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कैसे एक इंस्पेक्टर बन गया इंडिया का पहला सुपरहिट रैपर?

एक आर्टिस्ट ऐसा है, जो पिछले 30 सालों से रैप कर रहा है. उन्हें एमिनेम या एनरिके जितनी पॉपुलैरिटी तो नहीं मिली, मगर इंडिया में रैप कल्चर को लॉन्च करने का क्रेडिट उन्हें ही जाता है.

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इंडिया के पहले रैपर बाबा सहगल.
जब दुनियाभर में टुपैक, नैस और स्नूपडॉग जैसे रैपर्स ने बवाल काटा हुआ था, तब हमारे पास उनका कोई जवाब नहीं था. 'गली बॉय' के बाद इंडिया में कायदे का हिप-हॉप रिवॉल्यूशन शुरू हुआ है. डिवाइन, नेज़ी, रफ्तार, एमिवे, लिल गोलू, काम भारी, स्पिट फायर जैसे ढेरों नाम अब आपको सुनने को मिल जाएंगे, जो रैप करते हैं. उसके पहले हमारे पास यो यो हनी सिंह और बादशाह हुआ करते थे. जिनका सिर्फ नाम और पहनावा रैपरों जैसा था. मगर एक आर्टिस्ट ऐसा है, जो पिछले 30 सालों से रैप कर रहा है. जिसने एमिनेम या एनरिके जितनी पॉपुलैरिटी तो नहीं पाई, मगर इंडिया में रैप कल्चर को लॉन्च करने का क्रेडिट उन्हें ही जाता है. आज हम उन्हीं की बात करने वाले हैं. हम बात करने वाले हैं हरजीत सिंह सहगल उर्फ बाबा सहगल की.

# वो फैन, जिसने बचपन में किशोर कुमार जैसा बनने की कसम खा ली थी! हरजीत सिंह सहगल का जन्म लखनऊ की एक ऐवरेज मिडल क्लास फैमिली में हुआ था. बचपन से ही वो किशोर कुमार के बहुत बड़े फैन थे. सपना देखा था कि एक दिन मुंबई जाकर उन्हीं के जैसे बनेंगे. घर में उनकी इस बात को भले किसी ने सीरियसली ना लिया हो मगर हरजीत धुन के पक्के थे. उन्हें घर में बब्बू कहकर बुलाया जाता था. जब भी घर में कोई मेहमान आता, मम्मी बोलती- 'बब्बू, अंकल को वो वाला गाना सुनाओ!' अंकल गाना सुनकर ताली बजा देते और बब्बू को अपने क्राफ्ट पर यकीन आ जाता. सपना किशोर कुमार बनने का था, इसलिए पढ़ाई-लिखाई में ज़्यादा ध्यान नहीं रहता था. जब हरजीत नैनीताल के जी.बी. पंत यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग कर रहे थे, तब पापा ने एक ऑफर दिया. ऑफर ये था कि अगर हरजीत अपना इग्ज़ाम पास करके इंजीनियर बन जाते हैं, तो उन्हें मारुती 800 कार गिफ्ट मिलेगी. पापा की ट्रिक काम कर गई और हरजीत इलेट्रिकल इंजीनियर बनकर कॉलेज से पास आउट हुए. कॉलेज में हरजीत काफी पॉपुलर थे. जनरल सेक्रेटरी की पोस्ट के साथ उन्हें नया नाम भी मिल गया था. कॉलेज के लोग उन्हें 'बाबा' कहकर पुकारते थे.
हरजीत अपने कॉलेज में काफी पॉपुलर थे, इसलिए उनके दोस्त उन्हें बाबा कहकर बुलाते थे. जब हरजीत मुंबई गए, तो अपना नाम बदलकर बाबा सहगल कर लिया.
हरजीत अपने कॉलेज में काफी पॉपुलर थे, इसलिए उनके दोस्त उन्हें बाबा कहकर बुलाते थे. जब हरजीत मुंबई गए, तो अपना नाम बदलकर बाबा सहगल कर लिया.

