परिवारवाद, परिवारवाद. चुनाव आते ही खूब बखान होता है. मगर इससे कोई पार्टी अछूती नजर नहीं आती. लेकिन सबसे ज्यादा कांग्रेस को ही घेरा जाता है. इस बार बीजेपी ने भी बेटों-बेटियों का खूब ख्याल रखा है. पीएम मोदी की नसीहत के बावजूद कई नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया गया. ऐसे में सवाल तो उठता ही है कि कांग्रेस पर परिवारवाद की सियासत करने और वंशवाद को बढ़ावा देने के बीजेपी के इल्ज़ामों का अब क्या होगा. परिवारवाद को लेकर बहुत से इल्ज़ाम सुने होंगे. और पांच राज्यों के चुनावों के दौरान और सुनोगे. तो फिर कांग्रेस को ही क्यों परिवारवाद के लिए कोसें. यहां आप जानिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी की उन बेटियों के बारे में भी जो चुनावी विरासत को संभालने के लिए यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में उतरी हैं.
यूपी में बीजेपी-कांग्रेस की इन पांच बेटियों का जीतना तय है!
किसी के पिता नौ बार के विधायक, तो किसी ने 24 साल बाद बदली पार्टी.

मृगांका सिंह

मृगांका सिंह
यूपी की कैराना सीट से बीजेपी ने मृगांका सिंह को उतारा है. वो कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं. हुकुम सिंह ही वो नेता थे, जिन्होंने मुस्लिम माफियाओं की वजह से कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाया था. मृगांका अपने चुनाव में इसी मुद्दे को भुनाने की तैयारी में हैं. उनकी पढ़ाई भारत के बाहर ही हुई है, इसलिए लोकल लेवल पर लोग उन्हें ज्यादा नहीं जानते. अभी वो एक स्कूल चलाती हैं.

हुकुम सिंह
मृगांका को उनके चचेरे भाई अनिल चौहान की जगह टिकट मिला है. अनिल को बीजेपी ने 2014 के उप-चुनाव में टिकट दिया था, जिसमें वो हार गए थे. बीजेपी से टिकट न मिलने पर अनिल RLD में चले गए और अब बीजेपी के परिवारवाद को कोस रहे हैं.
कैराना से बीएसपी कैंडिडेट: राव अब्दुल वारिस कैराना से एसपी-कांग्रेस कैंडिडेट: पंकज मलिक
नीलिमा कटियार

नीलिमा कटियार
कानपुर की कल्याणपुर सीट से बीजेपी ने प्रेमलता कटियार की बेटी नीलिमा कटियार को टिकट दिया है. नीलिमा लंबे समय तक ABVP से जुड़ी रही हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है. लेकिन, इससे भी बड़ी वजह हैं नीलिमा की मां प्रेमलता, जो 1991 से 2007 तक लगातार विधायक रहीं. 2012 की सपा लहर में वो चुनाव नहीं निकाल सकीं. इस बार उन्होंने अपनी बेटी को टिकट दिलाया है.

प्रेमलता कटियार
प्रेमलता कल्याण सिंह से राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के अलावा मायावती तक की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. उन्हें कल्याण सिंह का करीबी माना जाता है, जो अभी राजस्थान के राज्यपाल हैं. कल्याण के पोते संदीप को भी बीजेपी ने अतरौली से टिकट दिया है.
कल्याणपुर से बीएसपी कैंडिडेट: दीपू कुमार निषाद कल्याणपुर से सपा-कांग्रेस कैंडिडेट: सतीश निगम
रीता बहुगुणा जोशी

कांग्रेस छोड़ बीजेपी जॉइन करते समय अमित शाह के साथ रीता
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी रीता बहुगुणा जोशी इस बार बीजेपी के बैनर तले चुनाव लड़ने जा रही हैं. 24 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद वो पिछले साल 21 अक्टूबर को बीजेपी में शामिल हो गई थीं. पार्टी ने उन्हें लखनऊ कैंट सीट से टिकट दिया है. अंदरखाने की खबरों के मुताबिक रीता इस बात से नाराज थीं कि कांग्रेस ने यूपी में शीला दीक्षित को सीएम कैंडिडेट बना दिया. रीता 2007 से 2012 तक यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं.

हेमवती नंदन बहुगुणा
कांग्रेस में रहते हुए रीता इसी सीट से विधायक रही हैं. रीता के भाई विजय बहुगुणा ने जज बनने से लेकर उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया. इस बार वो अपने विरोधियों पर कोई सीधा हमला नहीं कर रही हैं, लेकिन अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रही हैं.
लखनऊ कैंट से बीएसपी कैंडिडेट: योगेश दीक्षित लखनऊ कैंट से सपा-कांग्रेस कैंडिडेट: अपर्णा यादव (मुलायम की छोटी बहू)
आराधना मिश्रा

सपा के मैनिफेस्टो लॉन्चिंग में अखिलेश और डिंपल के साथ आराधना
प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट से कांग्रेस ने उतारा है आराधना मिश्रा को, जो यहां की सिटिंग MLA हैं. लेकिन, इससे भी खास बात ये कि वो यूपी के दिग्गज कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से प्रमोद ने ही जीत दर्ज की थी, लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. सीट खाली होने पर पार्टी ने उपचुनाव में आराधना को उतारा और वो जीत गईं.

प्रमोद तिवारी
राज्यसभा सांसद बनने से पहले प्रमोद नौ बार विधायक रहे. इनके बारे में कहा जाता है कि कांग्रेस जैसे-जैसे यूपी में कमजोर होती गई, प्रमोद मजबूत होते गए. हालांकि, आराधना की दावेदारी की वजह से इस सीट पर कांग्रेस के जीतने की संभावना ज्यादा है.
रामपुर खास से बीएसपी कैंडिडेट: अशोक कुमार सिंह रामपुर खास से बीजेपी कैंडिडेट: नागेश प्रताप सिंह
अदिति सिंह

चुनावी दौरे पर अदिति सिंह
गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली की रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस ने अदिति सिंह को टिकट दिया है. अदिति पांच बार के विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं. अखिलेश सिंह रायबरेली सदर सीट के मौजूदा विधायक हैं. हालांकि, बीच में उन्होंने पीस पार्टी जॉइन की थी, लेकिन अभी वो कांग्रेस के साथ हैं. हालिया दिनों में अदिति प्रियंका गांधी के संपर्क में थीं और प्रियंका ने ही उन्हें कांग्रेस जॉइन करने के लिए कन्विंस किया.

अखिलेश सिंह
अदिति की पढ़ाई अमेरिका से हुई है और देश वापस लौटने के बाद उन्होंने पिता के साथ राजनीति में दखल देना शुरू किया. रायबरेली और अमेठी की सीटों पर सपा-कांग्रेस में खींचतान भी चल रही थी. अदिति सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं और अपने दौरों के बारे में जानकारी देती रहती हैं.
रायबरेली सदर से बीएसपी कैंडिडेट: शहबाज खान रायबरेली सदर से बीजेपी कैंडिडेट: अनीता श्रीवास्तव
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