बचपन में घर पर कंप्युटर आया. मोहल्ले के लिए जैसे प्रदर्शनी सी लग गई. सभी आकर अपने विवेक के हिसाब से ज्ञान देने लगे. किसी ने खेला गेम मत इंस्टॉल करना, किसी ने कहा सिर्फ पढ़ाई के लिए इस्तेमाल करना. इस सभी से परे किसी समझदार ने सुझाया कि खेलो बच्चों, बस Trojan Horse से बचकर रहना. ये क्या बला थी? एक वायरस, एक मालवेयर जो चुपचाप कंप्युटर में आता है और फिर तबाही मचा देता है. कहानी का पहिया आगे बढ़ा. उस कंप्युटर में दोस्त की उधार वाली पेन ड्राइव की बदौलत एक हॉलीवुड फिल्म की एंट्री हुई. नाम था Troy. पुराने काल की कहानी. ग्रीक मायथोलॉजी. लंबी ज़ुल्फ़ों वाले ब्रैड पिट याद आते हैं. और याद आता है एक लकड़ी का विशालकाय घोड़ा. ग्रीस वाले ट्रॉय शहर पर हमला करना चाहते थे. उस अभेद शहर में घुसने के लिए लकड़ी का एक घोड़ा बनाया गया. ट्रॉय वालों को लगा कि ये उनके लिए कोई गिफ्ट है, कोई इनाम है. उन्होंने लकड़ी के इस बड़े से घोड़े को अपने शहर में आने दिया. रात हुई. पूरा शहर सुकून से सो रहा था. तभी वो लकड़ी का घोड़ा खुलने लगा. उसके अंदर छिपे लोग निकलने लगे. ये ग्रीक फौज के योद्धा थे.
महा-काव्य 'ओडिसी' की कहानी, जिस पर फिल्म बना कर नोलन असाध्य को साधने निकले हैं!
The Odyssey: एक नेत्रहीन आदमी की रचना जिस पर Christopher Nolan 2100 करोड़ की फिल्म बनाने जा रहे हैं.

ये ट्रॉय के अंदर घुसने की योजना थी. उन्होंने अंदर जाकर नगर के द्वार खोल दिए. अब उनकी सेना बड़ी आराम से ट्रॉय में घुस सकती थी. फिर ऐसा हमला हुआ कि ट्रॉय अपने घुटनों पर आ गया. ट्रॉय के निवासियों को ट्रोजन्स कहा जाता था. उस वजह से घोड़े का नाम ‘ट्रोजन हॉर्स’ पड़ा. इस युक्ति के पीछे Odysseus नाम के आदमी का दिमाग था. ये ग्रीक मायथोलॉजी का एक अहम किरदार है. साल 2024 में Christopher Nolan ने अनाउंस किया था कि वो ओडिसीस की कहानी को बड़े परदे के लिए रचने जा रहे हैं. लेकिन उनकी फिल्म ओडिसीस की पूरी जीवनी नहीं दिखाएगी. नोलन की फिल्म का टाइटल The Odyssey है. आज से करीब 2800 साल पहले ओडिसीस को केंद्र में रखकर एक महा-काव्य रचा गया था. समय के साथ उसका नाम Odyssey पड़ा. नोलन की फिल्म उसी पर आधारित होगी.
नोलन ऐसे फिल्ममेकर हैं जिनकी हर नई फिल्म पिछली से पूरी तरह से जुदा रही है. वो खुद को लगातार इन्वेंट करते रहे हैं. उस दौरान सिनेमा की इमैजिनेशन के दायरे को बढ़ाते चले गए. ‘द ओडिसी’ नोलन का सबसे ऐम्बिशियस प्रोजेक्ट होने वाला है. हालांकि उनके फैन्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ये बुरी तरह से बैकफायर कर सकता है. उनका मानना है कि ये ऐसा सब्जेक्ट नहीं जिस पर फिल्म बन सके. उनके ऐसा सोचने के पीछे की वजह ‘द ओडिसी’ की कहानी में छिपी है. उसके बारे में जानेंगे. कैसे इसकी कहानी का क्रेडिट एक नेत्रहीन आदमी को जाता है. हॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स को लेकर ये 2000 करोड़ी फिल्म कैसे बनने वाली है, उसकी पूरी जर्नी को थोड़ा करीब से समझेंगे.