# एक इंस्पेक्टर, जिसने मुंबई जाकर भारतीय संगीत जगत में क्रांति ला दी इंजीनियरिंग करने के बाद फैमिल प्रेशर में हरजीत को नौकरी करनी पड़ी. उन्होंने कुछ दिन इलाहाबाद और नैनी में काम किया. फिर वो डेसू यानी Delhi Electric Supply Undertaking में इंस्पेक्टर नियुक्त हो गए. एक दिन काम से घर लौटने के बाद हरजीत ने मां को फोन किया. कहा बस हो गया. अब वो 9 से 5 की नौकरी नहीं कर पाएंगे. इसलिए वो मुंबई जा रहे हैं. मम्मी ने बहुत सारी लॉजिकल बातें समझाई मगर बाबा के पल्ले कुछ नहीं पड़ा. उन्होंने अपनी कार निकाली और दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हो लिए. मुंबई उनके एक दोस्त रहते थे. मैग्नासाउंड नाम की कंपनी में मैनेजर थे. कहा जाता है कि उन दिनों इंडिपेंडेंट म्यूज़िक को सपोर्ट करने वाली यही एक कंपनी थी, जो बॉलीवुड यानी हिंदी फिल्म म्यूज़िक को टक्कर दे सकती थी. स्ट्रगल शुरू हुआ. मगर दो साल के अंतराल में बाबा ने बैक टु बैक दो एल्बम निकाले- 'दिलरुबा' और 'अलीबाबा'.
बाबा के करियर के दो शुरुआती एल्बम अलीबाबा और दिलरुबा के कवर्स.
बाबा के करियर के दो शुरुआती एल्बम अलीबाबा और दिलरुबा के कवर्स.


इंडिया में तब रैप म्यूज़िक का सीन नहीं था. इसलिए ये दोनों एल्बम पिट गए. कंपनी ने कहा अब एल्बम नहीं बना सकते. दूसरी तरफ पापा ने फोनकर कहा कि वापस दिल्ली आ जाओ. क्योंकि दिल्ली में बाबा की नौकरी अब भी सुरक्षित थी, वो जाकर फौरन जॉइन कर सकते थे. मगर बाबा को रेगुलर घिसी-पिटी लाइफ जीनी नहीं थी. उन्होंने दिल्ली जाने से बेहतर मुंबई में ही स्ट्रगल जारी रखा. # जिस कंपनी ने मना किया, उसी ने बाबा का गाना सुनकर ताली बजाई मैग्नासाउंड कंपनी के ऑफिस से निकलकर बाबा अपने एक दोस्त के यहां पहुंचे. तब हमारे यहां ज़्यादा टीवी चैनल्स नहीं होते थे. इंडिया की इकलौती लाइफलाइन थी डीडी-मेट्रो. विदेशी कंपनियां बस इंडिया में कदम रख ही रही थीं. इसकी शुरुआत हुई थी MTV से. बाबा के दोस्त के घर टीवी पर MTV चैनल चल रहा था. उस पर 'आइस आइस बेबी' नाम का इंग्लिश गाना आ रहा था. बाबा को उस गाने की ट्यून हिट कर गई. वो वहां से निकले और मुंबई के चर्चित सेंटॉर होटल पहुंचे. वहां पूलसाइड पर बैठकर वो कुछ लिखने लगे. वहां से उठकर वो मैग्नासाउंड के ऑफिस पहुंचे. वहां मौजूद तमाम लोगों को उन्होंने अपना लिखा गाना सुनाया. खूब तालियां बजीं. फाइनली कंपनी के हेड बाबा के साथ नया एल्बम बनाने के लिए तैयार हो गए. तब एक एल्बम में 8 गाने होते थे. फटाफट वो गाने तैयार किए गए. 2 महीने के भीतर वो एल्बम रिलीज़ कर दिया गया. 'ठंडा-ठंडा पानी' नाम का ये गाना बहुत बड़ा हिट साबित हुआ. कहा जाता है 'ठंडा-ठंडा पानी' इंडिया का पहला सक्सेसफुल रैप एल्बम था. एल्बम से ठंडा-ठंडा पानी गाना यहां सुनिए:

