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वेब सीरीज़ रिव्यू: आर्या सीज़न 2

माफिया से लोहा ले रही सुष्मिता सेन ने कितना इम्प्रेस किया?

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सुष्मिता सेन ने 'आर्या' में बहुत ही बेहतरीन अभिनय किया है.
आज है फ्राइडे और आज डिज्नी+हॉटस्टार पर आया है 'आर्या' का सीज़न 2. जिसके आते ही हमने बिंज करते हुए भींज लिया. कैसा लगा हमें ये शो? 'मौजा ही मौजा' हुई या 'काटे न कटे रैना' हुई, आइये बतलाते हैं. # हाउसवाइफ से अंडरवर्ल्ड डॉन बनती आर्या इस सीज़न की शुरुआत वहीं से होती है, जहां पिछला सीज़न छूटा था. अगर आपने पहला सीज़न नहीं देखा है, तो यहीं से यू-टर्न ले लीजिए. आगे स्पॉइलर है. हाँ तो सीन ये है कि आर्या के पिता ज़ोरावर राठौर, भाई संग्राम राठौर और उदयवीर शेखावत ड्रग्स केस और आर्कोया के पति को मारने के आरोप में जेल में हैं. इनकी रिहाई के लिए कोर्ट में केस चल रहा है.
आर्या ने ACP यूनुस खान को वो पेन ड्राइव सौंप दी है, जिसमें ज़ोरावर के रशियन ड्रग्स माफ़िया के साथ मिले होने के सबूत थे. इसके बदले में खान ने आर्या और उसके परिवार को रशियन माफियाओं से बचाते हुए सुरक्षित ऑस्ट्रेलिया में सेटल करवा दिया. लेकिन कोर्ट में ज़ोरावर औऱ बाकियों के ख़िलाफ़ गवाही देने के लिए आर्या को वापस इंडिया आकर उन लोगों का सामना करना पड़ता है, जो उसके पति के मौत के ज़िम्मेदार हैं. वहीं दूसरी ओर उदयवीर शेखावत अपने बेटे की हत्या का बदला आर्या की जान लेकर लेना चाहता है. मुसीबत इतनी ही नहीं है रशियन गैंग भी अपने 300 करोड़ के ड्रग्स का कंसाइनमेंट किसी भी हालत में वापस चाहती है.
अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए आर्या एक तरफ़ जहां इन माफ़ियाओं से लड़ रही है, वहीं उसके बच्चे अभी भी अपने पिता तेज की मौत के दुख से उभर नहीं पाए हैं. आर्या का छोटा बेटा आदित्य जब अपने पिता के हत्यारे के सामने आता है, तो मेंटली डिस्टर्ब हो जाता है. आदित्य की थेरेपी शुरू हो जाती है. वहीं आदित्य की बड़ी बहन अरुंधति यानी आरु भी अब तक सदमे से उबर नहीं पाई है. जिस कारण वो डिप्रेशन में रहती है और उसे आत्महत्या करने के विचार भी आते रहते हैं. तीनों बच्चो में एक वीर ही है, जो ठीक है और अपनी मां और भाई-बहनों का सपोर्ट सिस्टम बना हुआ है. क्या इन सब मुसीबतों को पार कर आर्या वापस ऑस्ट्रेलिया जाकर सुख-चैन की ज़िंदगी जी पाएगी या यहीं फंस कर ख़ुद भी माफिया बन जाएगी? जानने के लिए डिज्नी+ हॉटस्टार पर देखिए 'आर्या'.
आर्या और उसका परिवार.
आर्या और उसका परिवार.

