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देवाशीष जरारिया ने कांग्रेस छोड़ी, बोले- 'लगता है मेरी राजनीतिक हत्या की जिम्मेदारी ले रखी है'

चर्चा है कि Devashish Jarariya ने लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. हालांकि उन्होंने इसकी एक और वजह बताई है. इधर इस्तीफे के बाद बसपा ने उन्हें भिंड से लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बना दिया है.

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उन्होंने ये भी कहा कि किसी बड़े नेता ने टिकट कटने के बाद बात भी नहीं की (Image: X)

मध्यप्रदेश में कांग्रेस के युवा दलित नेता देवाशीष जरारिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस पर कई आरोप भी लगाए हैं. कहा है कि वो तो दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस को अपने जीवन के कीमती साल देकर भविष्य बर्बाद कर लिया. देवाशीष जरारिया भिंड-दतिया से लोकसभा चुनाव का टिकट पाने की जुगत में थे. लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. पार्टी ने उनका टिकट काट दिया जिसके बाद इस्तीफे और आरोपों के जरिये उनका गुस्सा सामने आया है.

देवाशीष जरारिया का कांग्रेस से इस्तीफा

कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में देवाशीष जरारिया को भिंड-दतिया से उम्मीदवार बनाया था. तब वो चुनाव हार गए थे. हालांकि वो दावा करते हैं कि चुनावी हार के बाद भी क्षेत्र में ऐक्टिव रहे और इस बार भी टिकट की आस में थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें दूसरी बार मौका नहीं दिया जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस्तीफा भेज दिया.

आजतक की खबर के मुताबिक देवाशीष ने कहा, "मेरा भविष्य चौपट कर दिया. मुझे दिल्ली से यहां लेकर आए. अच्छा-भला मैं दिल्ली में वकालत की पढ़ाई कर रहा था. मुझे यहां 5 साल क्षेत्र में काम करने के लिए कहा गया था. अब मेरा टिकट काट दिया."

इस्तीफे में जरारिया ने ये तक लिख दिया, "ऐसा लगता है कांग्रेस के नेताओं ने मेरी राजनीतिक हत्या की जिम्मेदारी ले रखी है… मुझे दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया." 

इस्तीफे में देवाशीष ने जिक्र किया है कि पार्टी ने उन्हें हाशिए पर धकेल दिया है. इसी के चलते उन्हें ये फैसला लेना पड़ा. युवा नेता ने ये भी कहा कि उन्हें संगठन ने भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी. 

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X पर एक यूजर ने देवाशीष के पोस्ट पर कहा कि इस मोड़ पर उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए था. इसके जवाब में उन्होंने लिखा कि टिकट कटना ही सिर्फ इस्तीफे की वजह नहीं थी. देवाशीष के मुताबिक उन्होंने पार्टी से स्थान मांगा था ताकि सम्मान से काम कर सकें, लेकिन पर वो भी नहीं दिया गया.

हालांकि चुनाव लड़ने की जरारिया की इच्छा पूरी कर दी गई है. कांग्रेस छोड़ने के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने बीएसपी जॉइन कर ली. इसके साथ ही पार्टी ने उन्हें टिकट भी दे दिया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ अपना फोटो पोस्ट कर देवाशीष ने लिखा कि अब प्रतिद्वंद्वियों को ‘हाथी की ताकत’ का एहसास कराया जाएगा.

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