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3600 करोड़ में बनी 'अवतार 3' कैसे पूरी फ्रैंचाइज़ का गेम बदल देगी!

साल 2025 की इस सबसे बड़ी फिल्म पर पूरी 'अवतार' फ्रैंचाइज़ का भविष्य निर्भर करता है.

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'अवतार 3' को क्रिटिक्स से मिक्स्ड रिव्यूज़ मिल रहे हैं.

Avatar: Fire and Ash सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. फिल्म के बड़े परदे पर लगने से पहले इंटरनेशनल मीडिया में इसे लेकर रिव्यूज़ आने लगे थे. किसी ने लिखा कि इस फिल्म का अनुभव बड़ी स्क्रीन पर ही लेना चाहिए. तो वहीं दूसरे क्रिटिक्स का कहना था कि तीसरे पार्ट में वो वाली बात नहीं. कुलमिलाकर फिल्म को मिक्स्ड रिव्यूज़ मिल रहे हैं. इन रिव्यूज़ के बावजूद इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि ‘अवतार 3’ साल 2025 की सबसे बड़ी फिल्म है. ये एक इवेंट फिल्म है जिसे हर सिनेप्रेमी अनुभव करना चाहता है. यही वजह है कि ‘अवतार 3’ पहले वीकेंड पर 340 से 380 मिलियन डॉलर के बीच कमाने वाली है.

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जेम्स कैमरन एक ऐसे फिल्ममेकर रहे हैं जिन्होंने सिर्फ कहानियों की दुनिया में क्रांति नहीं मचाई. बल्कि उन्होंने कहानी कहने के ढंग या कहें तो मीडियम को बदलकर रख दिया. उन्होंने सही भाषा में सिनेमा को revolutionize किया है. जेम्स ने ‘टाइटैनिक’ बनाई. सिनेमा इतिहास की सबसे बड़ी फिल्म बनी. उनके पास अगली फिल्म बनाने के लिए बड़े-बड़े ऑफर आए. लेकिन जेम्स का ईमान नहीं डोला. वो वही कहानी कहना चाहते थे जिस पर उन्हें यकीन हो, और जिसके लिए दुनिया तैयार हो. जेम्स वैसे फिल्ममेकर नहीं रहे जिनके लिए कहा जाए कि ये आदमी अपने समय से आगे था. वो भविष्य को खींचकर अपने समय में लाए.

‘टाइटैनिक’ के बाद उनकी अगली फीचर फिल्म ‘अवतार’ थी. ‘अवतार’ एक नई दुनिया थी. ऐसा कुछ पहले नहीं देखा गया था. हॉलीवुड में 3-D फिल्में ज़ोर पकड़ रही थीं. फिल्मों को 2-D में शूट किया जाता. फिर मेकर्स उन्हें 3-D में कन्वर्ट करते थे. मगर जेम्स को ये नहीं करना था. उनको बड़ी पिक्चर दिख रही थी. उन्होंने खुद वो कैमरा बनाया जिससे सीधा किसी भी फिल्म को 3-D में शूट किया जा सके. उसी के बलबूरे ‘अवतार’ शूट की गई. ‘अवतार’ आई और उसकी ताजपोशी हुई. सिनेमा इतिहास की सबसे बड़ी फिल्म के खिताब से नवाज़ा गया. ‘अवतार’ को देखकर दूसरे डायरेक्टर्स ने भी अपनी फिल्मों को शूट करने के लिए उस कैमरा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.

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जेम्स की क्रांति रंग लाई. लेकिन वो इतने पर रुकने वाले नहीं थे. ‘अवतार’ की दूसरी फिल्म के साथ भी उन्होंने सिनेमा को बदला. अब इस सीरीज़ की तीसरी फिल्म आई है. ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ के ज़रिए जेम्स ने ऐसा क्या किया जो आज से पहले नहीं हुआ था, अब उनके बारे में बताएंगे:

# बैकग्राउंड रेन्डरिंग: मार्वल या कहें तो सुपरहीरो फिल्मों को लेकर दो धड़े बने हुए हैं. एक उन फिल्मों को इन्जॉय करता है, दूसरा कहता है कि ये सिनेमा नहीं है. यहां कुछ भी असली नहीं है. सब VFX से रच दिया जाता है. यहां तक कि एक्टिंग भी असली नहीं होती है. ग्रीन स्क्रीन के आगे एक्टर्स अपनी कल्पना से परफॉर्म करते थे. यानी शूटिंग के वक्त उनके सामने कोई किरदार या दुनिया नहीं होती थी, वो बस उनकी कल्पना कर के एक्टिंग करते. इस वजह से भी इन फिल्मों को नीची नज़रों से देखा जाता. ‘अवतार 3’ में जेम्स कैमरन ने ये सिस्टम बदल दिया. वो बैकग्राउंड रेन्डरिंग की टेक्नीक लेकर आए. यानी इस फिल्म में एक्टर्स ने ग्रीन स्क्रीन के सामने परफॉर्म नहीं किया. उसकी जगह बैकग्राउंड में वही विज़ुअल चलेगा जो उस सीन में घट रहा होगा. कुलजमा बात ये है कि ‘अवतार 3’ में एक्टर्स को कुछ इमैजिन कर के एक्टिंग नहीं करनी पड़ी, सारे विज़ुअल उनकी आंखों के सामने थे.