# एक नेत्रहीन आदमी की रचना जो स्कूलों में पढ़ाई जाती है
कहा जाता है कि ‘द ओडिसी’ को होमर ने रचा था. किसी को नहीं पता कि होमर कौन थे. वास्तविकता में ऐसा कोई इंसान था या नहीं, इस पर भी सवाल उठते रहते हैं. पढ़ने को मिलता है कि होमर एक नेत्रहीन आदमी थे. उन्होंने ये काव्य लिखा नहीं, क्योंकि जब ओडिसी की पहली नींव पड़ी तब ग्रीक ऐल्फाबेट बने ही नहीं थे. बताया जाता है कि होमर ने ‘द ओडिसी’ को सिर्फ सुनने के मकसद से रचा था. फिर यहां एंट्री होती है रैपसोड (Rhapsode) की. ये लोग वो कवि हुआ करते थे जो लोगों को कहानियां सुनाते थे. अब इनके नाम में एक कैच है. रैपसोड का अर्थ होता है कई सारी चीज़ों को साथ बुन देना. ‘द ओडिसी’ के क्रेडिट पर हक सिद्ध करने में एक ये तर्क भी आता है कि होमर ने एक बेसिक-सी कहानी तैयार की थी. उसमें बहुत सारे कमाल के एलिमेंट्स इन रैपसोड्स ने जोड़ दिए थे. ये कहानी सुनकर अपने हिसाब से बदलाव कर देते और आगे बढ़ाते.
बहरहाल आज जिस ‘द ओडिसी’ के लिए होमर को क्रेडिट मिलता है, वो बहुत सारे बदलावों से होकर गुज़री है. ‘द ओडिसी’ 24 कविताओं का संग्रह है और इसमें 12,000 से ज़्यादा लाइनें हैं. ओडिसीस की कहानी सिर्फ इस एक काव्य तक सीमित नहीं थी. ये पूरी कहानी दो कविता संग्रहों में बंटी है. पहली है Iliad. इसमें 15,00 से ज़्यादा लाइनें हैं. ट्रोजन वॉर से पहले ये किताब खत्म हो जाती है. फिर शुरू होती है ‘द ओडिसी’. मगर ये मिड-पॉइंट से शुरू होती है.

हम पढ़ते हैं कि ट्रोजन वॉर को खत्म हुए 10 साल हो चुके हैं. ओडिसीस एक द्वीप पर फंसा हुआ है. उसे अपने घर इथेका (Ithaca) से निकले 20 साल से ज़्यादा हो चुके हैं. यहां एक आदमी है जिसने खूब खून-खराबा देखा. बदहाली में रहा मगर अब किसी भी तरह बस अपने घर जाना जाता है. अपनी पत्नी पेनेलोपे से एक होना चाहता है. उसकी आंखों के सामने सिर्फ एक ही मकसद तैर रहा है, कि बस घर जाना है. अब पूरी कायनात इस कोशिश में लग जाती है कि वो घर ना पहुंच सके. उसे और उसकी साथियों का सामना एक जादूगरनी से होता है जो उसके साथियों को सूअर में बदल देती है. वो लोग विशालकाय दानवों से लड़ते हैं. एक ऐसे द्वीप पर पहुंचते हैं जहां लोग सिर्फ कमल खाते हैं. वहां पैदा हो रहे कमल को खाने का परिणाम ये है कि आप एकदम Chill Guy बन जाएंगे. उन्हें खाते ही ओडिसीस के साथियों में घर लौटने की इच्छा क्षीण होने लगती है, वो बस अपनी मौज में रहना चाहते हैं. ओडिसीस के सामने चुनौती है कि उन्हें कमल के असर से निकालकर अपना मकसद याद दिलाए.