दिक्कत ये थी कि गाने हिट होने के बावजूद बाबा सहगल को कोई पहचानता नहीं था. क्योंकि म्यूज़िक वीडियोज़ चलन में नहीं थे. बाबा ने नया ट्रेंड शुरू किया. उन्होंने अपने एल्बम के एक गाने 'दिल धड़के' का म्यूज़िक वीडियो तैयार किया. इसमें बाबा के साथ एक्ट्रेस पूजा बेदी नज़र आई थीं. ये MTV पर दिखाया जाने वाला इंडिया का पहला म्यूज़िक वीडियो था. आगे बाबा ने 'मैं भी मडोना', 'डॉक्टर ढींगरा' और 'लूम्बा-लूम्बा' समेत 19 एल्बम निकाले. उन्हें मिस 420 नाम की एक फिल्म के लिए भी म्यूज़िक करने का मौका मिला. इस फिल्म के लिए अनु मलिक के साथ मिलकर बनाया उनका गाना 'आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा' भी काफी हिट रहा. 'दिल धड़के' का म्यूज़िक वीडियो यहां देखिए-
# जब बाबा सहगल को अंडरवर्ल्ड की वजह से देश छोड़कर जाना पड़ा ये मिड 90s का दौर था. फिल्म इंडस्ट्री में अंडरवर्ल्ड की एंट्री हो चुकी थी. स्टॉक मार्केट क्रैश हो चुका था. तमाम म्यूज़िक कंपनियां बंद हो गई थीं. हर दूसरे बंदे को धमकियां मिल रही थीं. ऐसे समय में बाबा ने इंडिया छोड़कर जाने का प्लान बनाया. ऐसा इसलिए कि इंडिया में रहकर भी उनका कुछ फायदा नहीं होने वाला था. क्योंकि जिस म्यूज़िक कंपनी से उन्हें रॉयल्टी मिलती थी, वो बंद हो चुकी थी. उनके पास एक घर था और सिर पर बड़ा सा लोन. इस कंडिशन में वो सिंगापुर चले गए. कई अलग-अलग तरह के बिज़नेस में पैसा इनवेस्ट किया मगर सारे पैसे डूब गए. लोन चुकाने के लिए बैंकों के फोन आने लगे. बाबा के लिए ये बड़ा मुश्किल वक्त था. खैर, वो वापस इंडिया लौटे. फिर से हसल शुरू किया. उन दिनों ज़ी-टीवी एक नया शो शुरू करने जा रहा था. बाबा ने उन्हें काम के लिए अप्रोच किया. ज़ी ने उन्हें जावेद जाफरी के साथ 'फिलिप्स टॉप 10' नाम का शो में ले लिया. ये शो बड़ा हिट रहा. मगर काम की कमी बनी हुई थी.
एक समय ऐसा भी आया जब बाबा के पास काम और पैसा दोनों ही नहीं थे. बाबा ने दोबारा स्ट्रगल शुरू किया.
एक समय ऐसा भी आया जब बाबा के पास काम और पैसा दोनों ही नहीं थे. बाबा ने दोबारा स्ट्रगल शुरू किया.

