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मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस बनाकर क्या साधना चाहता है महागठबंधन? VIP प्रमुख की पूरी कहानी

Who is Mukesh Sahani: उनकी पार्टी VIP की संभावित 15 सीटें EBC इलाकों पर फोकस करती हैं. जानकारों का कहना है कि महागठबंधन में VIP की मौजूदगी EBC वोटों का 5-7% उसके पक्ष में कर सकती है. बिहार की 243 सीटों पर कड़े मुकाबले में यह बेहद अहम है.

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विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी, CPI-ML के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (बीच में) और RJD नेता तेजस्वी यादव (दाएं). (फोटो- PTI)

बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) ने गुरुवार 23 अक्टूबर को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के चेहरों का ऐलान कर दिया. लंबे वक्त की बातचीत के बाद कांग्रेस ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया है. इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम सहनी का ही था. महागठबंधन उनके नाम के लिए राजी कैसे हुआ, इसके पीछे की पॉलिटिक्स क्या है, चलिए बताते हैं. 

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कैसे राजी हुए मुकेश सहनी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया कि सहनी पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने के लिए तैयार नहीं थे. वह इसके लिए तभी राजी हुए जब उन्हें भरोसा दिलाया गया कि उन्हें महागठबंधन के डिप्टी सीएम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महागठबंधन के नेता. (फोटो- PTI)

चेहरों का ऐलान करते हुए अशोक गहलोत ने मंच से कहा कि तेजस्वी एक यंग और डाइनैमिक लीडर हैं. उन्हें विश्वास है कि वह हमारी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे. मुकेश सहनी संघर्ष से उठे हुए नेता हैं और मल्लाह समाज के मसीहा हैं. उन्हें गठबंधन का डिप्टी सीएम चेहरा बनाया जा रहा है. यह ऐलान करते हुए गहलोत ने धीरे से यह बात भी सरका दी कि चुनाव जीतने के बाद समाज के दूसरे वर्ग के कुछ लोगों को भी डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.

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इस वजह से क्यों बनाए गए डिप्टी सीएम का चेहरा

रिपोर्ट के मुताबिक, सहनी को डिप्टी सीएम का चेहरा बनाए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह है, उनका वोट बैंक. वह अति पिछड़े समाज (EBC) से आते हैं. ‘अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की बिहार में आबादी का 36% हैं. इनमें से निषाद आबादी का लगभग 9.6% हैं. इसमें मल्लाह उपजाति की आबादी का 2.6% है और सहनी इसी समाज से आते हैं. मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, खगड़िया, वैशाली और उत्तर बिहार के कुछ अन्य जिलों में निषाद प्रभावशाली हो सकते हैं. 

सहनी की पार्टी से महागठबंधन को क्या फायदा

सहनी की पार्टी का 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में कुल वोट शेयर 1.62% था. उन्होंने कुल चार सीटें जीती थीं. पिछले साल के लोकसभा चुनावों में VIP ने पूर्वी चंपारण, झंझारपुर और गोपालगंज में फिर से चुनाव लड़ा, और उसका कुल वोट शेयर 2019 में 1.66% से बढ़कर 2.71% हो गया. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश की पार्टी VIP की संभावित 15 सीटें EBC इलाकों पर फोकस करती हैं. जानकारों का कहना है कि महागठबंधन में VIP की मौजूदगी EBC वोटों का 5-7% उसके पक्ष में कर सकती है. बिहार की 243 सीटों पर कड़े मुकाबले में यह बेहद अहम है. वहीं, सहनी का BJP विरोधी रवैया नौकरियों और बाढ़ को लेकर गठबंधन की सत्ता विरोधी लहर को भी हवा दे रहा है.

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कौन हैं मुकेश सहनी?

मुकेश सहनी दरभंगा जिले के सुपौला बाजार गांव के रहने वाले हैं. वह बिहार की राजनीति में सक्रिय रहे हैं. राज्य में उनकी पहचान ‘सन ऑफ मल्लाह’ के तौर पर है. सहनी बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. बीते लोकसभा चुनाव में भी वह चर्चा में रहे. चुनाव के पहले ही वो INDIA गठबंधन में शामिल हो गए थे. उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ कई चुनावी रैलियों को संबोधित किया. राजनीति में आने से पहले वो मुंबई में फिल्मों के सेट डिजाइन किया करते थे.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: तेजस्वी यादव बने महागठबंधन के CM उम्मीदवार, कांग्रेस पहले राजी क्यों नहीं थी?

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