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‘अवतार: फायर एंड ऐश’ के सेट पर जेम्स कैमरन. 

# परफॉरमेंस कैप्चर: “वो कहते हैं ये 'असली एक्टिंग' नहीं है. ये इतिहास की सबसे बकवास बात है. जैसे असली एक्टिंग तो सिर्फ स्टेज एक्टिंग है जहां फुसफुसाने के लिए आपको इतना चिल्लाना पड़ता है कि 30 पंक्तियों के पार भी आवाज़ जाए.” जेम्स कैमरन ने द हॉलीवुड रिपोर्टर को दिए इंटरव्यू में ये बात कही थी. यहां वो उन आलोचकों को जवाब दे रहे थे जो कहते हैं कि ‘अवतार’ यूनिवर्स के एक्टर्स एक्टिंग नहीं करते. उनका सब कुछ VFX आदि पर ही निर्भर करता है. इस बात पर जेम्स खीज जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वो अपने एक्टर्स के काम की बारीकी को पकड़ने के लिए परफॉरमेंस कैप्चर टेक्नीक का इस्तेमाल करते हैं. उनके चेहरे पर एक कैमरा लगाया जाता है. जेम्स इस टेक्नीक को इतना आगे लेकर गए कि पहले कैमरा सिर्फ एक्टर्स के एक्सप्रेशन कैप्चर करता था. मगर अब वो उनके चेहरे की मसल तक डिटेक्ट करता है. यानी किसी के गाल के अंदर की मसल में हल्की-सी भी मूवमेंट हुई तो वो कैमरा उसे कैप्चर कर लेगा. उसके बाद फिर डायरेक्टर के पास ऑप्शन रहता है, कि उसे ये हिस्सा इस्तेमाल करना है या उसमें कुछ बदलाव करने हैं. लेकिन मुद्दे की बात ये है कि परफॉरमेंस कैप्चर की ये टेक्नीक इतना आगे जा चुकी है.

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‘अवतार 3’ में ऊना चैपलिन, जिन्होंने वरंग का रोल किया है.  

‘अवतार’ की पिछली दोनों फिल्मों में इंसान कहानी के विलेन थे. लेकिन ‘अवतार 3’ में जेम्स ने अपने यूनिवर्स का दायरा बढ़ाया. नावी के एक अन्य समुदाय की एंट्री हुई. ये इस पार्ट के विलेन हैं. इस सीरीज़ में कुल पांच फिल्में बननी हैं. जेम्स पहले ही बता चुके हैं कि तीसरे पार्ट के साथ चौथे और पांचवे पार्ट के बड़े हिस्सों का शूट भी हो चुका है. लेकिन यहां एक कैच भी है. जेम्स ने एक हालिया इंटरव्यू में बताया कि ‘अवतार 3’ बहुत बड़े स्केल पर बनी फिल्म है. इसे बनाने में करीब 400 मिलियन डॉलर खर्च किए गए हैं. भारतीय रुपये में ये करीब 3600 करोड़ होते हैं. ऐसे में अगर ये बॉक्स ऑफिस पर अच्छा पैसा नहीं कमाती तो मुमकिन है कि वो इस फ्रैंचाइज़ से दूरी बना लें. उनका प्लान है कि अगर ये फिल्म नहीं चलती तो वो आगे की कहानी को किताब के ज़रिए पेश करेंगे, और दो फिल्में बनाने की ज़हमत नहीं उठायेंगे. हालांकि ऐसा मुश्किल ही होगा. पहली वजह तो ये कि ‘अवतार’ बहुत बड़ी और नामी फ्रैंचाइज़ है. इसकी अपनी एक लॉयल ऑडियंस है. और दूसरी वजह है कि पिछली दोनों फिल्मों का अधिकांश हिस्सा शूट हो चुका है. ऐसे में स्टूडियो उन्हें बंद कर के अपना नुकसान नहीं करना चाहेगा. बाकी आगे की घटनाएं कैसे अपना आकार लेती हैं, उसका फैसला ‘अवतार 3’ पर ही निर्भर करेगा.          

वीडियो: जेम्स कैमरन की 'अवतार 3' से होगा रणवीर की 'धुरंधर' का क्लैश

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