लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी (Congress) को एक और झटका लगा है. सूरत (Surat) के बाद अब एक और कांग्रेस कैंडिडेट ने अपना नाम वापस ले लिया है. इंदौर लोकसभा सीट (Indore Lok sabha Seat) से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) ने न सिर्फ अपना नामांकन वापस लिया है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का दामन भी थाम (Indore Candidate Switches To BJP) लिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है.
अब इंदौर में हुआ 'खेला', कांग्रेस प्रत्याशी ने आखिरी दिन लिया नाम वापस, BJP में शामिल
Indore Lok sabha Seat से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार Akshay Kanti Bam ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. वरिष्ठ BJP नेता Kailash Vijayvargiya के साथ उनकी एक तस्वीर आई है.

इंदौर लोकसभा सीट पर चुनाव के लिए 25 अप्रैल तक नामांकन भरे गए थे. नाम वापसी के लिए 29 अप्रैल दिन आखिरी दिन था. अक्षय कांति बम ने 24 अप्रैल को इस सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था. लेकिन नॉमिनेशन वापस लेने के आखिरी दिन उन्होंने कांग्रेस पार्टी को झटका दे दिया. इसके कुछ देर बाद ही अक्षय कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए.
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कैलाश विजयवर्गीय ने अक्षय बम के साथ सेल्फी शेयर की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है.”
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस नेता सुभाषिनी यादव का बयान सामने आया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से कहा,
सूरत के कैंडिडेट का नामांकन हुआ था रद्द“डर और दवाब में आकर इस तरह के परिणाम आ रहे हैं. स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि सभी दलों और विभिन्न समुदाय के लोगों को भागीदारी मिले. ऐसा सूरत के साथ-साथ इंदौर में भी हुआ. पार्टी कमजोर नहीं है. इससे जाहिर है कि किस तरह लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.”
बताते चलें कि इंदौर लोकसभा सीट पर मतदान 13 मई को होगा. इससे पहले सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुंभानी (Nilesh Kumbhani) का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया गया था. जिला चुनाव अधिकारी और कलेक्टर सौरभ पारघी ने उनके नामांकन को 21 अप्रैल को रद्द किया था.कुंभानी के नामांकन के लिए जो तीन प्रस्तावक सामने आए थे. उनके डॉक्यूमेंट में 'गड़बड़ी' पाई गई थी. उनके तीन प्रस्तावकों ने एक हलफनामे में दावा किया था कि उन्होंने कुंभानी के नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. जिसके बाद इस सीट से BJP के मुकेश दलाल को निर्विरोध चुन लिया गया था.