# 'आर्या' में मज़ा आ रेया? 'आर्या' डच सीरीज़ 'पैनोज़ा' का ऑफिशियल रीमेक है. 'पैनोज़ा' कहानी थी एक घरेलू हाउस वाइफ की जो अंडरवर्ल्ड डॉन बन जाती है. 'आर्या' सीज़न 2 को लिखा है संयुक्ता चावला शेख और अनु सिंह चौधरी ने. जिनकी यहां तारीफ़ बनती है. राइटर्स ने बहुत ही सलीके से आर्या के जीवन की उधेड़बुन रची है. असल माफ़िया कहानी से जुड़े रहते हुए उन्होंने जिस तरीके से प्यार की बदलती परिभाषाओं को, धोखे को, परिवार की बदलती परिस्थितियों को दिखाया है वो काबिले तारीफ़ है. हां शो की कहानी अन्य इसी तरीके के शोज़ से कुछ ज़्यादा अलग तो नहीं है. यहां भी वही सब हो रहा है जो वहां होता है. जिस कारण शो देखते हुए उस स्तर का थ्रिल तो नहीं आ पाता. लेकिन फ़िर भी शो मनोरंजन देने में कामयाब हो जाता है. 'आर्या 2' की शूटिंग भी ज़्यादातर राजस्थान में हुई है. लेकिन शो की सिनेमेटोग्राफी में राजस्थान की रॉयल वाइब्स मिसिंग रह जाती हैं.
सिकंदर खेर.
सिकंदर खेर.

# एक्टिंग कैसी थी आर्या प्ले करती हैं सुष्मिता सेन. आर्या का किरदार एक साथ बहुत सी उलझनों से जूझ रहा है. आर्या एक ऐसी औरत है, जो अपने पति की हत्या के सदमे से उबर रही है. जो अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत है. लेकिन ड्रग्स माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए शेरनी बनी हुई हैं. कहना पड़ेगा सुष्मिता ने इन सभी परिस्थितियों को अपने अभिनय में बाखूबी उतारा है. शो में वो एक्शन करती हुई भी दिखी हैं. हालांकि उनके द्वारा किये गए एक्शन सीन्स कुछ-कुछ 'अवेंजर्स' वाली ब्लैक विडो जैसे लगते हैं. बाकी ACP खान के रोल में विकास कुमार ने अच्छा अभिनय किया. हालांकि उन्होंने लंबे वक्त तक CID में काम किया है, तो उन्हें ये रोल करने में कोई खास दिक्कत नहीं आई होगी. हिना का रोल कर रहीं सुगंधा गर्ग भी स्क्रीन पर सहज लगती हैं. राजेश्वरी के रोल में सोहेला कपूर ने भी जस्टिस किया है. ज़ोरावर के किरदार में जयकांत कृपलानी भी उचित बैठते हैं. अलग से बात करना चाहूंगा यहां विश्वजीत प्रधान की, जिन्होंने संपत का करैक्टर का प्ले किया है. वैसे तो अपने करियर में विश्वजीत ने ज़्यादातर इसी तरीके के रोल किए हैं लेकिन इस शो में उनके किरदार में गहराई देखने को मिली. दौलत के रोल में सिकंदर खेर ने भी संपूर्ण न्याय किया है.
 विश्वजीत प्रधान.
विश्वजीत प्रधान.

# देखें या नहीं? 'आर्या' की थ्रिल और मनोरंजन की ट्रेन बार-बार पटरी पर चढ़ती उतरती रहती है. हालांकि अंत के एपिसोड तक ट्रेन थोड़ी रफ़्तार पकड़ती है लेकिन आप जैसै ही क्लाइमेक्स के लिए सेट होते हो, डेली सोप की तरह एपिसोड खत्म हो जाता है. तो कुल बात ये है 'आर्या' का सीज़न 2 आपको बहुत ज़्यादा एक्साइट तो नहीं करता लेकिन बोर भी नहीं करता. मीडियम पेस वाले शोज़ अगर आपको पसंद हो, तो आर्या ज़रूर देखिए. हां अगर सब फ़ास्टम फ़ास्ट वाले शोज़ के शौकीन हैं तो 'आर्या' का सीज़न 2 शायद आपको उतना ना भाए. ये थी हमारी राय. बाकी आप के ऊपर.

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