कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने तेलंगाना के हैदराबाद में 6 अप्रैल को चुनावी रैली को संबोधित करते हुए देश में 'आर्थिक' और 'सामाजिक' सर्वे कराने की बात कही है. राहुल ने दावा किया कि अगर पार्टी जीतकर सत्ता में आई तो देश में जातिगत जनगणना के साथ 'आर्थिक सर्वे' भी कराया जाएगा ताकि पता लगाया जा सके कि किसके पास कितना पैसा पहुंच रहा है. यानी की देश की अधिकतर संपत्ति पर किसका कंट्रोल है.
'जातिगत जनगणना' के बाद 'सामाजिक-आर्थिक सर्वे',राहुल गांधी का नया चुनावी वादा क्या है?
कांग्रेस ने 5 अप्रैल को जारी किए गए अपने घोषणापत्र में जाति जनगणना के साथ 'Financial' और 'Institutional' सर्वे करावाने का वादा किया है. लेकिन इस सर्वे के मायने क्या हैं?

कांग्रेस ने 5 अप्रैल को जारी किए गए अपने घोषणापत्र में भी जनगणना के साथ सामाजिक-आर्थिक सर्वे करावाने का वादा किया है. पार्टी का कहना है कि इन्हीं आंकड़ों के आधार पर जनता को योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. राहुल ने हैदराबाग में अपने संबोधन में 'जितनी आबादी उतना हक' का नारा देते हुए कहा,
हम सबसे पहले जातिगत जनगणना करेंगे. ताकि ये पता लगाया जा सके कि कितने लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अल्पसंख्यकों से आते हैं. इसके बाद हम 'आर्थिक' और 'सामाजिक' सर्वे का ऐतिहासिक कदम उठाएंगे.
राहुल ने आगे कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की संख्या कुल आबादी का 90% है. लेकिन वो नौकरियों में नहीं दिखते. सच्चाई ये है कि इस 90% आबादी के पास कोई हिस्सेदारी नहीं है. 90 IAS अधिकारी देश का प्रशासन चला रहे हैं लेकिन उनमें से केवल 3 ओबीसी, 1 आदिवासी और 3 दलित हैं. कांग्रेस ये सुनिश्चित करेगी कि सभी क्षेत्रों में हर समुदाय का प्रतिनिधित्व रहे. पार्टी सभी को उनका उचित हिस्सा देगी.
ये भी पढ़ें- जिस मांग पर सरकार को घेर रहे हैं किसान, उस पर राहुल गांधी का बड़ा वादा
ये रैली हैदराबाद से 27 किलोमीटर दूर तुक्कुगुडा में हुई. उसी जगह जहां पार्टी ने पिछले साल विधानसभा चुनावों के लिए अपनी 6 चुनाव 'गारंटियों' की घोषणा की थी. वहीं तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटें पर 13 मई को एक ही चरण में वोटिंग होगी. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.
वीडियो: खर्चा पानी: राहुल गांधी के पास कौन से 25 शेयर, सालभर में कितनी कमाई?