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"बाहुबली 2 के वॉर सीन प्लान करने में 2 करोड़ रुपये खर्च हो गए थे"

'बाहुबली' फिल्मों के प्रोड्यूसर ने बताया कि इन फिल्मों को बनाने में इतना खर्चा हो रहा था कि एक गाने में बड़े स्टार को लेने का प्लान ड्रॉप करना पड़ा.

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'बाहुबली: दी एपिक' 31 अक्टूबर 2025 को रिलीज़ हो रही है.

SS Rajamouli और Prabhas की Bahubali: The Epic रिलीज़ के लिए तैयार है. राजामौली ने ‘बाहुबली’ के दोनों पार्ट्स को मिलाकर इस फिल्म को बनाया है. बताया गया कि इसमें कुछ नई सीन भी देखने को मिलेंगे जो पहली दोनों फिल्मों में मौजूद नहीं थे. हाल ही में दोनों फिल्मों के प्रोड्यूसर रहे शोभू यारलागड्डा ने Gulte Pro से इन दोनों फिल्मों की मेकिंग पर बात की है. उन्होंने बताया कि फिल्म पर इतना ज़्यादा खर्चा हो रहा था कि वो और राजामौली अक्सर बैठकर चर्चा करते थे कि क्या हटाया जा सकता है और क्या नहीं. इस बाबत उन्होंने बताया,

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कई बार ऐसा हुआ जब उन्होंने (राजामौली) साफ कहा, "मैं इस पर समझौता नहीं करूंगा." जैसे ‘मनोहारी’ वाले आइटम सॉन्ग का मामला था. पहले प्लान था कि इस गाने में कोई बड़ा स्टार लिया जाए. लेकिन जब खर्चा ज़्यादा बढ़ने लगा, तो हम सब सोचने लगे कि क्या इस गाने को रखा भी जाए या नहीं. तब राजामौली ने कहा कि ये गाना ज़रूरी है, लेकिन इसमें बड़े स्टार की ज़रूरत नहीं है.

‘बाहुबली’ फिल्मों के वॉर सीन इनकी सबसे बड़ी हाइलाइट्स में से थे. उन्हें बनाने के लिए मेकर्स ने पानी की तरह पैसा बहाया. शोभू ने बताया,

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हमने हर दिन 25-30 लाख रुपये खर्च किए, और शूटिंग 30-40 दिनों तक चली. बीच में एक दिन के लिए शूट रोककर हमने खर्च पर चर्चा की. यह सिर्फ प्रोडक्शन का खर्च है, इसमें CGI या बाकी खर्च शामिल नहीं हैं. हमने सब कुछ ध्यान से देखा और समझा कि ज़्यादा कटौती संभव नहीं है. इसलिए थोड़ी बहुत एडजस्टमेंट और ऑप्टिमाइजेशन करके हमने आगे शूट जारी रखा. कई बार हमें 500-600 लोगों की ज़रूरत होती थी जो योद्धा के रूप में दिखें. इसके लिए हमने विशाखापट्टनम (विज़ाग) से बॉडीबिल्डर्स बुलाए, जो कम दाम लेते थे और पूरे समय हमारे साथ रहते थे.

इस बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि समय के साथ प्री-प्रोडक्शन बदल गया है. उस दौर में ‘बाहुबली’ बनाते वक्त सिर्फ प्री-विज़ुअलाइज़ेशन पर दो करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए थे. उन्होंने बताया,

जैसे ही हमने शूटिंग शुरू की, हमें महसूस हुआ कि काम बहुत ज़्यादा है. हमारे प्रोसेस में कॉन्सेप्ट आर्ट बनाना, पूरी दुनिया तैयार करना और उसके नियम तय करना शामिल था. अनुभव और AI की तकनीक आने की वजह से कॉन्सेप्ट से लेकर प्री-विज़ुअलाइज़ेशन तक का तरीका काफ़ी बदल गया है.

पहले पार्ट में प्री-विज़ुअलाइज़ेशन नहीं किया गया था, या तो इसलिए कि वह बहुत महंगा था या फिर हमें उसकी जानकारी नहीं थी. दूसरे पार्ट के लिए हम लॉस एंजिलिस गए और पूरे वॉर सीक्वेंस का प्री-विज़ुअलाइज़ेशन किया गया, जिस पर अकेले ही करीब 2 करोड़ रुपये खर्च हुए. लेकिन इसी की वजह से हम वैसा ही शूट कर पाए, जैसा हम चाहते थे. इससे प्रोडक्शन के दौरान उससे भी ज़्यादा पैसे बच गए. जब तक प्रोजेक्ट प्रॉफिटेबल है, तब तक ऐसे खर्च जायज़ लगते हैं.

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बता दें कि ‘बाहुबली: दी एपिक’ 31 अक्टूबर को दुनियाभर के सिनेमाघरों में उतर रही है. राजामौली ने ये तारीख इसलिए चुनी है क्योंकि इस दिन कोई भी बड़ी इंटरनेशनल फिल्म रिलीज़ नहीं हो रही है. अपनी फिल्म इस दिन रिलीज़ कर के वो इंटरनेशनल मार्केट को भी टारगेट करना चाहते हैं. 

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