बीजेपी नेता बलबीर पुंज ने घरों को लौटते मजदूरों पर ओछा कमेंट किया है.
कोरोना वायरस के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान किया था. इसके बाद से जरूरी सेवाओं के अलावा सब कुछ बंद है. लेकिन काम बंद होने और खाने की कमी के चलते बड़ी संख्या में मजदूर घरों को लौट रहे हैं. पैदल ही सिर पर सामान की गठरी और साथ में परिवार. लेकिन लगता है कि कुछ नेताओं को शायद इससे फर्क नहीं पड़ता. बीजेपी के नेता हैं बलबीर पुंज. दो बार सांसद भी रह चुके हैं. उन्होंने मजदूरों के अपने घरों-गांवों को लौटने पर बहुत ही टुच्ची बात की है. 'नेताजी' ने लिखा है-
खानाबदोश मजदूर दिल्ली छोड़कर क्यों जा रहे हैं? पैसों की चाहत या खाने की? नहीं. यह लापरवाही है. घर पर नौकरी या पैसा उनका इंतजार नहीं कर रहा है. इसके (लॉकडाउन) जरिए वे जबरदस्ती मिली 'छुट्टी' का इस्तेमाल अपने परिवारों से मिलने या घर पर बाकी पड़े कामों को पूरा करने के लिए कर रहे हैं. हालात की गंभीरता से उन्हें कोई लेना-देना नहीं.
'गरीबों के लिए प्लेन क्यों नहीं भेजा?' सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने बलबीर पुंज को उनके बयान के लिए कोसा भी है. लेकिन वे अपने बयान पर कायम है. पूर्व आम आदमी पार्टी नेता और पत्रकार आशुतोष ने पुंज को जवाब दिया-
बलबीर पुंज बीजेपी/संघ के सदस्य हैं. सरकार विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिये विशेष विमान भेजती है. देश के ग़रीबों को ये ग़ैरज़िम्मेदार बताते हैं. बीजेपी सरकारें इन ग़रीबों के लिये विशेष विमान क्यों नहीं भेजती! ये विचारधारा की मानसिकता है.
बीजेपी नेता तरुण विजय ने भी पुंज के बयान पर असहमति दी. उन्होंने कहा कि दर्द और तकलीफ के समय आदमी अपनों की चिंता करता है. कोई भी उन्हें खाना या शरण देने नहीं गया और किसी ने उन्हें समझाया भी नहीं. हमारे होठों पर दर्द और दुख में पहला नाम मां, बहन और बच्चों का ही आता है.
सरकार ने अब उठाए कदम बता दें कि लॉकडाउन के बाद से देश के कई राज्यों के मजदूर घरों को लौट रहे हैं. इनमें यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोग शामिल हैं. हालांकि अब केंद्र सरकार ने इस बारे में कदम उठाए हैं. गृह मंत्रालय ने राज्यों से घरों को लौट रहे लोगों को खाना और रहने की जगह देने को कहा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मजदूरों से ठहरने की अपील की है. गुजरात और यूपी सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं.
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