आज तक के संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 जनवरी तक इन 5 राज्यों में रैलियों, रोड शो, जुलूस जलसे, साइकिल, मोटर साइकिल या वाहन रैली आदि पर बैन रहेगा. निर्वाचन आयोग ने शनिवार, 15 जनवरी को पांचों राज्यों में चुनाव व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के कई दौर के बार अनेक हिदायतों के साथ बताया कि इनडोर सभागार में हॉल की क्षमता से आधे लोगों की सभा की जा सकती है. लेकिन ये ध्यान रहे कि अधिकतम 300 लोग ही वहां मौजूद रह सकते हैं. फिर हॉल चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो.

पांच राज्यों की तारीखों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया था कि कोरोना वायरस के खतरे को लेकर काफी सारी तैयारियां की गई हैं.
एक बजे निर्वाचन आयोग की वर्चुअल बैठक में पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी शामिल हुए. इसी बैठक में पिछली दोनों मीटिंग से मिले इनपुट के आधार पर रैलियों, जुलूस, रोड शो पर लगी पाबंदियों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. लखनऊ में शुक्रवार को हुई कथित वर्चुअल रैली पर भी चर्चा हुई. जिसमें लगभग डेढ़ पौने दो हजार लोग कोविड प्रोटोकॉल और निर्वाचन आयोग की हिदायतों को दरकिनार कर इकट्ठा हुए थे. घंटे तक नेताओं ने भाषण भी किया. इस जमावड़े को वर्चुअल रैली बताया गया.
बैठक में कोविड संक्रमण की रफ्तार और उपायों पर विस्तार से चर्चा हुई. स्वास्थ्य सचिव और पांचों राज्यों के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने एकराय से बताया कि संक्रमण की रफ्तार अभी थमी नहीं है. हालांकि कोविड के नए वेरिएंट ऑमिक्रोन के संक्रमण की तीव्रता डेल्टा जैसी नहीं घातक नहीं है. लेकिन अभी पाबंदियों में छूट दिया जाना उचित नहीं है. बैठक में विशेषज्ञों और अधिकारियों ने राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता में कोविड प्रोटोकॉल के प्रति उदासीनता और उपेक्षा पर चिंता जताई. कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से पालन कराने पर जोर दिया गया. आयोग ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो चुनावी कार्यक्रम के सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह पर ही चलेगा.