The Lallantop

फिल्म रिव्यू: चुरुली

साइंस फिक्शन फिल्म, जो भगवान का शुक्रिया अदा करती है.

post-main-image
जो हमें समझ नहीं आता, वो अक्सर डराता है.
लिज़ो जोस पलीशेरी. 2020 के बाद इनका नाम हर कोई पहचानता है. उनकी फिल्म ‘जलीकट्टू’ इंडिया की तरफ से ऑफिशियल ऑस्कर एंट्री थी. फिल्म की कहानी लिखी थी एस हरीश ने. ‘जलीकट्टू’ के बाद से ही जनता लिज़ो की पुरानी फिल्में खोजने लगी. कयास लगाने लगी कि उनकी अगली फिल्म कब आएगी. इसलिए जब उनकी नई फिल्म ‘चुरुली’ का अनाउंसमेंट हुआ, तो एंटीसिपेशन बनना स्वाभाविक था. फिल्म फेस्टिवल्स में घूमने के बाद ‘चुरुली’ अब आम पब्लिक के लिए अवेलेबल हुई है. फिल्म को सोनी लिव पर स्ट्रीम किया जा सकता है. लिज़ो की नई फिल्म का स्क्रीनप्ले एस हरीश ने ही लिखा है. उनकी ये नई फिल्म कैसी है, यही जानने के लिए हमने फिल्म देख डाली. क्या अच्छा लगा और क्या नहीं, अब उस पर बात करेंगे. # जो समझ नहीं आता, वो हमें डराता है
चुरुली जाने के लिए जीप कहां से मिलेगी?
फिल्म के शुरुआत में ये सवाल दो लोग पूछ रहे होते हैं. दो लोग जो हकीकत में पुलिसवाले हैं. लेकिन अपनी पहचान छिपाकर चुरुली नाम के गांव जा रहे हैं. एक शख्स को पकड़ने के लिए. जिसका नाम हमें आधी फिल्म बीत जाने के बाद पता चलता है. और उसे किस आरोप में पकड़ा जा रहा है, वो पता चलता है एकदम एंड में. लेकिन एक बार ये दोनों पुलिसवाले चुरुली में घुस जाते हैं, उसके बाद हमें उस आरोपी से या इनके मिशन से कोई मतलब रह नहीं जाता. चुरुली के इर्द-गिर्द बना रहस्य ही इतना गाढ़ा है. वो गांव, जो बाहर की दुनिया से कटा हुआ है. जहां कुछ भी जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं है.
Churuli Movie Review
दो लोग जिन्हें लगता है वो बस एक मुजरिम को पकड़ने जा रहे हैं.

फिल्म देखने के दौरान ज्यादातर समय मेरी आंखें तनी रही. ये समझने के लिए कि जो सामने घट रहा है, वो क्यों घट रहा है. और ऐसा मुमकिन कैसे है. हमारे दिमाग को हर समय टू प्लस टू करने की आदत है. हर घटना के पीछे लॉजिक ढूंढने को आतुर रहते हैं. लेकिन यहां आप कितना भी दिमाग लगा लें, चुरुली और उसके किरदारों के आसपास मंडराता रहस्य कम होने का नाम नहीं लेगा. इस कहानी का रहस्यवाद इसका सबसे मेजर कैरेक्टर है.