The Lallantop

Hajipur Lok Sabha Election Result: हाजीपुर से चिराग पासवान जीत गए, राजद उम्मीदवार को कितने वोट मिले?

Chirag Paswan Lok Sabha Seat Results 2024: चिराग पासवान हाजीपुर से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले वो Jamui से चुनाव लड़ते थे.

Advertisement
post-main-image
लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान का मुकाबला राजद के शिवचंद्र राम से है.

बिहार के हाजीपुर लोकसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान चुनाव जीत गए हैं. चिराग का मुकाबला राजद के शिवचंद्र राम से था. चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, चिराग को 6 लाख 15 हजार 718 वोट मिले हैं. वहीं शिवचंद्र राम को 4 लाख 45 हजार 613 वोट मिले हैं. इस तरह चिराग को 1 लाख 70 हजार 105 वोटों से जीत मिली है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले चिराग जमुई से चुनाव लड़ते थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में जमुई में चिराग का मुकाबला उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा (अब रालोद) के भूदेव चौधरी से था. चिराग को 5 लाख 28 हजार 771 वोट मिले और भूदेव को 2 लाख 87 हजार 716 वोट मिले थे. पासवान को 2 लाख 41 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल हुई थी. इससे पहले 2014 में भी उनको यहां से करीब 85 हजार वोटों से जीत मिली.

इस बार चिराग ने अपने लिए हाजीपुर सीट चुना. जमुई सीट से उन्होंने अपने जीजा अरूण भारती को चुनावी मैदान में उतारा है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: बिहार की राजनीति में कुछ 'बड़ा' होने वाला है? शरद पवार नीतीश, नायडू और नवीन पटनायक के संपर्क में

हाजीपुर की सत्ता पर पासवान परिवार की पकड़

इससे पहले हाजीपुर से चिराग के चाचा पशुपति पारस को और उससे पहले यहां से उनके पिता रामविलास पासवान को जीत मिली थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पशुपति पारस का मुकाबला राजद के शिवचंद्र राम से ही था. तब रामविलास पासवान की पार्टी के दो फांक नहीं हुए थे. तब चिराग और पशुपति पारस की एक ही पार्टी हुआ करती थी. पार्टी का नाम था, लोजपा. पशुपति पारस को 5 लाख 41 हजार 310 वोट मिले थे. वहीं शिवचंद्र राम को 3 लाख 35 हजार 861 वोट मिले थे. पारस को 2 लाख से अधिक वोटों से जीत मिली थी.

इससे पहले 2014 के चुनाव में रामविलास पासवान का मुकाबला कांग्रेस के संजीव प्रसाद टोनी से था. रामविलास को 4 लाख 55 हजार 652 वोट मिले थे. वहीं संजीव को 2 लाख 30 हजार 152 वोट मिले. इस तरह रामविलास पासवान को 2 लाख 25 हजार से अधिक वोटों से जीत मिली.

Advertisement

वैसे तो हाजीपुर सीट पर पासवान परिवार की मजबूत पकड़ बताई जाती है. लेकिन रामविलास पासवान को यहां से दो बार हार का सामना पड़ा था. लोकसभा चुनाव 2009 में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU) के राम सुंदर दास ने उनको हरा दिया था. उससे पहले 1984 में कांग्रेस के राम रतन राम ने रामविलास को करीब 50 हजार वोटों से हरा दिया था. 

रामविलास ने 1977 में हाजीपुर की सत्ता पर जीत हासिल की. 1980 में फिर से जीतें. इसके बाद 1989 में उनको यहां से जीत मिली. इसके बाद 1996 में जीते और फिर लगातार 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में जीतते रहे.

हाजीपुर के लिए पासवान परिवार में घमासान

अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान का देहांत हो गया. कुछ समय बाद ही चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस में विवाद शुरू हो गया. पार्टी टूट गई. पशुपति पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी हो गया. चुनाव के पहले तक चाचा और भतीजा दोनों हाजीपुर सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे. दोनों में से कोई भी इस सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. अंतत: NDA ने हाजीपुर की सीट चिराग के खाते में डाला.

पशुपति पारस को बिहार में एक भी सीट नहीं मिला. सीट बंटवारे के पहले से पशुपति कह रहे थे कि अगर उन्हें NDA में उचित सम्मान नहीं दिया गया तो वो स्वतंत्र हैं और उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं. वो कहीं भी जाने को तैयार रहेंगे. जब सीट बंटवारा हुआ तब वो केंद्र सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री थे. नाराज होकर उन्होंने मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया. चर्चा चली कि पशुपति INDIA गठबंधन से जुड़ने के बारे में विचार कर रहे हैं.

लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वो कहीं नहीं जा रहे और सोशल मीडिया X पर अपने नाम के फिर से ‘मोदी का परिवार’ लिख दिया. इसके बाद से वो बिहार में होने वाली चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी के मंच पर दिखते रहे.

वीडियो: नेता नगरी: एग्जिट पोल में BJP की बंपर जीत, सौरभ द्विवेदी और राजदीप सरदेसाई क्या बोले?

Advertisement