‘द ओडिसीस’ को एक अच्छे ड्रामा की तरह भी पढ़ाया जाता है. आपके हीरो का एक मकसद है और वो उस तक नहीं पहुंच पा रहा. उसकी समस्या सिर्फ इंसान ही नहीं हैं. बल्कि भगवान भी उस पर कहर बरपा रहे हैं. अपने साथियों को बचाने के लिए ओडिसीस, पोसाइडन के बेटे की आंख फोड़ देता है. ग्रीक मायथोलॉजी में पोसाइडन समुद्र का देवता है. जब पोसाइडन को पता चलता है कि ओडिसीस ने उनके बेटे को अंधा बना दिया है तो वो गुस्से में फूट पड़ता है. समुद्र में तूफान ले आता है. ओडिसीस के जहाज़ बर्बाद हो जाते हैं. उस पर देवताओं का कहर बरसता है. ये थीम ‘इलियड’ और ‘ओडिसी’ में कॉमन भी है. कि जब भी मनुष्य खुद को देवताओं से बड़ा समझने लगता है, या वो अहंकार से भरने लगता है तभी उस पर भगवान बरस पड़ते हैं. खैर, ‘द ओडिसी’ में इतने सारे एलिमेंट्स हैं, इतनी सारी कहानियां हैं कि सब पर एक अलग किताब छप सकती है. यही वजह है कि ये सुनने में बहुत रोचक लगती है, मगर एक फिल्म में इतने पहलुओं को स्पेस देना लगभग नामुमकिन लगता है.
# नोलन की असली चुनौती क्या है?
क्रिस्टोफर नोलन इस फिल्म को बहुत बड़े स्केल पर बनाना चाहते हैं, ऐसा जैसा कभी किसी ने ना देखा हो. उनकी पिछली फिल्म ‘ओपनहाइमर’ 100 मिलियन डॉलर के बजट पर बनी थी. अब ‘द ओडिसी’ के लिए 250 मिलियन डॉलर का बजट तय किया गया है. भारतीय रुपये में ये करीब 2184 करोड़ होता है. फिल्म की कास्ट में एक से एक बेहतरीन एक्टर्स शुमार होते जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि ‘स्पाइडरमैन’ वाले टॉम हॉलैंड फिल्म में ओडिसीस का रोल करेंगे. उनके अलावा ज़ेंडाया, मैट डेमन, एन हैथवे, लुपिता न्योंग’ओ, रॉबर्ट पैटिनसन और चार्लीज़ थेरॉन भी अहम रोल्स में नज़र आएंगे.
कुछ दिन पहले Variety में खबर छपी थी कि नोलन इस फिल्म को इटली के उस गांव में जाकर शूट करेंगे जिसका ज़िक्र होमर की ‘द ओडिसी’ में भी मिलता है. उसके अलावा इंग्लैंड और मोरक्को में भी फिल्म को शूट किया जाएगा. खबर है कि फिल्म को शूट करने के लिए IMAX की नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा.

ऐसा नहीं है कि ‘द ओडिसी’ पर आधारित फिल्म पहले ना बनी हो. कोएन ब्रदर्स की Oh Brother! Where Art Thou एक पॉपुलर एग्ज़ैम्पल है. लेकिन ये फिल्में ‘द ओडिसी’ के कोर आइडिया से प्रेरित थी. वो उस दुनिया की कहानी नहीं बताती. जबकि बताया जा रहा है कि नोलन वाली फिल्म एक मिथिक एक्शन होने वाली है. एक फिल्म के अंदर वो इतना सब कुछ कैसे समेट पाते हैं, ये देखने लायक होगा. मुमकिन है कि कहानी को सही स्पेस देने के लिए इसे ट्रिलजी में तब्दील कर दिया जाए. मगर अभी ऐसा कुछ भी अनाउंस नहीं हुआ है. जल्द ही ‘द ओडिसी’ की शूटिंग शुरू होने वाली है. मेकर्स का प्लान है कि 17 जुलाई 2026 की तारीख को ये फिल्म सिनेमाघरों में उतर जाए.
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