तो आखिर ऐसा क्या है इस एनिमे की दुनिया में, जो लोगों को इतना भाता है? आइए आज आपको इसका पूरा तिया-पांचा समझा देते हैं.
#ये एनिमे क्या होता है?
'एनिमे' एक जापानी टर्म है. जिसकी कोई बहुत बड़ी डेफिनेशन नहीं है. एनिमेशन को ही जापानी में एनिमे बोलते हैं. लेकिन मॉडर्न कल्चर में जापानी एनिमेटेड शोज़ और फ़िल्मों की पॉपुलैरिटी के बाद दुनिया में स्पेसिफिकली जापानी एनिमेटेड शोज़ और फ़िल्मों को 'एनिमे' की कैटेगरी में डाला जाता है.कई लोग एनिमे में सभी जापानी एनिमेटेड शोज़ को भी नहीं रखते. वे सेमी-रियलिस्टिक, कॉम्प्लेक्स नेचर, एक्शन, डार्क, थ्रिलिंग शोज़ को ही एनिमे मानते हैं. बाकी लॉजिकली और एनिमे की असल डेफिनेशन के अनुसार बच्चों के बीच पॉपुलर 'निंजा हथौरी', 'शिनचैन' और 'पॉकेमोन' जैसे शोज़ भी 'एनिमे' ही कहलाएंगे.
एनिमे की जो आर्ट स्टाइल है, वो बाकी वर्ल्ड के एनिमेटेड कॉन्टेंट से अलग होती है. 'एनिमे' शोज़ में दिखने वाले कैरेक्टर के चेहरे ज़्यादा तीखे, बाल फ़ैले हुए और आंखें बड़ी-बड़ी होती हैं.

'ज़ोर्रो' मेरा पहला एनिमे शो.
#कहां से हुई शुरुआत?
ज़्यादातर एनिमे शोज़ और फ़िल्में 'मांगा' नाम से प्रचलित एक तरीके की कॉमिक्स पर बेस्ड हैं. 60 के दशक में रिलीज़ हुई 'स्पीड रेसर' पहली एनिमे फ़िल्म थी, जो अमेरिका में लोकप्रिय हुई थी. 1980 तक एनिमे शोज़ और फ़िल्मों ने वर्ल्ड ऑडियंस के बीच भी अपनी छाप छोड़ दी थी. 2001 में 'स्पिरिटेड अवे' नाम की एनिमे फ़िल्म ने ऑस्कर भी जीता था.
ऑस्कर विनिंग फ़िल्म.
#एनिमे और कार्टून में क्या फर्क होता है?
'कौन-कौन से कार्टून देखते हो?'स्कूल टाइम में कई दोस्तियों की शुरुआत इस एक सिंपल सवाल से हो जाती थी. इसी सवाल के जवाब से मालूम पड़ता था कि कौन लाइक माइंडेड है और कौन एकदम अपोज़िट खोपड़ी. खैर, ज्यादातर लोग कार्टून, एनिमे और एनिमेशन को लेकर कंफ्यूज़ रहते हैं. कि क्या अंतर है! बिल्कुल लोड नहीं लेना. आज हम आपके कार्टून और एनिमे से जुड़े सारे डाउट मिटा देंगे.
#कार्टून है क्या?
कार्टून टर्म ज़्यादातर कॉमिकल, नॉन रियलिस्टिक, लाइट हार्टेड, छोटे बच्चों को टारगेट कर रहे एनिमेटेड शोज़ और फ़िल्मों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के तौर पर 'स्कूबी डू', ' टॉम एंड जैरी', 'छोटा भीम'. इस आर्ट फॉर्म की शुरुआत अमेरिका में हुई थी. आज दुनिया का लगभग हर देश कार्टून शोज़ और फ़िल्में बनाता है.हमारी सोसाइटी में एक मिथ है कि ये एनिमेटेड शोज़ या फ़िल्में, सिर्फ़ बच्चों के देखने के मकसद से होती हैं. तो भाईसाब ऐसा बिल्कुल नहीं है. जिस तरीके से लाइव एक्शन फ़िल्में हर उम्र, हर वर्ग और अलग-अलग जॉनर के हिसाब से बनती हैं, उसी तरह एनिमेटेड शोज़ और फ़िल्में भी हर उम्र की ऑडियंस के लिए बनती हैं. कई एनीमेशन फ़िल्में तो रेटेड R कैटेगरी यानी सिर्फ़ एडल्ट्स के लिए भी होती हैं.

पॉपुलर कार्टून शो 'रीसेस'.
वैसे आजकल जेन ज़ी में एनिमे को लेकर क्रेज़ काफी बढ़ा हुआ है. लेकिन मिलेनियल प्रजाति भी 'पॉकेमोन', 'ड्रैगन बॉलज़ी', 'ज़ोरो' देखते हुए बड़ी हुई है. यानी पूरे चौड़े में 'बीन देयर, डन दैट' कर सकते हैं भाई लोग. वी होप एनिमे को लेकर आपके सारे डाउट क्लियर हो गए होंगे. तो चलिए अब चलते चलते आपको 'एनिमे' के मस्टवॉच शोज़ भी रिकमेंड करते जाते हैं. एन्जॉय.