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जब अजय देवगन की फिल्म के लिए नुसरत फतेह अली खान ने 55 गाने सुनाए, बोले, "चुन लीजिए"

पहले Kacche Dhaage फिल्म के लिए Nusrat Fateh Ali Khan ने म्यूज़िक बनाने से मना कर दिया था. मगर डायरेक्टर की बात से इंप्रेस होकर चार घंटे में 55 गाने सुना डाले.

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'कच्चे धागे' फिल्म का पोस्टर. दूसरी तरफ एक इवेंट के दौरान परफॉर्म करते नुसरत फतेह अली खान.

Ajay Devgn और Saif Ali Khan की फिल्म Kachche Dhaage की रिलीज़ को 25 साल पूरे हुए. इस मौके पर फिल्म के डायरेक्टर Milan Luthria ने फिल्म की मेकिंग पर बात की है. उन्होंने ये भी बताया कि इस फिल्म के लिए उन्होंने Nusrat Fateh Ali Khan को कैसे मनाया था. मिलन ने बॉलीवुड हंगामा के साथ हुए इंटरव्यू में बताया कि पहले नुसरत उनकी फिल्म के लिए म्यूज़िक कंपोज़ करने के लिए तैयार नहीं हुए. मगर फिर कुछ ऐसा हुआ कि वो मान गए. और मिलन को एक नहीं बल्कि 55 नए गाने सुनाए. जिसमें से उन्हें 'कच्चे धागे' के लिए 7 गाने चुनने थे.

1999 में मिलन लूथरिया ने 'कच्चे धागे' से अपना डायरेक्शन डेब्यू किया. इस फिल्म को रमेश तौरानी की टिप्स फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया था. बॉलीवुड हंगामा के साथ बातचीत में मिलन ने बताया कि उन दिनों 6-7 फिल्में प्रोड्यूस कर रहा था. उसी में से एक 'कच्चे धागे' भी थी. रमेश तौरानी ने पूछा कि मिलन किस म्यूज़िक डायरेक्टर के साथ काम करना चाहेंगे. मिलन ने किसी का नाम नहीं लिया. मगर उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी फिल्म के लिए थोड़े गांव के फील वाला मगर इंटरनेशनल फ्लेवर के गाने चाहिए. ये बड़ी अटपटी डिमांड थी.

एक दिन रमेश तौरानी ने मिलन को बताया कि उन्होंने अपनी एक फिल्म के लिए नुसरत फतेह अली खान को साइन किया है. उन्होंने मिलन से पूछा कि क्या वो नुसरत के साथ काम करना चाहेंगे. मिलन ने उसका जवाब हां में दिया. मगर नुसरत फतेह अली खान ने नए डायरेक्टर के साथ काम करने से इन्कार कर दिया. रमेश ने मिलन को कहा कि वो लंदन जाकर नुसरत से पर्सनली मिलें. मिलन लंदन पहुंचे. उन्होने देखा कि नुसरत के घर के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी हुई है. लोग वहां उनसे आशीर्वाद लेने आए थे. कुछ लोग अपने बच्चों के नामकरण के लिए भी वहां आते थे. फाइनली दोपहर के 2:30 बजे मिलन की मुलाकात नुसरत फतेह अली खान से हुई. मिलन ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें उनके साथ काम में दिक्कत है? इस पर नुसरत ने कहा-

"बुरा मत मानिए. मगर मैं आपके साथ काम नहीं कर सकता. मेरा शऊर मेरे लिए ज़्यादा ज़रूरी है."    

मिलन ने उनकी बात सुनी और समझी. फिर वो वहां से निकलने लगे. इतने में नुसरत साहब ने उनसे पूछा कि उनका पसंदीदा म्यूज़िक डायरेक्टर कौन है. मिलन ने कहा, मदन मोहन. नुसरत साहब ने कहा, बाप रे बाप! उन्होंने अपने एक शागिर्द से हार्मोनियम मंगवाई. अगले चार घंटों तक वो बिना रुके मदन मोहन साहब के गाने गाते रहे. शाम 6:30 बजे उन्होंने मिलन को कहा कि वो अभी जाएं. कल आकर उनसे मिलें. अगले दिन दोपहर 2:30 से लेकर शाम 6:30 तक नुसरत फतेह अली खान ने मिलन लूथरिया को 55 नए गाने सुनाए. और कहा- "इसमें से कोई भी 7 गाने चुन लीजिए."

इन्हीं चार घंटों में 'कच्चे धागे' फिल्म के सभी सातों गाने फाइनल हो गए. मिलन बताते हैं कि उस रात उन्हें नींद ही नहीं आई. वो रात भर लंदन में यहां-वहां घूमते रहे. उन्हें समझ आ गया था कि उन्हें अपनी फिल्म के लिए मास्टरपीस एल्बम मिल गया है. उस मीटिंग के बाद नुसरत साहब मुंबई आए. मिलन, दिग्गज गीतकार आनंद बख्शी को लेकर नुसरत साहब के होटल में जाते. वहां नुसरत धुन गुनगुनाते और आनंद बख्शी गाने लिखते.

हालांकि 'कच्चे धागे' की रिलीज़ से कुछ एक-डेढ़ साल पहले ही नुसरत फतेह अली खान का देहांत हो गया. वो 48 साल के थे. 

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