झारखंड (Jharkhand assembly election) में इंडिया ब्लॉक में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होने के अगले दिन ही आपसी मतभेद खुलकर सामने आ गए. गठबंधन के सहयोगी राजद ने सीट बंटवारे के फार्मूले पर खुलेआम असहमति जताई है. और इसे एकतरफा बताया है. वहीं JMM और कांग्रेस के बीच भी कुछ सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. 19 अक्तूबर की शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि इंडिया गठबंधन सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. जिसमें उनकी पार्टी JMM और कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. और बाकी सीट गठबंधन सहयोगियों के लिए छोड़ी जाएगी. जिसमें राजद और वाम दल शामिल हैं. कौन किस सीट से लड़ेगा, इसका फैसला अभी नहीं हुआ है.
झारखंड में सीट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में फंस गया पेच, अकेले लड़ने की नौबत आ गई?
Jharkhand में सीट बंटवारे को लेकर India Bloc के आपसी मनमुटाव खुलकर सामने आ गया है. RJD ने सीट बंटवारे को लेकर असहमति जताई है. वहीं Congress और JMM के बीच भी कुछ सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है.


जब हेमंत सोरेन ये बात पत्रकारों से साझा कर रहे थे, उस वक्त उनके साथ कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और उनके अलावा कांग्रेस और JMM के अन्य नेता मौजूद थे. लेकिन रांची में होने के बावजूद तेजस्वी यादव या आरजेडी और लेफ्ट का कोई नेता वहां नहीं था.
सीट शेयरिंग का फार्मूला सामने आने के कुछ घंटे बाद ही राजद सांसद मनोज झा ने इससे असहमति जताई. उन्होंने इसे एकतरफा बताते हुए राजद के लिए और सीटों की मांग की है. मनोज झा ने रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी को 12-13 सीटों से कम मंजूर नहीं है. उन्होंने दावा किया कि राजद का 18 से 20 विधानसभा सीट पर मजबूत जनाधार है.
मनोज झा ने आगे कहा,
हमारा एकमात्र उद्देश्य बीजेपी को हराना है. हम इंडिया ब्लॉक को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. अगर हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, फिर भी वह 60-62 सीटों पर इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी.
JMM से जुड़े सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कांग्रेस और JMM में कुछ सीटों पर गतिरोध है. और इसको लेकर हेमंत सोरेन कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से नाराज हैं. उन्होंने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से बातचीत की है. जिसमें सीट बंटवारे को लेकर असहमति सामने आई है. वेणुगोपाल ने कहा कि राजद को JMM कोटे से ज्यादा सीटें दी जानी चाहिए. इस बातचीत का परिणाम पॉजिटिव नहीं रहा.
सूत्रों ने बताया कि तय फॉर्मूले के मुताबिक, JMM को 50 सीटें मिलनी थीं. और उन्हें अपने कोटे में लेफ्ट पार्टियों को भी शामिल करना था. बाकी बची 31 सीटें कांग्रेस को मिलनी थीं. जिसमें उन्हें राजद को भी शामिल करना था.
JMM के एक नेता ने बताया,
राजद बिना किसी आधार के बात कर रही है. जिससे मुश्किलें पैदा हो रही हैं. वह दूसरे स्थान पर रहने वाले सीटों को गिन रही है. जबकि हम जीती हुई सीटों को गिन रहे हैं. और उन्होंने केवल एक सीट जीती है. अगर कांग्रेस राजद को शामिल करना चाहती है, तो उन्हें अपने कोटे से ऐसा करना चाहिए. राष्ट्रीय स्तर पर राजद और कांग्रेस सहयोगी हैं. इसमें क्षेत्रीय पार्टी JMM को परेशान होने की क्या जरूरत है!
जिन 70 सीटों के लिए समझौता हुआ है. उनमें से 41 सीटें JMM और 29 सीटें कांग्रेस के खाते में जाने की उम्मीद है. हालांकि, राजद के बगावती तेवर दिखाने के बाद पेच फंसता नजर आ रहा है. कांग्रेस का राज्य नेतृत्व पार्टी हाईकमान से इस मामले पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में है.
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