, उन्हें शुरुआत में बेन ऐफ़लेक को बैटमैन का मुखौटा पहने देखने में काफ़ी कुछ अजीब तो लगेगा लेकिन जल्दी ही उसकी आदत पड़ जाती है. हेनरी केविल उतने ही सुपरमैन लगते हैं जितने ब्रैंडन रूथ लगा करते थे.

Ben Affleck and Christian Bale as Batman
फ़िल्म में ढेर सारा ऐक्शन है. ऐसा ऐक्शन है जो सिर्फ़ सुपरहीरोज़ पर ही फ़िट बैठ सकता है. लेकिन फ़िल्म के दौरान कई सारे ऐसे मोमेंट्स हैं जहां थोड़ा झेलाऊ हो जाता है. ऐसे में याद आती है आयरन मैन की फिल्मों की या नोलान की बैटमैन की. कई जगहों पर एक ही वक़्त पर इतनी सारी चीज़ें चल रही होती हैं कि कन्फ्यूज़न सा खड़ा हो जाता है. लेकिन आखिरी तक आते-आते काफ़ी कुछ खुद-ब-खुद क्लियर हो जाता है. और वैसे भी वो फिल्म ही क्या कि जिसके ख़त्म होने के बाद आप उसके बारे में सोचें ही न.
फिल्म बहुत लम्बी है. इतनी लम्बी फिल्मों की आदत अब छूट चुकी है और फिल्म के बीच में एक ऐसा पॉइंट आता भी है जब सचमुच लगता है कि फ़िल्म खतम हो गयी लेकिन तभी मालूम चलता है कि 2 रुपिये की अभी और है. फ़िल्म तमाम शोर से भरी हुई है. गाड़ियों के दौड़ने से लेकर बिल्डिंगों के गिरने तक का शोर. म्यूज़िक ऐसा है कि जैसे लगता है मोज़ार्ट की ट्यूशन क्लासेज़ करके निकले किसी होनहार लड़के को इसकी ज़िम्मेदारी दी गयी थी.
फिल्म देखनी है तो थ्री-डी में ही देखो. बहुत मज़ेदार है. जितनी जल्दी हो सके चले जाओ. यार-दोस्तों को लपेट लो. सबको मस्त लगेगी.