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BJP से तीन बार सांसद रहे नेता ने पद छोड़ते हुए क्यों कहा, 'मैं सबसे सीनियर वाजपेयी का शिष्य'

प्रभुदयाल कठेरिया ने कहा, "जुल्म करने वाले से ज्यादा जुल्म सहने वाला गुनहगार होता है"

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पहली तस्वीर में प्रभु दयाल कठेरिया अपने समथकों के साथ, दूसरी में अपने बेटे के साथ (फोटो: प्रभु दयाल कठेरिया/ फेसबुक)
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले BJP से नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है. अब पार्टी को आगरा में बड़ा झटका लगा है. यहां के पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया ने BJP में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उनके बेटे ने BJP छोड़ आम आदमी पार्टी (AAP) जॉइन कर ली है. क्यों छोड़ी BJP? पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया BJP प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हैं. तीन बार के सांसद कठेरिया लंबे समय से भाजपा से टिकट पाने की उम्मीद लगाए बैठे थे, इस बार उन्होंने पांचवी बार BJP से टिकट मांगा था. उन्होंने साल 2012 , 2014, 2017 और 2019 में अपने लिए टिकट की मांग की थी, जबकि इस बार वे अपने बेटे अरुण कांत कठेरिया के लिए आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे. लेकिन BJP आलाकमान ने इस बार आगरा ग्रामीण से पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को चुनाव मैदान में उतार दिया. 'इस समय बीजेपी में जूनियर लोग हैं' आजतक से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वह अब BJP में किसी भी पद पर काम नहीं करेंगे, लेकिन भाजपा के सदस्य बने रहेंगे. कठेरिया ने कहा,
"मैंने भारतीय जनता पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी का सदस्य बना रहूंगा. मैंने बेटे के लिए पार्टी से टिकट मांगा था लेकिन मुझे टिकट नहीं दिया गया."
बेटे को टिकट न मिलने से बेहद नाराज कठेरिया ने आगे कहा,
"जुल्म करने वाले से ज्यादा जुल्म सहने वाला गुनहगार होता है...मैं पिछले 30 साल से पार्टी में सेवा कर रहा हूँ. अपने लिए 2012 से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहा हूं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन देते रहे. आज तो बहुत जूनियर लोग हैं, मैं बीजेपी के सबसे सीनियर पंडित अटल बिहारी वाजपेयी का शिष्य हूं. मैंने बीजेपी को उस समय चुनाव जिताया था, जब पार्टी का वजूद नहीं था, सिर्फ दो सांसद थे. वर्ष 1991 से लेकर लगातार 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा का चुनाव जीता हूं. अगर पार्टी मुझे और मेरे समाज का लगातार तिरस्कार करेगी तो इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ेगा."
कठेरिया के बेटे अरुण कांत AAP से ताल ठोकेंगे BJP की ओर निराशा हाथ लगने के बाद प्रभु दयाल कठेरिया के बेटे अरुण कांत ने AAP की सदस्यता ग्रहण कर ली है. अब वे आगरा की ग्रामीण विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे. आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष विनय सिंह ने इसकी पुष्टि भी की है. उन्होंने बताया,
"अरुण कांत कठेरिया को आम आदमी पार्टी के टिकट पर आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया जाएगा, पार्टी के घोषित प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई. जिसके बाद पार्टी ने अरुण कांत को उतारने का फैसला किया."
बतादें कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कई नेता पाला बदलकर दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं. न केवल भाजपा बल्कि सपा और कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ी है. इनमें अधिकांश नेता वे हैं, जिन्हें या तो उनकी पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया या फिर जिन्हें टिकट न मिलने की आशंका थी.