# जब सुपरस्टार चिरंजीवी ने बाबा सहगल को एयरपोर्ट पर उदास देख अपनी फिल्म दे दी बाबा अपने एक शो के बाद हैदराबाद एयरपोर्ट पर बैठे थे. वहीं तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी भी मौजूद थे. वो बाबा को देखते ही पहचान गए. उन्हें परेशान देख, चिरंजीवी ने पूछा लिया कि क्या बात है? बाबा ने उन्हें अपने करियर की पूरी राम कहानी बताई. चिरंजीवी ने कहा-
''चिंता मत करो. मैं तुम्हें कल फोन करता हूं. तुम मेरे लिए एक गाना गाओगे.''
बाबा ने मुंबई में स्ट्रगल किया था. उन्हें ऐसे खोखले वादों की आदत सी पड़ गई थी. उन्हें लगा कि चिरंजीवी भी उन्हें कल फोन करने वाली घुट्टी पिला गए. मगर इंट्रेस्टिंग बात ये कि चिरंजीवी ने वाकई अगले दिन फोन कर बाबा को अपनी फिल्म में गाने के लिए बुलवाया. ये फिल्म थी 1995 में आई 'रिक्शावोडु'. गाने का नाम था- रूप तेरा मस्ताना. इसके बाद से बाबा का तेलुगु फिल्मों में सिंगिंर करियर शुरू हो गया. कायदे से देशभर की म्यूज़िक इंडस्ट्री में रच-बस चुके बाबा ने सन 2000 के बाद तय किया कि वो म्यूज़िक सीखने अमेरिका जाएंगे. संगीत की प्रॉपर ट्रेनिंग लेकर वो जैसे ही इंडिया आए, उन्हें एक ऑफर आया. ये ऑफर थे पॉपुलर टीवी शो बिग बॉस का. ये बिग बॉस हिंदी का पहला सीज़न था. बाबा सहगल को इस शो में वाइल्ड कार्ड एंट्री के तौर पर बुलाया गया था. बाबा बताते हैं कि वो शो उन्होंने इसलिए किया क्योंकि उसके लिए उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे थे. बिग बॉस से आने के बाद बाबा कुछ दिनों तक चर्चा में रहे. इसका फायदा उन्हें एक बार फिर से साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में मिला. अब वहां उन्हें फिल्मों में रोल्स ऑफर होने लगे थे. तेलुगु के साथ-साथ बाबा ने कई तमिल फिल्मों में भी विलन का रोल कर चुके हैं.
एक इवेंट के दौरान तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी के साथ बाबा सहगल.
एक इवेंट के दौरान तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी के साथ बाबा सहगल.

# आज कल कहां हैं बाबा सहगल और क्या कर रहे हैं? समय के साथ फिल्मों के ऑफर कम होते चले गए. मगर गाने चल रहे थे. ये वो दौर था, जब इंडिया में सोशल मीडिया ने पांव जमाने शुरू कर दिए थे. फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पब्लिक के बीच खूब पॉपुलर हो रहे थे. बाबा ने ट्विटर पर अपना खेल शुरू किया. वो मस्त 2 लाइनर्स लिखकर पोस्ट करते. जनता खूब पसंद करती. दबाकर लाइक्स और रिट्वीट्स आने लगे. धीरे-धीरे बाबा इंफ्लूएंसर बन गए. ब्रांड्स अपने प्रमोशन के लिए उनके पास आने लगे. बाबा इस चीज़ को लेकर सीरियस हो गए. उन्होंने अपना खुद का यूट्यूब चैनल शुरू किया. वो अपने गाने बनाकर इसी यूट्यूब चैनल पर अपलोड करने लगे. पब्लिक देखने लगी. मार्च 2020 के बाद से लेकर अब तक बाबा सहगल कुल 20 से ज़्यादा गाने बना चुके हैं. इस खबर के लिखे जाने तक उनका लेटेस्ट ट्रैक है- 'चपाती राउंड बनाना'. साउथ इंडियन फिल्मों के साथ व्यस्त होने की वजह से उन्होंने पिछले दिनों अपना बेस हैदराबाद शिफ्ट कर दिया था. मगर अब वो वापस मुंबई में सेटल हो चुके हैं.

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