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महाराष्ट्र: किसे मिलेगी CM की कुर्सी? कितने फॉर्मूले सामने आए? बिहार वाला माहौल बनाया जा रहा!

Eknath Shinde Vs Devendra Fadnavis: राजनीति में जो लोकप्रिय परंपरा रही है, उसके हिसाब से गठबंधन में जिसकी सबसे ज्यादा सीटें होती हैं, अमूमन CM पद भी उन्हीं के पास होता है. पर राजनेताओं के लिए एक 'धर्मसंकट' तब भी होता है जब उनकी पार्टी के सत्ता में रहते हुए उनको CM पद से हटने की स्थिति बनती है.

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चुनाव परिणाम के बाद एक-दूसरे को मिठाई खिलाते देवेन्द्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे. (फोटो: PTI)

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद (Maharashtra CM) पर सस्पेंस बना हुआ है. कई स्टेकहोल्डर्स दिल्ली में ‘डेरा’ जमाए हुए हैं. इस मामले को लेकर सस्पेंस इसलिए है कि चुनाव में भाजपा सबसे अधिक सीटें मिली हैं. भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति में इस बात की चर्चा है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री BJP से होगा या शिवसेना (एकनाथ शिंदे) से? एकनाथ शिंदे ने CM पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, नए CM के चयन तक वो सरकार के ‘केयर टेकर’ बने रहेंगे.

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चुनाव परिणाम आने के बाद देवेन्द्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे थे. इस दौरान चर्चा चली कि वो मुख्यमंत्री पर बातचीत के राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. चुनाव से पहले राज्य में शिवसेना के एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे. भाजपा के देवेन्द्र फडणवीस और एनसीपी (अजित पवार) के प्रमुख अजित पवार उप मुख्यमंत्री थे. राज्य में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत है. इस चुनाव में भाजपा को अकेले 132 सीटों पर जीत मिली है. राजनीति में जो लोकप्रिय परंपरा रही है, उसके हिसाब से गठबंधन में जिसकी सबसे ज्यादा सीटें होती हैं, अमूमन CM पद भी उन्हीं के पास होता है. पर राजनेताओं के लिए एक 'धर्मसंकट' तब भी होता है जब उनकी पार्टी के सत्ता में रहते हुए उनको CM पद से हटने की स्थिति बनती है.

ऐसी ही एक स्थिति में भाजपा ने बिहार में एक अपवाद पेश किया है. वर्तमान में बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास भाजपा से काफी कम सीटें हैं. इसके बावजूद नीतीश कुमार वहां के मुख्यमंत्री बने हुए हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 132 सीटों के साथ अकेले सरकार तो नहीं बना सकती. लेकिन इसके लिए एकनाथ शिंदे की पार्टी की भी उतनी ज्यादा जरूरत नहीं है. शिंदे की पार्टी को 57 सीटों पर और अजित पवार की पार्टी को 41 सीटों पर जीत मिली है.

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इस तरह इन तीनों दलों को मिलाकर कुल 230 सीटों पर जीत मिली है. यानी कि स्पष्ट बहुमत. मुख्यमंत्री पद के लिए देवेन्द्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे, दोनों के समर्थकों ने दावा पेश किया है. नई सरकार के लिए कई फॉर्मूलों की चर्चा है. इसी में से एक फॉर्मूला है- बिहार फॉर्मूला. हालांकि, जानकार बता रहे हैं कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि भाजपा महाराष्ट्र में बिहार फॉर्मूले पर सहमत होगी. कारण कि दोनों जगहों की स्थिति काफी अलग है. बिहार में भाजपा को सबसे अधिक सीटें जरूर मिली हैं. लेकिन वो बिना नीतीश कुमार की सहायता के सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. दूसरा एंगल केंद्र की PM मोदी की सरकार को लेकर भी है. लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद नीतीश कुमार को ‘किंगमेकर’ कहा गया. क्योंकि अगर नीतीश और चंद्रबाबू नायडू भाजपा का साथ छोड़ दें तो उनके लिए सरकार बनाए रखना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में भाजपा के लिए नीतीश से 'रार' करना मुश्किलों से भरा हो सकता है.

दूसरी ओर महाराष्ट्र में भाजपा इस बार एकनाथ शिंदे के समर्थन के बिना सरकार बनाने की स्थिति में है. उनकी पार्टी के 57 सीटों को हटा दें तो सिर्फ अजित पवार की पार्टी के समर्थन से भाजपा के पास 173 सीटें होती हैं. जो बहुमत के ऊपर है. ऐसे में स्थिति ऐसी बन रही है कि एकनाथ शिंदे को दूसरे फॉर्मूले पर सहमत होना पड़ सकता है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों ही दल एक-दूसरे को मनाने में लगी है. भाजपा एकनाथ शिंदे को CM पद छोड़ने के लिए मना रही है तो वहीं शिंदे के समर्थक उनके इस पद पर बनाए रखने की बात कर रहे हैं.

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इस बीच जनसत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक जो दूसरा फॉर्मूला सामने आया है उसके अनुसार, एकनाथ शिंदे को कैबिनेट मंत्री का पद ऑफर किया गया है. और उसके बदले उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा. साथ ही अजित पवार भी उप मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे. इस तरह भाजपा दोनों ही दलों को साधने की कोशिश में है.

इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा है कि बिना किसी विवाद के गठबंधन के सभी दलों के साथ बातचीत के बाद CM पद पर फैसला लिया जाएगा. महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि इसका फैसला भाजपा आलाकमान करेगी. वहीं एकनाथ शिंदे की पार्टी के एक नेता ने कहा है कि महायुति गठबंधन ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा. और ऐतिहासिक जीत मिली. इसलिए उन्हें ही मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए. शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का फैसला शिंदे को मान्य होगा. इससे पहले केसरकर ने भी शिंदे के लिए मुख्यमंंत्री पद की मांग की थी.

महायुति गठबंधन में जन सुराज्य शक्ति को 2, राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान पार्टी को 1 और राजर्षी शाहू विकास अघाड़ी को 1 सीट पर जीत मिली है.

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