चुरुली जाने के लिए जीप कहां से मिलेगी?फिल्म के शुरुआत में ये सवाल दो लोग पूछ रहे होते हैं. दो लोग जो हकीकत में पुलिसवाले हैं. लेकिन अपनी पहचान छिपाकर चुरुली नाम के गांव जा रहे हैं. एक शख्स को पकड़ने के लिए. जिसका नाम हमें आधी फिल्म बीत जाने के बाद पता चलता है. और उसे किस आरोप में पकड़ा जा रहा है, वो पता चलता है एकदम एंड में. लेकिन एक बार ये दोनों पुलिसवाले चुरुली में घुस जाते हैं, उसके बाद हमें उस आरोपी से या इनके मिशन से कोई मतलब रह नहीं जाता. चुरुली के इर्द-गिर्द बना रहस्य ही इतना गाढ़ा है. वो गांव, जो बाहर की दुनिया से कटा हुआ है. जहां कुछ भी जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं है.

दो लोग जिन्हें लगता है वो बस एक मुजरिम को पकड़ने जा रहे हैं.
फिल्म देखने के दौरान ज्यादातर समय मेरी आंखें तनी रही. ये समझने के लिए कि जो सामने घट रहा है, वो क्यों घट रहा है. और ऐसा मुमकिन कैसे है. हमारे दिमाग को हर समय टू प्लस टू करने की आदत है. हर घटना के पीछे लॉजिक ढूंढने को आतुर रहते हैं. लेकिन यहां आप कितना भी दिमाग लगा लें, चुरुली और उसके किरदारों के आसपास मंडराता रहस्य कम होने का नाम नहीं लेगा. इस कहानी का रहस्यवाद इसका सबसे मेजर कैरेक्टर है.